DAILY CURRENT AFFAIRS

By admin: Oct. 17, 2021

भारत-रूस ने डीएपी उर्वरक आपूर्ति पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

Tags:

खबरों में क्यों:

भारत ने 12 अक्टूबर को डीएपी उर्वरकों की आपूर्ति पर रूस के साथ एक "दीर्घकालिक समझौता" ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

डीएपी क्या है?

  • डीएपी के रूप में लोकप्रिय डाई-अमोनियम फॉस्फेट भारत में एक पसंदीदा उर्वरक है क्योंकि इसमें नाइट्रोजन और फास्फोरस दोनों होते हैं एवं प्राथमिक मैक्रो-पोषक तत्व होते हैं तथा इसके साथ ही साथ 18 आवश्यक पौधों के पोषक तत्वों के हिस्से मौजूद होते हैं। 
  • यह अपने उत्कृष्ट भौतिक गुणों और पोषक तत्वों की वजह से बहुत लोकप्रिय उर्वरक है। 
  • डीएपी पानी में घुलनशील तत्व है क्योंकि इसमें अमोनिया (NH4) होता है  और अंततः मिट्टी पर अम्ल प्रभाव छोड़ता है 

संयोजन:

  •  डीएपी में 18% नाइट्रोजन और 46% फास्फोरस होता है।
  • IUPAC नाम: डायमोनियम हाइड्रोजन फॉस्फेट
  • रासायनिक सूत्र: (NH4)2(HPO4)

प्रमुख बिंदु:

  •  डीएपी की कीमतों को स्थिर करना है, क्योंकि उच्च मांग के कारण यह कीमत लगातार बढ़ रही है।
  •  जॉर्डनमोरोकोचीन आदि जैसे देशों पर निर्भरता को कम करना।
  •  भारत विश्व में डीएपी का सबसे बड़ा आयातक है
  •  चीन विश्व का सबसे बड़ा निर्यातक है
  •  रूस डीएपी के शीर्ष पांच निर्यातकों में आता है।
  •  भारत में यूरिया के बाद, डीएपी का बड़े पैमाने पर उपयोग होता है 

स्वास्थ्य पोर्टल की बर्बादी:

Tags:

खबरों में क्यों?

सरकार ने गांधी जयंती के अवसर पर एक वेब पोर्टल लॉन्च किया है जिसमें प्रौद्योगिकी प्रदाताओं और सरकार को एक साथ लाने के लिए तथा हितधारकों और शहरी स्थानीय निकायों को देश की अपशिष्ट समस्याओं का पता लगाने के लिए यह वेब पोर्टल  लॉन्च किया गया।  

उद्देश्य:

  •  नई प्रौद्योगिकियों के विकास की पहचान और समर्थन करने के लिए जो एक स्वच्छ और हरित वातावरण बनाने में मदद कर सकते हैं
  •  विज्ञानप्रौद्योगिकी और नवाचार का लाभ उठाकर स्वच्छ भारत मिशन और स्मार्ट सिटी परियोजना को बढ़ावा देना और बढ़ाना हैं।
  •  परिपत्र आर्थिक मॉडल बनाना जो अपशिष्ट प्रबंधन के लिए आर्थिक रूप से व्यवाहरिक हों
  •  प्लास्टिक कचरा एकत्र करना भी इसका मुख्य उद्देश्य है।

अतिरिक्त जानकारी: 

वेटलैंड ऑफ इंडिया पोर्टल: 

खबरों में क्यों?

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने 2 अक्टूबर को "वेटलैंड ऑफ इंडिया" नाम का एक वेब पोर्टल लॉन्च किया।

  •  यह आर्द्रभूमि से संबंधित सभी सूचनाओं को पहुंचाने के रूप में कार्य करेगा।
  •  पोर्टल परप्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश का एक डैशबोर्ड हैजिसके माध्यम से वह अपने प्रशासन में आर्द्रभूमि की जानकारी प्राप्त कर सकता है। जल्द   हीपोर्टल अतिरिक्त सुविधाओं की मेजबानी करेगा।

आर्द्रभूमि:

  •  आर्द्रभूमियां न केवल पारिस्थितिक तंत्र के लिए बल्कि हमारी जलवायु के लिए भी महत्वपूर्ण हैंजो जल विनियमनबाढ़ नियंत्रण और जल शोधन जैसी आवश्यक   सेवाएं प्रदान करती हैं।
  • आर्द्रभूमि कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने में भी सक्षम है।
  • आर्द्रभूमियों को "पृथ्वी की किडनी" कहा जाता है।

अतिरिक्त जानकारी:

  •  भारत में अब कुल 46 रामसर साइटें हैं।
  •  हाल ही में 4 नए आर्द्रभूमि स्थलों को आर्द्रभूमि की सूची में जोड़ा गया है।
  •  हरियाणा के दो भिंडावास वन्यजीव अभयारण्य और सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान हैं।
  •  अन्य दो गुजरात से हैं अर्थात् थोल झील वन्य जीवन अभयारण्य और वाधवाना आर्द्रभूमि।
  •  रामसर कन्वेंशन या वेटलैंड्स का कन्वेंशन 1971 में स्थापित किया गया था और वर्ष 1975 में लागू हुआ था।
  •  भारत ने 1 फरवरी 1982 को रामसर कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए।
  •  पहला विश्व आर्द्रभूमि दिवस 2 फरवरी 1997 को मनाया गया।
  •  चिल्का झील भारत का सबसे बड़ा रामसर स्थल है।
  •  चिल्का झील (उड़ीसा) और केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (राजस्थान) को भारत के पहले रामसर स्थलों के रूप में मान्यता दी गई थी।
  •  भारत में 8 भारतीय आर्द्रभूमियों के साथ उत्तर प्रदेश में रामसर स्थलों की संख्या सबसे अधिक है।
  •  हिमाचल प्रदेश में रेणुका आर्द्रभूमि भारत की सबसे छोटी आर्द्रभूमि है।

 

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की पहली बटालियन की एक टीम ने माउंट बलबाला चोटी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की है।

Tags:

खबरों में क्यों?

हाल ही मेंभारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की पहली बटालियन की एक टीम ने उत्तराखंड में 21,050 फीट की ऊंचाई पर माउंट बलबाला चोटी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की है।

  • यह पहली बार है जब कोई भारतीय टीम शिखर पर पहुंची है।

अतिरिक्त जानकारी:

  •  अंतर्राष्ट्रीय एवरेस्ट दिवस हर साल 29 मई को मनाया जाता है।
  •  29 मई 1953 को सर एडमंड हिलेरी द्वारा माउंट एवरेस्ट के पहले शिखर सम्मेलन की याद में हर साल यह दिवस मनाया जाता है।
  •  एक हांगकांग पर्वतारोही (त्सांग यिन-हंग) ने केवल 26 घंटों में एक महिला द्वारा दुनिया की सबसे तेज एवरेस्ट चढ़ाई दर्ज की।
  •  एक भारतीय पर्वतारोही भावना डेहरिया ने कोसियुज़्को पर्वत पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की है। यह ऑस्ट्रेलिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी है।
  • माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली महिला जुंको ताबेई थीं और वह सभी सात महाद्वीपों में सात सबसे ऊंचे पहाड़ों पर चढ़ने वाली पहली महिला थीं।

Please Rate this article, so that we can improve the quality for you -