कीमत में हेराफेरी के लिए टायर निर्माता कंपनियों पर सीसीआई का जुर्माना सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है
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सुप्रीम कोर्ट ने कीमतों में हेराफेरी के लिए प्रमुख टायर निर्माता कंपनियों पर जुर्माना लगाने के भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के फैसले को बरकरार रखा है।
- सीसीआई ने अपोलो टायर्स, एमआरएफ, सिएट, बिड़ला टायर्स, जेके टायर और इंडस्ट्रीज एंड ऑटोमोटिव टायर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एटीएमए) पर कार्टेलाइजेशन के लिए लगभग ₹1,788 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।
- सीसीआई ने अपोलो टायर्स पर ₹425.53 करोड़, एमआरएफ लिमिटेड पर ₹622.09 करोड़, सिएट लिमिटेड पर ₹252.16 करोड़, जेके टायर पर ₹309.95 करोड़ ,बिड़ला टायर्स पर ₹178.33 करोड़ और एटीएमए पर ₹8.4 लाख का जुर्माना लगाया गया था ।
- टायर कंपनियां प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 की धारा 3 के तहत दोषी पाई गईं, जो प्रतिस्पर्धी विरोधी समझौतों को प्रतिबंधित करती हैं।
- सीसीआई के अनुसार इन टायर कंपनियों ने अपने एटीएमए प्लेटफॉर्म के माध्यम से उनके बीच मूल्य-संवेदनशील डेटा का आदान-प्रदान किया था, और टायरों की कीमतों पर सामूहिक निर्णय लिए थे।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग(सीसीआई) के अध्यक्ष: धनेंद्र कुमार
सीसीआई का मुख्यालय: नई दिल्ली
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