अमर जवान ज्योति का राष्ट्रीय युद्ध स्मारक ज्वाला में विलय

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50 साल तक जलने के बाद इंडिया गेट के लॉन में अमर जवान ज्योति की अखंड लौ का हमेशा के लिए युद्ध स्मारक लौ में  विलय हो जाएगा। इन दो लौ का रख-रखाव कठिन होता जा रहा था इसको देखते हुए इनके विलय का निर्णय लिया गया है।


  • गणतंत्र दिवस से कुछ दिन पहले 21 जनवरी 2022 को एक कार्यक्रम में मशाल को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की मशाल में विलय कर दिया गया।
  • समारोह की अध्यक्षता एकीकृत रक्षा स्टाफ प्रमुख एयर मार्शल बलभद्र राधा कृष्ण ने की।

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक

फरवरी 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया गया था।

  • उद्घाटन के बाद से इंडिया गेट पर होने वाले सभी सैन्य औपचारिक कार्यक्रमों को वहां स्थानांतरित कर दिया गया था।
  • राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में उन सभी भारतीय रक्षा कर्मियों के नाम भी हैं, जिन्होंने 1947-48 के पाकिस्तान के साथ युद्ध से लेकर गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष तक विभिन्न अभियानों में अपनी जान गंवाई है।
  • शाश्वत लौ केंद्रीय 15.5 मीटर स्मारक स्तम्भ के नीचे स्थित है।
  • यहाँ चार संकेंद्रित चक्र भी हैं - "अमर चक्र", "वीरता चक्र", "त्याग चक्र" और "रक्षक चक्र", जहाँ 25,942 सैनिकों के नाम ग्रेनाइट की पट्टिका पर सुनहरे अक्षरों में अंकित हैं।
  • स्मारक में वीरता चक्र में एक गैलरी में भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना द्वारा लड़े गए प्रसिद्ध युद्धों को दर्शाते हुए छह कांस्य भित्ति चित्र भी शामिल हैं।

इंडिया गेट

इंडिया गेट ब्रिटिश सरकार द्वारा 1914 और 1921 के बीच प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए ब्रिटिश भारतीय सेना के सैनिकों की याद में बनाया गया था।पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की याद में 1972 में अमर जवान ज्योति जलाई गई थी।

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