केंद्र ने गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य बढ़ाया
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आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 3 अगस्त को अपनी बैठक में चीनी सीजन 2022-23 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) को 305 रुपये प्रति क्विंटल करने की मंजूरी दे दी है।
महत्वपूर्ण तथ्य
मंत्रिमंडल ने गन्ना किसानों के लिए अब तक के उच्चतम उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 305 रुपये प्रति क्विंटल को मंजूरी दी है।
चीनी सीजन 2022-23 के लिए एफआरपी मौजूदा चीनी सीजन 2021-22 की तुलना में 2.6 प्रतिशत अधिक है।
305 रुपये प्रति क्विंटल का एफआरपी 10.25 प्रतिशत की मूल रिकवरी दर से जुड़ा है।
रिकवरी दर गन्ने से प्राप्त होने वाली चीनी की मात्रा है और गन्ने से प्राप्त चीनी की मात्रा जितनी अधिक होती है, उतनी ही अधिक कीमत बाजार में मिलती है।
इस निर्णय से पांच करोड़ गन्ना किसानों और उनके आश्रितों के साथ-साथ चीनी मिलों और संबंधित सहायक गतिविधियों में कार्यरत पांच लाख श्रमिकों को लाभ होगा।
उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) क्या है?
यह सरकार द्वारा घोषित मूल्य होता है जिस पर मिलें किसानों से खरीदे गए गन्ने का भुगतान कानूनी रूप से करने के लिए बाध्य हैं।
देश भर में एफआरपी का भुगतान गन्ना नियंत्रण आदेश, 1966 द्वारा नियंत्रित होता है।
इसके तहत गन्ने की डिलीवरी की तारीख से 14 दिनों के भीतर भुगतान अनिवार्य है।
प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्य
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में देश के कुल चीनी उत्पादन का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा है।
अन्य प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, बिहार, हरियाणा और पंजाब हैं।
ब्राजील के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है।
2010-11 के बाद से, भारत ने घरेलू आवश्यकताओं से अधिक लगातार अतिरिक्त चीनी का उत्पादन किया है।
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