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बांग्लादेश ने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद अस्थिर ऊर्जा कीमतों से उत्पन्न वित्तीय झटके से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से आर्थिक सहायता की मांग की है।
महत्वपूर्ण तथ्य
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि बांग्लादेशी टका पिछले तीन महीनों में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लगभग 20% तक गिर गया है।
बांग्लादेश का विदेशी मुद्रा भंडार 20 जुलाई तक गिरकर 39.67 बिलियन डॉलर हो गया जो एक साल पहले 45.5 बिलियन डॉलर था।
विदेशी बांग्लादेशियों से प्रेषण जून में 5% गिरकर 1.84 बिलियन डॉलर हो गया।
स्थानीय मुद्रा के मूल्यह्रास ने देश के वित्तीय स्थिति को और कमजोर कर दिया है, चालू खाता घाटा 17 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।
दक्षिण एशिया में श्रीलंका सात दशकों में अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जबकि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से घट रहा है।
अनिश्चित वित्तीय स्थिति का कारण
बांग्लादेश की अनिश्चित वित्तीय स्थिति पूर्वोत्तर में अभूतपूर्व बाढ़, सात मिलियन से अधिक लोगों के घरों का जलमग्न होने और लगभग 10 बिलियन डॉलर की क्षति के कारण जटिल हो गई है।
इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाओं को यूक्रेन युद्ध ने बुरी तरह प्रभावित किया है, जिसके कारण ईंधन और अन्य आवश्यक आयातों की लागत बढ़ा दी है।
सरकार के उपाय
सरकार ने बिजली राशनिंग के अलावा "मितव्ययिता उपायों" को लागू किया है, जिसमें आयात प्रतिबंध और विद्युत खर्च में कटौती शामिल है।
देश भर में डीजल बिजली संयंत्र, जिनकी उत्पादन क्षमता 1,500 मेगावाट है, को ग्रिड से हटा दिया गया है, जबकि कुछ गैस से चलने वाले संयंत्र भी निष्क्रिय हैं।
बांग्लादेश बैंक ने हाल ही में विलासिता की वस्तुओं, फलों, गैर-अनाज खाद्य पदार्थों और डिब्बाबंद और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के आयात को हतोत्साहित करके डॉलर को संरक्षित करने की नीति की घोषणा की है।
बांग्लादेश के बारे में
आधिकारिक नाम - गण प्रजातंत्री बांग्लादेश (बांग्लादेश जनवादी गणराज्य)
प्रधानमंत्री - शेख हसीना
राजधानी - ढाका
राष्ट्रपति - अब्दुल हमीद
राजभाषा - बंगाली (बांग्ला)
आधिकारिक धर्म - इस्लाम
मुद्रा - टका
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कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि कंपनियां अपने कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) फंड को हर घर तिरंगा अभियान से जुड़ी गतिविधियों के लिए खर्च कर सकती हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य
मंत्रालय द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है कि ‘इस अभियान से संबंधित गतिविधियों के लिए सीएसआर फंड का खर्च जैसे बड़े पैमाने पर उत्पादन और राष्ट्रीय ध्वज की आपूर्ति, पहुंच और प्रवर्धन प्रयास और अन्य संबंधित गतिविधियां सीएसआर गतिविधियां हैं।
सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि कंपनियां इन गतिविधियों को कंपनी (सीएसआर नीति) नियम, 2014 के अधीन कर सकती हैं।
इसका उद्देश्य लोगों को राष्ट्रीय ध्वज घर लाने और भारत की आजादी के 75वें वर्ष को प्रदर्शित करने के लिए इसे फहराने के लिए प्रोत्साहित करना है।
कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर)
सीएसआर तहत कंपनियाँ अपने व्यापारिक भागीदारों के साथ सामाजिक और पर्यावरण संबंधी चिंताओं को उनके हितधारकों के साथ एकीकृत करती हैं।
इसे कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 135 के तहत नियंत्रित किया जाता है।
सीएसआर को अनिवार्य करने वाला भारत दुनिया का पहला देश है।
सीएसआर का प्रावधान उन कंपनियों पर लागू होता है जिनकी कुल संपत्ति ₹500 करोड़ से अधिक है या टर्नओवर ₹1000 करोड़ से अधिक है या शुद्ध लाभ ₹5 करोड़ से अधिक है।
कुछ वर्ग की लाभदायक कंपनियों को कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) गतिविधियों के लिए अपने तीन साल के वार्षिक औसत शुद्ध लाभ का कम से कम दो प्रतिशत खर्च करना आवश्यक है।
सीएसआर गतिविधियां
शिक्षा का प्रचार-प्रसार
लिंग समानता व नारी सशक्तीकरण
गरीबी व भूख का उन्मूलन
HIV और अन्य बीमारी से लड़ने की तैयारी
पर्यावरण संतुलन सुनिश्चित करना
शिशु-मृत्यु दर व मातृ-मृत्यु दर में सुधार
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में योगदान
खेलों को बढ़ावा देना, स्लम क्षेत्र का विकास आदि
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सुप्रीम कोर्ट ने 27 जुलाई को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के कुछ प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा।
महत्वपूर्ण तथ्य
न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अगुवाई वाली पीठ ने ईडी द्वारा की गई गिरफ्तारी, जब्ती और जांच की प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाया।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) एक्ट के तहत संपत्ति के संबंध में पूछताछ, गिरफ्तारी और कुर्की करने की प्रवर्तन निदेशालय की शक्ति को बरकरार रखा।
सुप्रीम कोर्ट ने पीएमएलए की धारा 5, 8(4), 15, 17 और 19 के प्रावधानों की संवैधानिकता को बरकरार रखा, जो ईडी की गिरफ्तारी, कुर्की और तलाशी और जब्ती की शक्तियों से संबंधित हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि इंफोर्समेंट केस इंफॉर्मेशन रिपोर्ट (ईसीआईआर) जिसे एक तरह से एफआईआर की कॉपी माना जाता है, आरोपी को यह कॉपी देना जरूरी नहीं है. ईडी के लिए गिरफ्तारी के समय कारण बताना ही काफी होगा।
धन शोधन निवारण अधिनियम क्या है?
इस अधिनियम को 2002 में अधिनियमित किया गया था और इसे 2005 में लागू किया गया।
इस कानून का मुख्य उद्देश्य काले धन को सफेद (मनी लॉन्ड्रिंग) में बदलने की प्रक्रिया से लड़ना है।
पीएमएलए के तहत अपराधों की जांच के लिए जिम्मेदार प्राधिकरण प्रवर्तन निदेशालय-ईडी है।
मनी लॉन्ड्रिंग के दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों को कम से कम 3 वर्ष का कठोर कारावास, जिसे 7 वर्ष तक के लिए बढ़ाया जा सकता है, हो सकती है साथ में जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
पीएमएलए के उद्देश्य
अवैध गतिविधियों और आर्थिक अपराधों में काले धन के उपयोग को रोकना
मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल या उससे प्राप्त संपत्ति को जब्त करना
मनी लॉन्ड्रिंग के जुड़े अन्य प्रकार के अपराधों को रोकने का प्रयास करना
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)
इसकी स्थापना वर्ष 1956 में हुई थी तथा इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
यह विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) और धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत कुछ प्रावधानों को लागू करने के लिए जिम्मेदार है।
यह परिचालन उद्देश्यों के लिए राजस्व विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में काम करता है।
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रूस ने 2024 के बाद अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केन्द्र छोड़ने का फैसला किया है।
महत्वपूर्ण तथ्य
रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमोस के नवनियुक्त अध्यक्ष यूरी बोरि सोफ ने इस निर्णय की घोषणा की।
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब यूक्रेन के साथ क्रेमलिन के युद्ध ने व्यापार और आर्थिक रूप से रूस को अलग-थलग कर दिया है।
रूस 2024 के बाद अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
रूस परियोजना छोड़ने से पहले अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में अन्य भागीदारों के लिए अपने दायित्वों को पूरा करेगा।
रूस अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन क्यों छोड़ना चाहता है?
रूस अपनी अंतरिक्ष चौकी बनाने पर ध्यान दे रहा है।
यूक्रेन के क्षेत्र पर रूसी कब्जे को चिह्नित करने के लिए अंतरिक्ष स्टेशन का उपयोग करने के लिए रूसी अंतरिक्ष यात्रियों की आलोचना की गई थी।
नासा ने रूस के द्वारा आईएसएस का राजनैतिक उपयोग करने की कड़ी निंदा की थी।
अमेरिका का आरोप है कि रूस ने यूक्रेन युद्ध में समर्थन के लिए स्टेशन का उपयोग किया है जबकि स्टेशन के मूल उद्देश्य, यानि शांतिपूर्वक वैज्ञानिक और तकनीकी विकास के लिए उपयोग है।
रूस यूक्रेन युद्ध से पहले ही रूस और अमेरिका के बीच के अंतरिक्ष संबंध खराब होने शुरू हो गए थे जब नासा ने अपने आर्टिमिस समझौते का ऐलान किया था।
रूस ने इस समझौते परअसहमति जताई थी और साफ हो गया था कि रूस और अमेरिका ज्यादा दिन अंतरिक्ष मामलों में सहयोग नहीं दे सकेंगे।
अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के बारे में
ISS की स्थापना का आरंभ वर्ष 1998 में किया गया था और वर्ष 2011 से यह अपनी पूर्ण क्षमता के साथ परिचालित हो रहा है।
इस अंतरिक्ष स्टेशन पर वर्ष 2000 में सर्वप्रथम अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा गया था।
ISS का परिचालन अमेरिका की नासा (NASA) अंतरिक्ष एजेंसी की अगुवाई में 16 देशों द्वारा किया जा रहा है।
इन देशों में अमेरिका के साथ-साथ रूस, जापान, ब्राज़ील, कनाडा तथा यूरोप के 11 देश शामिल हैं।
ISS इतिहास की सबसे जटिल अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग परियोजना है तथा मानव द्वारा अंतरिक्ष में शुरू की गई सबसे बड़ी संरचना है।
अंतरिक्ष स्टेशन पृथ्वी से 400 किलोमीटर की औसत ऊंँचाई पर उड़ान भरता है जो लगभग 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हर 90 मिनट में ग्लोब का चक्कर लगाता है।
अंतरिक्ष स्टेशन चमकीले ग्रह शुक्र के समान रात के समय आकाश में एक चमकदार चलती रोशनी के रूप में दिखाई देता है।
आईएसएस कार्यक्रम पांच अंतरिक्ष एजेंसियों की संयुक्त परियोजना
नासा (संयुक्त राज्य अमेरिका)
रोस्कोस्मोस (रूस)
जाक्सा (जापान)
ईएसए (यूरोप)
सीएसए (कनाडा)
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27 जुलाई, 2022 भारत के 11वें राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की सातवीं पुण्यतिथि है।
महत्वपूर्ण तथ्य
उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था।
उन्होंने 1954 में सेंट जोसेफ कॉलेज, त्रिची से विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 1957 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से वैमानिकी इंजीनियरिंग में विशेषज्ञता हासिल की।
देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम में उनके योगदान के लिए उन्हें "भारत के मिसाइल मैन" के रूप में जाना जाता है।
उन्होंने 1998 के पोखरण-द्वितीय परमाणु परीक्षणों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
डॉ कलाम को 40 विश्वविद्यालयों से सात मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त हुई थी।
उन्हें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ महत्वपूर्ण कार्य के लिए 1981 में पद्म भूषण और 1990 में पद्म विभूषण प्रदान किया गया।
उन्हें 1997 में सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
उन्होंने भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SLV-3) को विकसित करने के लिए परियोजना निदेशक के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिसने जुलाई 1980 में रोहिणी उपग्रह को नियर-अर्थ ऑर्बिट में सफलतापूर्वक इंजेक्ट किया।
उन्होंने डीआरडीओ में स्वदेशी निर्देशित मिसाइलों को विकसित करने की जिम्मेदारी ली।
वह एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (IGMDP) के मुख्य कार्यकारी थे।
उन्होंने 2002 में भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली और 2007 में अपना कार्यकाल पूरा किया।
27 जुलाई, 2015 को शिलांग में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में व्याख्यान देने के दौरान हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया।
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हाल ही में, जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ZSI) ने हिम तेंदुए पर सर्वेक्षण किया, जिसमें स्नो लेपर्ड और उसकी शिकार प्रजातियों के बारे में कुछ दिलचस्प जानकारियां दी गईं है।
अध्ययन की मुख्य विशेषताएँ
ZSI अध्ययन स्नो लेपर्ड द्वारा निवास स्थान के उपयोग और नीली भेड़ और साइबेरियन आइबेक्स जैसी इसकी शिकार प्रजातियों के बीच एक मजबूत संबंध पर प्रकाश डालता है।
इस अध्ययन के अनुसार, यदि उस स्थल का उपयोग उसकी शिकार प्रजातियों द्वारा किया जाता है तो हिम तेंदुए का पता लगाने की संभावना अधिक होती है।
अध्ययन के अनुसार, आवास चर जैसे- बंजर क्षेत्र, घास के मैदान, ढलान और पानी से दूरी हिम तेंदुए और इसकी शिकार प्रजातियों दोनों के लिये आवास उपयोग के प्रमुख चालक थे।
हिम तेंदुए जैसे शिकारी ब्लू शीप और साइबेरियन आइबेक्स जैसे शाकाहारी जीवों की आबादी को नियंत्रित करते हैं, जिससे घास के मैदानों के स्वास्थ्य की रक्षा होती है।
हिम तेंदुआ के बारे में
वैज्ञानिक नाम- पैंथेरा उन्शिया
यह भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-I प्रजाति है।
यह अफगानिस्तान, हिमालय और तिब्बती पठार, मंगोलिया, साइबेरिया और पश्चिमी चीन में 3,000-4,500 मीटर की ऊंचाई पर अल्पाइन और सबलपाइन क्षेत्रों में पाया जा सकता है।
भारत में, यह हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, सिक्किम और उत्तराखंड में पाया जाता है।
हिम तेंदुए को IUCN की विश्व संरक्षण प्रजातियों की रेड लिस्ट में सूचीबद्ध किया गया है।
भारत वर्ष 2013 से वैश्विक हिम तेंदुआ एवं पारिस्थितिकी तंत्र संरक्षण (GSLEP) कार्यक्रम का हिस्सा है।
हिम तेंदुआ परियोजना: यह परियोजना वर्ष 2009 में हिम तेंदुओं और उनके निवास स्थान के संरक्षण के लिये एक समावेशी एवं सहभागी दृष्टिकोण को बढ़ावा देने हेतु शुरू की गई थी।
हिम तेंदुआ संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम पद्मजा नायडू हिमालयन ज़ूलॉजिकल पार्क, दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल में शुरू किया गया है।
भारतीय प्राणी विज्ञान सर्वेक्षण (ZSI) के बारे में
समृद्ध जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने हेतु अग्रणी सर्वेक्षण, अन्वेषण और अनुसंधान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय प्राणी विज्ञान सर्वेक्षण (ZSI) की स्थापना तत्कालीन 'ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य' में 1 जुलाई, 1916 को की गई थी।
भारतीय प्राणी विज्ञान सर्वेक्षण (ZSI), पर्यावरण और वन मंत्रालय के तहत एक संगठन है।
इसका उद्भव 1875 में कलकत्ता के भारतीय संग्रहालय में स्थित प्राणी विज्ञान अनुभाग की स्थापना के साथ ही हुआ था।
इसका मुख्यालय कोलकाता में है तथा वर्तमान में इसके 16 क्षेत्रीय स्टेशन देश के विभिन्न भौगोलिक स्थानों में स्थित हैं।
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गुजरात में संक्रामक ढेलेदार त्वचा रोग के कारण 1,500 से अधिक जानवरों, मुख्य रूप से गायों और भैंसों की मौत हो गई है, जो राज्य के 14 जिलों में फैल गया है।
ढेलेदार त्वचा रोग क्या है?
यह मवेशियों या भैंस के पॉक्सवायरस लम्पी स्किन डिजीज वायरस (एलएसडीवी) के संक्रमण के कारण होता है।
वायरस कैप्रिपोक्सवायरस जीनस के तीन निकट संबंधित प्रजातियों में से एक है।
अन्य दो प्रजातियां शीपपॉक्स वायरस और गोटपॉक्स वायरस हैं।
इसकी संक्रामक प्रकृति और अर्थव्यवस्था पर इसके पड़ने वाले प्रभाव के कारण, विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (OIE) इसे एक उल्लेखनीय बीमारी घोषित किया है।
रोग के लक्षण
मुख्य लक्षण जानवरों में बुखार, आंखों और नाक से स्राव, मुंह से लार, पूरे शरीर में गांठ जैसे नरम छाले, दूध उत्पादन में कमी, खाने में कठिनाई है, जो कभी-कभी जानवर की मृत्यु का कारण बनता है।
रोग का संचरण
वायरस आसानी से खून चूसने वाले कीड़ों जैसे मच्छरों, मक्खियों और टिक्कों और लार और दूषित पानी और भोजन के माध्यम से फैलता है।
यह वायरस सबसे पहले एशिया और प्रशांत क्षेत्र में 2019 में उत्तर पश्चिम चीन, बांग्लादेश और भारत में सामने आया था।
बीमारी का कोई इलाज उपलब्ध नहीं है।
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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ई-पहल की दिशा में कदम बढ़ाते हुए गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त कार्यालय में ‘स्मार्ट ई-बीट सिस्टम’ का शुभारंभ किया।
महत्वपूर्ण तथ्य
यह एक ऐप आधारित सिस्टम है।
'स्मार्ट पुलिसिंग इनिशिएटिव' के तहत यह ऐप आधारित प्रणाली शुरू की गई है।
अभी तक बीट पर तैनात पुलिसकर्मी अपनी हाजिरी खुद ही अंकित करते थे और उनकी निगरानी की कोई व्यवस्था नहीं थी।
बीट पर तैनात मोटरसाइकिल राइडर पुलिसकर्मी की हाजिरी भी इस ऐप पर लगेगी और उनकी मॉनीटरिंग भी आसानी से की जा सकेगी।
इस सिस्टम को भविष्य में एमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम से जोड़ा जाएगा ताकि डायल-112 पर मिलने वाली कॉल पर ईआरवी के अलावा ये राइडर भी मदद के लिए पहुंच सकें।
यह नई प्रणाली गुरुग्राम के शहरी क्षेत्र में स्थित सभी 33 पुलिस थाना क्षेत्रों को कवर करेगी।
इनमें 119 मोटर साइकिल राइडर तैनात होंगे और प्रत्येक मोटरसाइकिल राइडर पर दो पुलिसकर्मी होंगे।
गुरुग्राम पुलिस ने शहर में 2056 संवेदनशील लोकेशन अथवा बिंदुओं की पहचान की है, जिनमें मुख्य रूप से एटीएम, पेट्रोल पंप, वरिष्ठ नागरिक के निवास स्थान, स्कूल, कॉलेज, धार्मिक स्थल, अपराध प्रभावित क्षेत्र आदि शामिल हैं।
पहले इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ईस्ट गुरुग्राम तथा मानेसर क्षेत्र में लागू किया गया था।
उसमें सामने आई कमियों को दूर करते हुए इसी महीने इस ई-बीट सिस्टम का विस्तार कर इसे साउथ गुरुग्राम तथा वेस्ट गुरुग्राम में भी लागू किया गया है।
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अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ ने 26 जुलाई को फिर से वैश्विक विकास अनुमानों में कटौती की।
महत्वपूर्ण तथ्य
आईएमएफ ने चेतावनी दी कि उच्च मुद्रास्फीति और यूक्रेन युद्ध के कारण अर्थव्यवस्था में वृद्धि नीचे की ओर बढ़ रहा है और अगर अनियंत्रित छोड़ दिया गया तो विश्व अर्थव्यवस्था मंदी के कगार पर पहुँच सकती है।
आईएमएफ ने कहा कि वैश्विक वास्तविक जीडीपी वृद्धि अप्रैल में जारी 3.6% के पूर्वानुमान से 2022 में 3.2% तक धीमी हो जाएगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन और रूस में मंदी के कारण दुनिया की जीडीपी वास्तव में दूसरी तिमाही में सिकुड़ी है।
आईएमएफ ने सख्त मौद्रिक नीति के प्रभाव का हवाला देते हुए अपने 2023 के विकास के अनुमान को 3.6% के अप्रैल के अनुमान से घटाकर 2.9% कर दिया।
1970 के बाद से ग्लोबल ग्रोथ केवल पांच बार 2% से नीचे गिरा है।
1973, 1981 और 1982, 2009 और 2020 में COVID-19 महामारी की वजह से ग्लोबल ग्रोथ 2% से नीचे गिरी है और मंदी की स्थिति उत्पन्न हुई है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए भारत का विकास पूर्वानुमान भी बढ़ते आर्थिक जोखिमों के कारण 0.8 प्रतिशत अंक घटाकर 6.1% कर दिया गया है।
अन्य संस्थानों द्वारा भारत के विकास का पूर्वानुमान
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का 2022-23 में भारत की वृद्धि का अनुमान - 7.2%
2022-23 के लिए एशियाई विकास बैंक का भारत का विकास पूर्वानुमान - 7.2%
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के बारे में
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), एक संयुक्त राष्ट्र (UN) विशेष एजेंसी, की स्थापना 1944 में ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक नीतियों को सुरक्षित करने के लिए की गई थी।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष 189 सदस्य देशों वाला एक संगठन है।
प्रथम उप प्रबंध निदेशक- गीता गोपीनाथ
मुख्यालय- वाशिंगटन, डीसी, यू.एस.
प्रबंध निदेशक- क्रिस्टालिना जॉर्जीवा
मुख्य अर्थशास्त्री - पियरे ओलिवियर गौरिनचास
Tags: Economy/Finance State News
राजस्थान में पहले और देश के तीसरे “महिला वित्तीय संस्थान” की स्थापना में तकनीकी सहायता के लिए राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) व स्त्रीनिधि तेलंगाना के मध्य एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
महत्वपूर्ण तथ्य
एमओयू पर राजीविका की ओर से राज्य मिशन निदेशक मंजू राजपाल व तेलंगाना की ओर से स्त्री निधि के प्रबंध निदेशक जी विद्यासागर रेड्डी ने हस्ताक्षर किए है। राज्य में राजस्थान महिला निधि की स्थापना तेलंगाना में सफलता पूर्वक संचालित स्त्री निधि मॉडल की तर्ज पर की जा रही है।
महिला निधि की स्थापना के बाद राजीविका के स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण को बल मिलेगा और उन्हें अपने उद्यम के लिए ऋण प्राप्त करने में सहूलियत होगी।
इस निधि का संचालन एसएचजी की महिलाओं के द्वारा एसएचजी की महिलाओं के लिए ही किया जाएगा।
राजस्थान महिला निधि औपचारिक बैंकों के साथ एक पूरक वित्तीय संस्थान के रूप में कार्य करेगा।
राजस्थान महिला निधि की स्थापना के लिए राज्य सरकार द्वारा दो वर्षों में कुल 50 करोड़ रुपये (प्रथम वर्ष में 25 करोड़ रुपये) का अनुदान दिया जाएगा एवं 110 करोड़ रुपये के अनुदान हेतु प्रस्ताव केन्द्र सरकार को प्रेषित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा वर्ष 2022-23 के बजट में महिलाओं द्वारा संचालित बैंक स्थापित किए जाने के सम्बन्ध में घोषणा की गई थी।
इसे तेलंगाना के स्त्री निधि मॉडल की तर्ज पर स्थापित किया जाएगा।
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भारत ने निकट पूर्व में फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (UNRWA) के लिए 2.5 मिलियन अमरीकी डालर का योगदान दिया।
महत्वपूर्ण तथ्य
भारत UNRWA के लिए एक समर्पित दाता है। 2018 से, इसने मध्य पूर्व में फिलिस्तीन शरणार्थियों को UNRWA कोर सेवाओं का समर्थन करने के लिए 20 मिलियन अमरीकी डालर का योगदान दिया है।
योगदान का महत्व
यह योगदान UNRWA के काम के लिए भारत के मजबूत प्रदर्शन और अटूट समर्थन को उजागर करता है।
यह फिलिस्तीन की भलाई के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर भी प्रकाश डालता है।
यह मध्य पूर्व में फिलिस्तीनी शरणार्थियों का समर्थन करता है।
फिलिस्तीनी शरणार्थी
वे अनिवार्य फिलिस्तीन के नागरिक हैं, जिन्हें 1947-49 के फिलिस्तीन युद्ध के दौरान अपने देश से निकाल दिया गया था या भाग गए थे।
इस घटना को 1948 फिलीस्तीनी पलायन के रूप में जाना जाता है।
वे ज्यादातर लेबनान, जॉर्डन, गाजा पट्टी, सीरिया और वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविरों में रहते हैं।
फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (UNRWA) के बारे में
UNRWA की स्थापना एक मानवीय एजेंसी के रूप में की गई थी।
यह पूरी तरह से स्वैच्छिक योगदान और दाता देशों से अनुदान के माध्यम से वित्त पोषित है।
स्थापना- 8 दिसंबर 1949
मुख्यालय- अम्मान और गाजा
आयुक्त जनरल- फिलिप लाजरिनी
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