असम कैबिनेट ने पांच मुस्लिम समुदायों को 'स्वदेशी' का दर्जा देने की मंजूरी दी

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असम सरकार ने राज्य के पांच असमिया भाषी मुस्लिम समुदायों को 'स्वदेशी' का दर्जा देने का फैसला किया है। अब इन समुदायों की पहचान बंगाली भाषी मुसलमानों से अलग होगी। 

  • इन असमिया मुस्लिम समुदायों में गोरिया, मोरिया, देसी, जोला और सैयद शामिल हैं।

  • यह कदम राज्य सरकार द्वारा गठित सिफारिश उपसमूहों/समितियों के अनुरूप उठाया गया है।

  • इस समूह ने अक्सर एक अलग पहचान की आवश्यकता व्यक्त की है।

  • राज्य के असमिया मुस्लिम समुदाय से संबंधित सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए पिछले साल असम सरकार द्वारा गठित एक पैनल की सिफारिशों के बाद यह निर्णय लिया गया है।

  • पैनल का गठन पिछले साल जुलाई में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की विभिन्न क्षेत्रों के असमिया मुसलमानों के साथ बैठक के बाद किया गया था।

  • क्यों लिया गया यह फैसला?

  • असम में 'अवैध रूप से घुसे घुसपैठियों' को चिह्नित करने के लिए यह कदम उठाया गया है।

  • इससे असम के मूल यानी भारतीय मुसलमानों की पहचान करने में मदद मिलेगी।

  • भारतीय मुसलमानों के चिह्नित होने के बाद बांग्लादेशी घुसपैठियों को देश से बाहर निकाला जा सकता है। 

  • असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में घुसपैठ एक बड़ा मुद्दा रहा है।

  • इन घुसपैठियों का सबसे ज्यादा असर असम में पड़ा है।

  • यह कदम स्वास्थ्य, सांस्कृतिक पहचान, शिक्षा, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास और महिला सशक्तिकरण में उनके विकास को सुनिश्चित करेगा।

  • असम में मुस्लिम आबादी

  • असम की 3.12 करोड़ आबादी में 34% मुसलमान हैं, जिनमें से 4% स्वदेशी असमिया मुसलमान हैं और शेष ज्यादातर बंगाली भाषी मुसलमान हैं।



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