किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार ने मिथिला मखाना को जीआई टैग प्रदान किया

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केंद्र सरकार ने मिथिला मखाना को भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग प्रदान किया है।


महत्वपूर्ण तथ्य 

  • जीआई रजिस्ट्री प्रमाणपत्र के अनुसार इसे जीआई मिथिलांचल मखाना उत्पादक संघ के नाम से पंजीकृत किया गया है।

  • आमतौर पर, यह नाम गुणवत्ता और विशिष्टता का आश्वासन देता है, जो अनिवार्य रूप से इसके मूल स्थान के कारण होता है।

  • कानून द्वारा या उसके तहत स्थापित व्यक्तियों, उत्पादकों, संगठन या प्राधिकरण का कोई भी संघ जीआई टैग के लिए आवेदन कर सकता है।

  • इस कदम से मखाना उत्पादकों को उनकी उपज का अधिकतम मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

  • एक बार जब किसी उत्पाद को यह टैग मिल जाता है, तो कोई भी व्यक्ति या कंपनी उस नाम से मिलती-जुलती वस्तु नहीं बेच सकती है।

  • यह टैग 10 साल की अवधि के लिए वैध है जिसके बाद इसे नवीनीकृत किया जा सकता है।

  • जीआई पंजीकरण के अन्य लाभों में उस वस्तु की कानूनी सुरक्षा, दूसरों द्वारा अनधिकृत उपयोग के खिलाफ रोकथाम और निर्यात को बढ़ावा देना शामिल है।

भौगोलिक संकेत क्या है ?

  • भौगोलिक संकेतक (जीआई) मुख्‍य रूप से किसी निश्‍चित भौगोलिक क्षेत्र में उत्पन्न कृषि, प्राकृतिक या निर्मित उत्पाद (हस्तशिल्प और औद्योगिक वस्‍तु) होता है।

  • इस तरह का नाम गुणवत्ता और विशिष्टता का आश्वासन देता है जो निर्धारित भौगोलिक क्षेत्र में उसके मूल तथ्य के कारण होता है।

कुछ प्रसिद्ध भौगोलिक संकेत :

  • बासमती चावल, दार्जिलिंग चाय, चंदेरी फैब्रिक, मैसूर सिल्क, कुल्लू शॉल, कांगड़ा चाय, तंजावुर पेंटिंग, इलाहाबाद सुरखा, फर्रुखाबाद प्रिंट, लखनऊ जरदोजी और कश्मीर अखरोट की लकड़ी पर नक्काशी, महाबलेश्वर की स्ट्राबेरी, बनारसी साडी, तिरुपति के लड्डू, जयपुर की ब्लू पोटरी।

भौगोलिक संकेत का महत्त्व :

  • भौगोलिक संकेत टैग धारकों को बौद्धिक संपदा अधिकार जैसे कॉपीराइट, पेटेंट, ट्रेडमार्क आदि के समान अधिकार और सुरक्षा प्रदान करता है।

  • यह किसी भी देश की प्रसिद्धि एवं संस्कृति के प्रचार-प्रसार के कारक होते हैं।

  • किसी भी देश की प्रतिष्ठा में इनकी एक महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।

  • ये भारत की समृद्ध संस्कृति और सामूहिक बौद्धिक विरासत का एक अभिन्न अंग हैं।

  • विशिष्ट प्रकार के उत्पादों को जीआई टैग प्रदान किए जाने से दूरदराज के क्षेत्रों की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को काफी लाभ मिलता है।



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