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By admin: March 1, 2022

भारत ने यूक्रेन से भारतीयों को स्वदेश वापसी हेतु तेज किए प्रयास

Tags: International Relations

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में भारत सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित घर वापस लाने के लिए कई प्रयासों की घोषणा की है।

सरकार राहत उपायों के समन्वय के लिए अपने चार कैबिनेट मंत्रियों को यूक्रेन के चार पड़ोसी देशों में  विशेष दूत के रूप में भेजेगी।

  • नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया और मोल्दोवा की यात्रा करेंगे। 

  • कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू, स्लोवाकिया की यात्रा करेंगे।
    पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री और आवास व शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी, हंगरी की यात्रा करेंगे।

  • सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय में राज्य मंत्री जनरल वी. के. सिंह (सेवानिवृत्त) पोलैंड की यात्रा करेंगे।

विदेश मंत्रालय यूक्रेन में फसे लोगों के मदद के लिए हेल्पलाइन चला रहा है, और भारतीय अधिकारी पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया, रोमानिया और मोल्दोवा में सीमा चौकियों पर तैनात हैं। लेकिन इन चौकियों पर, विशेष रूप से पोलैंड-यूक्रेन सीमा पर, भीड़भाड़ के कारण लोगों में संघर्ष हों रहा है। यूक्रेन से पोलैंड जाने वाली सीमा पर लोगों की लम्बी कतार लगी हुई है, जिसके कारण लोगों कोे  दो या तीन दिनों तक काफी ठंड में इंतजार करना पड़ रहा  है।

इस सन्दर्भ में उस देश में उपस्थित मंत्री कागजी कार्रवाई में मदद करेंगे जिससे निकास प्रक्रिया में तेजी आएगी।

प्रधान मंत्री ने यह भी कहा कि पड़ोसी देशों और विकासशील देशों के जो भी नागरिक यूक्रेन छोड़ना चाहते हैं, उन्हें यूक्रेन छोड़ने में भारत द्वारा मदद की जाएगी।

भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा के अनुरोध पर भारत सरकार यूक्रेन की सीमाओं पर दवाई सहित राहत सामग्री की पहली खेप भेजेगी।

भारत सरकार के अनुसार 24 फरवरी 2022 को रूसी आक्रमण से पहले लगभग 8000 भारतीय यूक्रेन छोड़ चुके थे। यूक्रेन में अभी भी 12,000 भारतीय हैं। वे मुख्य रूप से मेडिकल छात्र हैं जो चिकित्सा का अध्ययन करने के लिए यूक्रेन गए थे।

प्रधान मंत्री ने स्लोवाकिया के प्रधान मंत्री श्री एडुआर्ड हेगर और रोमानिया के प्रधान मंत्री श्री निकोले-इओनेल सियुसी से भी बात की और धन्यवाद दिया।

2022 की तीसरी तिमाही में भारतीय सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि धीमी

Tags: Economy/Finance

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने 28 फरवरी 2022 को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए अपना दूसरा अग्रिम अनुमान जारी किया है।

रिपोर्ट की मुख्य बातें

  • तीसरी तिमाही (अक्टूबर 2021 से दिसंबर 2021) में भारतीय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 5.4% की वृद्धि हुई। यह चालू वित्त वर्ष 2021-22 में एक तिमाही में सबसे धीमी वृद्धि है।

  • पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में जीडीपी में 20.3% की वृद्धि हुई और दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में यह 8.5% बढ़ी।

  • 2021-22 की तीसरी तिमाही में स्थिर (2011-12) कीमतों पर जीडीपी का अनुमान 38.22 ट्रिलियन रुपये था, जबकि 2020-21 की तीसरी तिमाही में 36.26 ट्रिलियन रुपये था, जो 5.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

  • तीसरी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 5.4% है, जो इसे चीन से अधिक विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बनाती है। 

  • 2021-22 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 8.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि 2020-21 में यह 6.6 प्रतिशत थी।

  • विकास दर बजट अनुमान से कम है जिसमें 2021-22 के लिए 9.2% की वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया था।

  • आरबीआई ने अपनी नवीनतम मौद्रिक नीति में 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 9.2% की वृद्धि दर का अनुमान लगाया है।

  • अक्टूबर-दिसंबर 2021-22 में जीडीपी 38,22,159 करोड़ रुपये रही, जो 2020-21 की इसी अवधि में 36,22,220 करोड़ रुपये से अधिक है।

क्षेत्र वार वृद्धि 

  • एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार, विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि में सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) की वृद्धि एक वर्ष पहले के 8.4 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में 2021-22 की तीसरी तिमाही में लगभग 0.2 प्रतिशत पर स्थिर रही।

  • तीसरी तिमाही में कृषि क्षेत्र की जीवीए वृद्धि 2.6 प्रतिशत धीमी रही, जबकि एक वर्ष पहले यह 4.1 प्रतिशत थी।

  • निर्माण क्षेत्र के जीवीए में एक वर्ष पहले 6.6 फीसदी की वृद्धि के मुकाबले 2.8 फीसदी की गिरावट आई है।

  • 5.3 प्रतिशत के संकुचन के मुकाबले खनन क्षेत्र में 8.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

  • चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य उपयोगिता सेवा खंड में 3.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो एक वर्ष पहले 1.5 प्रतिशत थी। 

  • इसी तरह, व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से जुड़ी सेवाओं में एक वर्ष पहले के 10.1 प्रतिशत संकुचन की तुलना में 6.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

  • वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं की वृद्धि तीसरी तिमाही में 4.6 प्रतिशत रही, जबकि पिछले वर्ष यह 10.3 प्रतिशत थी।

  • समीक्षाधीन तिमाही के दौरान लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं में एक वर्ष पहले के 2.9 प्रतिशत संकुचन की तुलना में 16.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

  • केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ)
    यह राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय का हिस्सा है जो केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
    इसे पहले केंद्रीय सांख्यिकी संगठन कहा जाता था।
    सीएसओ निम्नलिखित के संबंध में डेटा एकत्र और जारी करता है:
    राष्ट्रीय आय ;
    उद्योगों का वार्षिक सर्वेक्षण;
    आर्थिक जनगणना;
    शहरी गैर-मैनुअल कर्मचारियों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक;
    औद्योगिक उत्पादन का सूचकांक
    सीएसओ मुख्यालय: नई दिल्ली

आईपीसीसी ने वैश्विक जलवायु परिवर्तन के अपरिवर्तनीय प्रभाव की चेतावनी दी

Tags: Popular Science and Technology

इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) ने पृथ्वी के लिए एक गंभीर भविष्य की चेतावनी दी है यदि वैश्विक तापन जारी रहती है और वैश्विक तापमान 1.5% से अधिक बढ़ता है।

  • नवीनतम चेतावनियां आईपीसीसी की छठी आकलन रिपोर्ट के दूसरे भाग में आई हैं जो जलवायु परिवर्तन के प्रभावों, जोखिमों और कमजोरियों और अनुकूलन विकल्पों के बारे में बात करती है। रिपोर्ट का पहला भाग पिछले वर्ष अगस्त में जारी किया गया था।

  • आकलन रिपोर्ट, जिनमें से पहली 1990 में सामने आई थी, पृथ्वी की जलवायु की स्थिति का सबसे व्यापक मूल्यांकन है। इसके पश्चात् वर्ष 1995, 2001, 2007 और 2015 में  रिपोर्ट जारी की गई। 

रिपोर्ट में उन बढ़ते प्रभावों पर प्रकाश डाला गया है जो वैश्विक तापमान में वृद्धि के रूप में अपेक्षित हैं, जो वर्तमान में 1.1C के आसपास है, जो 1850 के स्तर से 1.5C तक बढ़ गया है।

रिपोर्ट की मुख्य बातें

  • दक्षिण एशिया अपनी असमानता और गरीबी के कारण गंभीर जलवायु परिवर्तन प्रभावों के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील है।

  • एशिया में गंगा, सिंधु, अमु दरिया नदी घाटियों को 2050 तक पानी की गंभीर कमी का सामना करना पड़ेगा। यह इस क्षेत्र में कृषि और पेयजल की कमी पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा।

  • अहमदाबाद शहर शहरी ऊष्मा द्वीप प्रभाव के जोखिम का सामना कर रहा है। इसका अर्थ है कि शहर का औसत तापमान आसपास के क्षेत्रों की तुलना में अधिक रहेगा।

  • मुंबई में समुद्र का स्तर बढ़ने और इसके परिणामस्वरूप बाढ़ आने का उच्च जोखिम है।

  • यदि तापमान 1-4 डिग्री सेंटीग्रेड बढ़ता है तो दुनिया में चावल का उत्पादन 10-30% तक गिर सकता है और मक्के का उत्पादन 25-70% तक गिर सकता है।

  • यदि तापमान 1850 के स्तर से 1.7 और 1.8C के बीच बढ़ता है, तो रिपोर्ट में कहा गया है कि आधी मानव आबादी गर्मी और उमस से उत्पन्न होने वाली जीवन-धमकी वाली जलवायु परिस्थितियों के संपर्क में आ सकती है।

बढ़ता समुद्र स्तर: 

आईपीसीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अगर सरकारें अपने मौजूदा उत्सर्जन-कटौती वादों को पूरा करती हैं, तो इस सदी में वैश्विक समुद्र का स्तर 44-76 सेंटीमीटर बढ़ जाएगा। तेजी से उत्सर्जन में कटौती के साथ, वृद्धि 28-55 सेमी तक सीमित हो सकती है।

लेकिन उच्च उत्सर्जन के साथ, और यदि बर्फ की चादरें अपेक्षा से अधिक तेज़ी से गिरती हैं, तो समुद्र का स्तर इस सदी में 2 मीटर और 2150 तक 5 मीटर तक बढ़ सकता है।

आईपीसीसीसी

जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल की स्थापना विश्व मौसम विज्ञान संगठन और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा 1988 में की गई थी।

आईपीसीसी का उद्देश्य

इसको स्थापित  करने का मुख्य उद्देश्य था की यह :

  • जलवायु परिवर्तन के विज्ञान के ज्ञान की स्थिति के संबंध में एक व्यापक समीक्षा और सिफारिशें तैयार करेगा ;

  • जलवायु परिवर्तन के सामाजिक और आर्थिक प्रभाव का आंकलन करेगा ,

  • भविष्य में होने वाले संभावित जलवायु पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए रणनीतियाँ बनाना और इसमें शामिल होने वाले संभावित तत्त्व को  तलाश करना ।

इसका मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्जरलैंड;

वर्तमान अध्यक्ष: होसुंग ली;

इसने 2007 में पूर्व अमेरिकी उप-राष्ट्रपति अल गोर के साथ नोबेल शांति पुरस्कार साझा किया।

अन्य महत्वपूर्ण तथ्य: 

वेट बल्ब तापमान क्या है? 

मानव शरीर गर्मी और आर्द्रता के बाहरी वातावरण के आधार पर हमारे शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है। यदि तापमान अधिक होता है तो हमारा शरीर पसीने से हमारे शरीर के तापमान को कम करने की कोशिश करता है। हम जितना अधिक पसीना बहाते हैं, उतनी ही तेजी से शीतलन होता है। हालाँकि यदि आर्द्रता (हवा में जलवाष्प) अधिक है तो हमारे शरीर की ठंडा करने की क्षमता भी कम हो जाती है। इसलिए शुष्क गर्मी अत्यधिक आर्द्रता की तुलना में अधिक सहनीय महसूस करती है।

वेट-बल्ब का तापमान, ऊष्मा और आर्द्रता दोनों के लिए उत्तरदायी होता है, और यह दर्शाता है कि मानव शरीर में शीतलन के लिए दोनों संयोजनों (ऊष्मा और आर्द्रता) का क्या अर्थ है।

इस तापमान को मापने में सामान्य थर्मामीटर आदर्श नही होता, बल्कि इसके लिए वेट बल्ब थर्मामीटर इस्तेमाल होता है। इसमें पारा तो होता है लेकिन ये गीले कपड़े से कवर किया जाता है। इसमें आमतौर पर मलमल का कपड़ा उपयोग में लाया जाता है और उसे ठंडे पानी से भरे बर्तन में डुबोकर रखते हैं। इससे जो मापन तापमान लिया जाता है, वो हवा में नमी का संकेत देता है।

वेट बल्ब के तापमान के लिए 35 डिग्री सेंटीग्रेड को अधिकतम सीमा माना जाता है। 

यदि वेट बल्ब का तापमान 35 डिग्री सेंटीग्रेड तक पहुंच जाता है तो एक सामान्य स्वस्थ इंसान पसीने से अपने शरीर की गर्मी नहीं खो सकता है और अगर वे काफी समय तक बाहर रहते हैं तो हीट स्ट्रोक से मृत्यु हो सकती है।

पृथ्वी के तापमान में निरंतर वृद्धि के साथ, वेट बल्ब के तापमान की घटना का जोखिम सामान्य होने की उम्मीद है।

हसमुख अदिया पुनः बैंक ऑफ बड़ौदा के चेयरमैन नियुक्त

Tags: Popular Person in news

भारत सरकार ने पूर्व वित्त सचिव हसमुख अदिया को 1 मार्च 2022 से अगले दो वर्षों के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में पुनः नियुक्त किया है।

वह 2018 में भारत सरकार के वित्त सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए।

बैंक ऑफ बड़ौदा

यह भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के बाद भारत में तीसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक है।

जिन बैंकों में भारत सरकार के पास 51% या अधिक इक्विटी शेयर हैं, उन्हें भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कहा जाता है।

प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ): संजीव चड्ढा

बैंक का मुख्यालय: वडोदरा, गुजरात

बैंक की टैगलाइन: भारत का अंतर्राष्ट्रीय बैंक

मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस 2022

Tags: Popular Summits

मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस एक वार्षिक टेक और स्मार्टफोन सम्मलेन है जो आमतौर पर बार्सिलोना, स्पेन में फरवरी महीने के अंत में आयोजित होता है।  

  • इस वर्ष यह 28 फरवरी से 3 मार्च 2022 तक आयोजित किया जा रहा है।

  • कांग्रेस नवीनतम स्मार्टफोन और नेटवर्किंग पर ध्यान केंद्रित करती है। 

  • इस आयोजन में सैमसंग, ऐप्पल आदि जैसी सभी प्रमुख शीर्ष स्मार्टफोन कंपनियां भाग लेती हैं।

स्मार्टफ़ोन से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य : 

  • सबसे पहले स्मार्टफोन का आविष्कार 1992 में अमेरिका की आईबीएम कंपनी ने किया था इसे साइमन पर्सनल कम्युनिकेटर कहा जाता था।

  • चीन दुनिया का सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाजार है।

  • भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाजार है और संयुक्त राज्य अमेरिका तीसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाजार है।

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