सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए 205 लाख टन पोषक अनाज उत्पादन का लक्ष्य रखा
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भारत सरकार ने 2022-23 तक देश में 205 लाख टन पोषक अनाज के उत्पादन का लक्ष्य रखा है। यह जानकारी केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री सुश्री साध्वी निरंजन ज्योति ने 21 दिसंबर 2022 को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
पोषक-अनाज फसलों के एक समूह को संदर्भित करता है जिसमें ज्वार , बाजरा , फिंगर बाजरा (रागी/मंडुआ), और छोटे बाजरा जैसे छोटे बाजरा (कुटकी), कोदो बाजरा (कोडो), बरनार्ड बाजरा (सावा ), झंगोरा, फॉक्सटेल बाजरा (कंगनी/काकुन), और प्रोसो बाजरा (चीना) शामिल हैं।
भारत में पोषक-अनाज के उत्पादन को बढ़ाने का प्रयास
भारत ने पोषण सुरक्षा के लिए बाजरा को बढ़ावा देने के लिए 2018 को बाजरा के लिए राष्ट्रीय वर्ष घोषित किया। भारत सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत एक उप योजना एनएफएसएम-पोषक अनाज शुरू किया है।
योजना का उद्देश्य मोटे अनाज या पोषक अनाज के उत्पादन में वृद्धि करना है। इसे वर्ष 2018-19 से 14 राज्यों के 212 जिलों में लागू किया जा रहा है।
राजस्थान भारत में पोषक अनाज का सबसे बड़ा उत्पादक है जिसके बाद महाराष्ट्र और कर्नाटक का स्थान आता है।
खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के अनुसार, भारत दुनिया में बाजरा का सबसे बड़ा उत्पादक है, इसके बाद नाइजर और चीन का स्थान है।
संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को बाजरा का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष घोषित किया है।
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