सीएसआईआर द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित "पैरासिटामोल"
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खबरों में क्यों?
- केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री ने वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा आमतौर पर दर्द, बुखार आदि में इस्तेमाल की जाने वाली स्वदेशी रूप से विकसित दवा "पैरासिटामोल" की घोषणा की।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- भारत में कई स्वदेशी विकास हुए हैं, जैसे कि भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित एंटीबायोटिक- नैफिथ्रोमाइसिन, जो असामान्य और विशिष्ट दवा-प्रतिरोधी बैक्टीरिया दोनों का इलाज करता है।
- इस नवाचार का उद्देश्य भारत को पैरासिटामोल निर्माण में आत्मनिर्भर बनाना है, जिससे आयातित सामग्री पर निर्भरता कम होगी।
- कर्नाटक स्थित सत्या दीप्था फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड इस सफलता का उपयोग घरेलू स्तर पर सस्ती पैरासिटामोल का उत्पादन करने के लिए करेगा।
- वर्तमान में, भारत विभिन्न देशों से पैरासिटामोल के लिए प्रमुख कच्चे माल का आयात करता है।
- इस प्रकार सीएसआईआर की पहल न केवल इस निर्भरता को संबोधित करती है, बल्कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के "आत्मनिर्भर भारत" दृष्टिकोण के अनुरूप भी है।
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