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जम्मू के सांबा जिले का पल्ली गांव कार्बन न्यूट्रल बनने वाला देश का पहला पंचायत बन गया है, जो पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल को 500 किलोवाट का यह सौर संयंत्र राष्ट्र को समर्पित किया, जिसे लगभग तीन सप्ताह के रिकॉर्ड समय में स्थापित किया गया है।
यह संयंत्र विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) के तहत भारत सरकार के उद्यम सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) द्वारा स्थापित किया गया है।
6,408 वर्ग मीटर के कुल क्षेत्रफल में लगाए गए सभी 1,500 सौर पैनल, केंद्र के 'ग्राम ऊर्जा स्वराज' कार्यक्रम के तहत मॉडल पंचायत के 340 घरों को स्वच्छ बिजली प्रदान करेंगे।
यह गांव भारत के इतिहास में पहले कार्बन-तटस्थ सौर गांव के रूप में दर्ज हो गया है।
यह गांव जम्मू कश्मीर की शीतकालीन राजधानी जम्मू से 17 किलोमीटर दूर स्थित है। यह परियोजना 2.75 करोड़ रुपए की लागत से पूरी की गई है।
यह ग्लासगो लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
कार्बन तटस्थता क्या है?
कार्बन तटस्थता, इस विचार को संदर्भित करता है कि जितना अधिक कार्बन डाइऑक्साइड निकलता है, उतना ही अधिक कार्बन डाइऑक्साइड वातावरण से हटा दिया जाता है।
इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हर बड़े आर्थिक क्षेत्र को पर्यावरण के अनुकूल होना चाहिए।
सभी देशों को कोयले और गैस को अक्षय ऊर्जा स्रोतों जैसे पवन या सौर ऊर्जा संयंत्रों से बदलकर अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना चाहिए।
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इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) के अनुसार, भारत ने चीनी नागरिकों को जारी किए गए पर्यटक वीजा को निलंबित कर दिया है।
भारत चीन के विश्वविद्यालयों में पंजीकृत लगभग 22,000 भारतीय छात्रों की परेशानी को चीन के समक्ष उठाता रहा है,ये छात्र वहां जा कर कक्षाएं नहीं ले पा रहे हैं।
चीन ने अभी तक इन छात्रों को देश में आने की मंजूरी नहीं दी है।
वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण इन छात्रों को अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़कर भारत लौटना पड़ा था।
भारत को लेकर 20 अप्रैल को जारी एक सर्कुलर में इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) ने कहा, ''चीन के नागरिकों को जारी किए गए टूरिस्ट वीजा अब वैध नहीं हैं
भूटान, भारत, मालदीव और नेपाल के नागरिक; भारत द्वारा जारी निवास परमिट वाले यात्री; भारत द्वारा जारी वीज़ा या ई-वीज़ा वाले यात्री; भारत के विदेशी नागरिक (ओसीआई) कार्ड या बुकलेट वाले यात्री; भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ) कार्ड वाले यात्री; और राजनयिक पासपोर्ट वाले यात्री भारत में प्रवेश कर सकते हैं।
दस साल की वैधता वाले पर्यटक वीजा अब मान्य नहीं हैं।
क्या है टूरिस्ट वीजा
पर्यटक वीजा एक आधिकारिक दस्तावेज या टिकट है जो किसी व्यक्ति को अवकाश और पर्यटन के उद्देश्य से किसी विदेशी देश में प्रवेश करने के लिए अधिकृत करता है।
इसे "यात्रा वीजा", "आगंतुक वीजा", या "अस्थायी प्रवास वीजा" के रूप में भी संदर्भित किया जा सकता है।
यह धारक को थोड़े समय के लिए मेजबान देश में रहने की अनुमति देता है। यह कई दिनों से लेकर कई महीनों तक हो सकता है।
प्रवास के दौरान, पर्यटक वीजा धारकों को काम करने या गैर-पर्यटक गतिविधियों में संलग्न होने की अनुमति नहीं है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुंबई में 80वें वार्षिक मास्टर दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार समारोह में राष्ट्र और समाज के लिए उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए पहले लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि वह इस पुरस्कार को देश के सभी नागरिकों को समर्पित करते हैं।
यह पुरस्कार भारत रत्न लता मंगेशकर की स्मृति में स्थापित किया गया है।
मास्टर दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार का उद्देश्य संगीत, नाटक, कला, चिकित्सा और सामाजिक कार्य के क्षेत्र के दिग्गजों को सम्मानित करना है।
हर साल यह पुरस्कार उस व्यक्ति को दिया जाएगा जिसने देश, उसके नागरिकों और समाज के लिए उत्कृष्ट, शानदार और असाधारण उपलब्धियां हासिल की हैं।
यह पुरस्कार मास्टर दीनानाथजी की स्मृति में दिया जाएगा जो एक गायक, संगीतकार और रंगमंच कलाकार थे, संगीत के क्षेत्र में इनका महत्वपूर्ण योगदान भारत के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है।
मंगेशकर परिवार द्वारा उनके सम्मान में दीनानाथ मंगेशकर स्मृति पुरस्कार का आयोजन किया गया।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नई दिल्ली में रायसीना डायलॉग के सातवें संस्करण का उद्घाटन किया।
रायसीना डायलॉग के मुख्य अतिथि यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयन थीं।
डायलॉग 25 अप्रैल से 27 अप्रैल तक तीन दिनों तक चलेगा।
इस कार्यक्रम में विभिन्न देशों के कई पूर्व प्रधान मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी भाग लेंगे।
रायसीना डायलॉग 2022 में 90 देशों के 210 से अधिक वक्ताओं के साथ लगभग 100 सत्र आयोजित होंगे।
रायसीना डायलॉग क्या है?
यह भारत का प्रमुख विदेश नीति सम्मेलन है।
यह ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के सहयोग से विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित एक वार्षिक भू-राजनीतिक कार्यक्रम है।
यह सिंगापुर में आयोजित शांगरी-ला डायलॉग की तर्ज पर आयोजित किया गया।
इसका नाम रायसीना हिल्स से लिया गया है, जहां भारत की सत्ता की सीट रहती है।
पहला रायसीना डायलॉग मार्च 2016 में आयोजित किया गया था और थीम "एशिया" क्षेत्रीय और वैश्विक कनेक्टिविटी थी।
पहला रायसीना डायलॉग मार्च 2016 में आयोजित किया गया था और थीम "एशिया" क्षेत्रीय और वैश्विक कनेक्टिविटी” थी।
इसे एक बहु-प्रतिनिधि, चर्चा मंच के रूप में डिज़ाइन किया गया है, जिसमें वैश्विक नीति निर्माताओं की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है, जिसमें कैबिनेट मंत्री, राज्य के प्रमुख, निजी निगम के अधिकारी आदि शामिल हैं।
रायसीना डायलॉग 2022 थीम
2022 का थीम "टेरानोवा- इंपैसंड, इंपैसियस, इंपेरिल्ड" पर आधारित है।
इस बार 6 विषयों पर चर्चा होगी जो हैं-
लोकतंत्र पर पुनर्विचार - व्यापार, प्रौद्योगिकी और विचारधारा
बहुपक्षवाद का अंत - एक नेटवर्क वाली वैश्विक व्यवस्था
हिंद प्रशांत क्षेत्र में अशांति
जल समूह
पर्यावरणीय बदलाव की प्राप्ति : इसकी जरूरतें और सच्चाई
लगातार प्रौद्योगिकी युद्ध
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हर साल, विश्व स्वास्थ्य संगठन और कई अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है।
विश्व मलेरिया दिवस विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा चिह्नित 11 आधिकारिक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियानों में से एक है I
इस दिन का उद्देश्य मलेरिया जैसी घातक बीमारी के नियंत्रण में तत्काल कार्रवाई करना है।
विश्व मलेरिया दिवस 2022 का विषय "मलेरिया रोग के बोझ को कम करने और जीवन बचाने के लिए नवाचार का उपयोग करें" है I
दिन का इतिहास
विश्व मलेरिया दिवस का विचार अफ्रीका मलेरिया दिवस से विकसित किया गया था।
अफ्रीका मलेरिया दिवस मूल रूप से अफ्रीकी सरकारों द्वारा 2001 से मनाया जा रहा है I
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) द्वारा वर्ष 2007 में विश्व स्वास्थ्य सभा के 60वें सत्र में, प्रायोजित एक बैठक में प्रस्तावित किया गया कि अफ्रीका मलेरिया दिवस को विश्व मलेरिया दिवस में बदल दिया जाए।
विश्व मलेरिया दिवस पहली बार 2008 में आयोजित किया गया था।
मलेरिया बीमारी
मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है, जो संक्रमित मच्छरों के काटने से होती है।
मादा एनोफिलीज मच्छर अपनी लार के माध्यम से प्लास्मोडियम परजीवी फैलाती हैं, जो मलेरिया का कारण बनता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत वैश्विक मलेरिया के 3% का प्रतिनिधित्व करता है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने हाल ही में घोषणा की कि, 2020 में, 116 भारतीय जिलों में शून्य मलेरिया के मामले दर्ज किए गए।
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कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय 25 अप्रैल, 2022 से 'किसान भागीदारी, प्राथमिकता हमारी' अभियान का आयोजन कर रहा है।
इस माह की 30 तारीख तक चलने वाला यह अभियान विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के सहयोग से 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत आयोजित किया जा रहा है।
कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग प्रत्येक कृषि विज्ञान केंद्र में कृषि मेला और प्राकृतिक खेती पर क्षेत्रीय प्रदर्शनी का आयोजन करेगा।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर आम सेवा केंद्र (सीएससी) द्वारा आयोजित फसल बीमा पर देशव्यापी कार्यशाला का शुभारंभ करेंगे।
75 चयनित किसानों और उद्यमियों का एक राष्ट्रीय आत्म निर्भर भारत सम्मेलन अभियान के तहत होगा।
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उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने 24 अप्रैल 2022 को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के श्री कांतीरवा स्टेडियम में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (केआईयूजी) के दूसरे संस्करण का उद्घाटन किया I
24 अप्रैल से 3 मई 2022 तक इस कार्यक्रम की मेजबानी जैन विश्वविद्यालय, बेंगलुरु करेगा ।
इनमें 189 विश्वविद्यालयों के 3878 खिलाड़ी भाग लेंगे I
इस आयोजन में मल्लखंब और योगासन के साथ-साथ 18 अन्य खेलों को भी शामिल किया जाएगा।
इन खेलों का आधिकारिक शुभंकर ‘वीरा’, एक हाथी है।
यह विश्वविद्यालय स्तर पर युवा प्रतिभाओं की पहचान करने और फिर उन्हें पेशेवर एथलीटों में बदलने में मदद करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की एक पहल है।
कर्नाटक राज्य ने इन खेलों को ‘हरित खेल’ बनाने के लिये पर्यावरण अनुकूल व्यवस्था सुनिश्चित की है जिसके तहत ‘जीरो वेस्ट’ और ‘जीरो प्लास्टिक’ खेल होंगे।
अन्य जानकारी
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का पहला संस्करण 2020 में ओडिशा में आयोजित किया गया था।
जिसमे 158 यूनिवर्सिटी और कॉलेज से 3182 खिलाड़ियों ने भाग लिया था I
पंजाब कुल 46 पदक जीतकर चैंपियन रहा था जिसमें 17 स्वर्ण पदक थे।
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अखिल भारतीय घरेलू उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण, जो आमतौर पर राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा हर पांच साल में किया जाता है, इस साल लंबे अंतराल के बाद फिर से शुरू होने वाला है।
उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण (सीईएस) क्या है?
सीईएस परंपरागत रूप से सरकार के राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) द्वारा आयोजित एक पंचवर्षीय सर्वेक्षण है।
इसे शहरी और ग्रामीण स्तर पर देश भर के घरों के उपभोक्ता खर्च के पैटर्न के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
यह सर्वेक्षण आमतौर पर जुलाई और जून के बीच आयोजित किया जाता है और इस वर्ष यह सर्वेक्षण जून 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है।
सर्वेक्षण की उपयोगिता
इस सर्वेक्षण में एकत्र किए गए आंकड़ों से माल (खाद्य और गैर-खाद्य) और सेवाओं पर औसत व्यय का पता चलता है।
यह घरेलू मासिक प्रति व्यक्ति उपभोक्ता व्यय (एमपीसीई) के साथ-साथ एमपीसीई वर्गों पर घरों और व्यक्तियों के वितरण का अनुमान लगाने में मदद करता है।
इसका उपयोग देश के विभिन्न हिस्सों में गरीबी के स्तर का अनुमान लगाने और 2011-12 से जीडीपी जैसे आर्थिक संकेतकों की समीक्षा करने के लिए किया जाता है।
प्रति व्यक्ति घरेलू खर्च पर भारत का कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है।
यह ग्रामीण और शहरी हिस्सों के लिए अलग-अलग डेटा सेट प्रदान करता है, और प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक-आर्थिक समूहों के लिए अलग-अलग खर्च पैटर्न भी प्रदान करता है।
यह सर्वेक्षण आखिरी बार 2017-2018 में आयोजित किया गया था।
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पंचायती राज मंत्रालय द्वारा हर साल 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसे देश में पंचायती राज व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा देने के लिए मनाया जाता है।
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाने का उद्देश्य पंचायतों और ग्राम सभाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
पंचायत और ग्राम सभाएं संविधान द्वारा अधिदेशित ग्रामीण क्षेत्रों के लिए स्थानीय स्वशासन की संस्थाएं हैं।
दिन का महत्व
यह वार्षिक उत्सव उस ऐतिहासिक दिन को मनाने के लिए किया जाता है जिस दिन 1992 में संविधान अधिनियम (73 वां संशोधन) पारित किया गया था।
हालाँकि, 73 वां संवैधानिक संशोधन 24 अप्रैल, 1993 को लागू हुआ, और इसलिए भारत में पंचायती राज व्यवस्था का गठन हुआ।
इसलिए, विकेंद्रीकृत शक्ति की स्थापना का जश्न मनाने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है।
भारत के पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने 24 अप्रैल, 2010 को पहला राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस घोषित किया।
दिवस का इतिहास
1957 में, एक समिति बनाई गई जिसने भारत में पंचायती राज के विकास पर ध्यान केंद्रित किया।
समिति के अध्यक्ष बलवंतराय मेहता थे।
समिति ने एक विकेन्द्रीकृत ग्राम पंचायत प्रणाली का प्रस्ताव रखा जिसमें ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत, मध्यवर्ती स्तर पर ब्लॉक पंचायत या पंचायत समिति और जिला स्तर पर जिला पंचायत शामिल हो।
भारतीय संविधान पंचायतों को स्वशासन की एक प्रणाली के रूप में मान्यता देता है, जिसमें पंचायतें न्याय देने और अपने गांवों के विकास को सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य
1959 में, पंचायती राज शुरू करने वाला भारत का पहला राज्य राजस्थान था जबकि आंध्र प्रदेश इस प्रणाली को शुरू करने वाला दूसरा राज्य बन गया।
पंचायती राज का उद्घाटन अक्टूबर 1959 में नागपुर में भारत के पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू द्वारा किया गया था।
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उन्नत भारत अभियान 2.0 को आज चार साल पूरे हो गए हैं।
उन्नत भारत अभियान 2.0 को ग्रामीण विकास प्रक्रियाओं में परिवर्तनकारी बदलाव लाने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया था।
उन्नत भारत अभियान 2.0 के बारे में
सरकार ने उन्नत भारत अभियान 2.0 को 2018 में लॉन्च किया, जो उन्नत भारत अभियान 1.0 का उन्नत संस्करण है।
यह मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) का एक प्रमुख कार्यक्रम है।
आईआईटी, दिल्ली उन्नत भारत अभियान 2.0 के लिए राष्ट्रीय समन्वयक संस्थान है।
उन्नत भारत अभियान
औपचारिक शुरुआत वर्ष 2014 में शिक्षा मंत्रालय द्वारा
लक्ष्य- पांच गाँवों के एक समूह के साथ उच्च शिक्षा संस्थानों को जोड़ना है, ताकि ये संस्थान अपने ज्ञान के आधार पर इन ग्रामीण समुदायों की आर्थिक और सामाजिक बेहतरी में योगदान दे सकें।
इसमें गाँवों के समग्र विकास के लिए दो प्रमुख डोमेन - मानव विकास और वस्तुगत (आर्थिक) विकास
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रिपब्लिकन आन द मूव पार्टी के प्रत्याशी एमैनुअल मैक्रों को फ्रांस का दोबारा राष्ट्रपति चुना गया है ।
राष्ट्रपति चुनाव में इमैनुएल मैक्रों ने 58 दशमलव 2 प्रतिशत वोटों के साथ अपने प्रतिद्वंद्वी दक्षिणपंथी मारिन लोपेन को हराया I
एमैनुअल मैक्रों बीस वर्ष में लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने वाले पहले राष्ट्रपति हैं।
बीस वर्ष पहले श्री ज़्याक शिराक दूसरे कार्यकाल के लिए चुने गए थे।
राष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है। कोई नेता दो कार्यकाल से अधिक इस पद पर नहीं रह सकता है।
फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया -
फ्रांस में राष्ट्रपति का चुनाव प्रत्यक्ष मतदान प्रणाली से होता है और मतपत्रों का प्रयोग होता है।
18 वर्ष से अधिक उम्र का हर फ्रांसीसी मतदान का अधिकारी होता है। चाहे वह फ्रांस में रहता हो या किसी और देश में।
चुनाव के अधिकतम दो चरण हो सकते हैं। पहला चरण अनिवार्य है जबकि दूसरा चरण पहले के परिणाम पर निर्भर करता है। पहले चरण में 50 प्रतिशत से अधिक मत पाने वाले को विजयी घोषित कर दिया जाता है।
पहले चरण में यदि किसी भी प्रत्याशी को कुल मतों के 50 प्रतिशत से अधिक मत नहीं मिलते हैं तो अधिकतम मत पाने वाले दो शीर्ष प्रत्याशियों के मध्य दूसरा व अंतिम चरण कराया जाता है।
प्रत्याशी बनने के लिए कम से कम 500 निर्वाचित प्रतिनिधियों (महापौर आदि) का समर्थन होना अनिवार्य है।
फ्रांस के राष्ट्रपति की शक्तियां
फ्रांस के राष्ट्रपति की अधिकांश शक्तियां प्रधानमंत्री, मंत्रिपरिषद और संसद में निहित होती हैं।
राष्ट्रपति संसद भंग कर सकते हैं, कोई कानून को निषेधाधिकार से निलंबित कर सकते हैं।
तीनों सेनाओं के मुखिया होते हैं और परमाणु हथियारों का नियंत्रण भी उनके ही पास होता है।
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