आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दो साल की जेल की सजा सुनाई गई

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गुजरात में सूरत की एक अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी सरनेम को लेकर की गई टिप्‍पणी पर 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि मामले में दोषी करार दिया है।

खबर का अवलोकन 

  • अदालत ने उन्‍हें दो वर्ष जेल की सजा भी सुनाई है।

  • मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत ने राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत दोषी ठहराया।

  • अदालत ने राहुल गांधी को जमानत दे दी है और सजा पर 30 दिन की रोक लगाई है ताकि वे इस अवधि में ऊपरी अदालत में अपील कर सकें। 

  • इस फैसले के बाद राहुल गांधी की वायनाड संसदीय चुनाव क्षेत्र से संसद सदस्‍यता भी जा सकती है।

  • राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोल्‍लार में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी सरनेम पर आ‍पत्तिजनक टिप्‍पणी की थी।

क्या होगा इस फैसले का प्रभाव?

  • एक अपराध के लिए दोषी ठहराए गए सांसद की अयोग्यता दो मामलों में हो सकती है। 

  • सबसे पहले, यदि वह अपराध जिसके लिए उसे दोषी ठहराया गया है, 1951 के जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8(1) में सूचीबद्ध है। इसमें धारा 153ए (धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, निवास स्थान, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने का अपराध और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिकूल कार्य करना) या धारा 171ई (रिश्वतखोरी का अपराध) जैसे अपराध शामिल हैं। 

  • धारा 171F (चुनाव में अनुचित प्रभाव या प्रतिरूपण का अपराध) और कुछ अन्य।

  • दूसरा, आरपीए की धारा 8(3) में कहा गया है कि अगर किसी सांसद को दोषी ठहराया जाता है और कम से कम 2 साल की सजा सुनाई जाती है तो उसे अयोग्य घोषित किया जा सकता है।

  • हालाँकि, धारा में यह भी कहा गया है कि दोषसिद्धि की तारीख से अयोग्यता केवल "तीन महीने बीत जाने के बाद" प्रभावी होती है। 

  • उस अवधि के भीतर, गांधी उच्च न्यायालय के समक्ष सजा के खिलाफ अपील दायर कर सकते हैं।

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