आईसीएमआर-वीसीआरसी ने डेंगू, चिकनगुनिया को नियंत्रित करने के लिए विशेष मादा मच्छर विकसित किया

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आईसीएमआर-वेक्टर कंट्रोल रिसर्च सेंटर ने डेंगू और चिकनगुनिया को नियंत्रित करने के लिए विशेष मादा मच्छर विकसित किए हैंI 

  • महत्वपूर्ण तथ्य 

  • ये  मादा मच्छर नर के साथ संभोग करेंगे और ऐसे लार्वा पैदा करेंगे जिनमें ये वायरस नहीं होंगे।

  • पुडुचेरी स्थित आईसीएमआर-वीसीआरसी द्वारा एडीज एजिप्टि (Aedes aegypti) की दो कॉलोनियां विकसित की गई हैं। जो वायरल बीमारी के प्रसार को कम करने के लिए wMel और wAlbB वल्बाचिया स्ट्रेन से संक्रमित हैं। 

  • इन्हें एडीज एजिप्टी (Pud) कहा जाता है।

  • सरकार की तरफ से अनुमति मिलने के बाद इन मादा मच्छरों को बाहर छोड़ा जाएगा ताकि वो नर मच्छरों  के साथ मिलकर ऐसे लार्वा बनाए जो इन बीमारियों के वायरसों से मुक्त होI 

  • मच्छर से होने वाले रोग 

  • मलेरिया - यह बीमारी फीमेल एनोफेलीज मच्छर के काटने से होती हैI 

  • मलेरिया बुखार प्लॅस्मोडियम वीवेक्स नामक वाइरस के कारण होता है|

  • डेंगू - डेंगू वायरस संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से मनुष्यों में संचारित होता हैं।

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार दुनियाभर में मच्छरों द्वारा सबसे ज्यादा फैलाया जाने वाली बीमारी डेंगू है।

  • चिकनगुनिया - चिकनगुनिया डेंगू की तरह, एडीज मच्छर के काटने से होता है|

  • पीला बुखार/येल्लो फीवर - यह बीमारी एडीस् मच्छर विशेष रूप से एडीज एजेप्टाए के मनुष्य को काटने पर होती हैI 

  • येलो फीवर फ्लेवी वायरस के कारण होता है।



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