भारत ने कांगो को अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में स्वागत किया

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India welcomes Congo into International Solar Alliance

भारत ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में कांगो का स्वागत किया है। 

खबर का अवलोकन 

  • विदेश मंत्रालय के अनुसार कांगो गणराज्य के राजदूत रेमंड सर्ज बेल ने संयुक्त सचिव (आर्थिक कूटनीति) की उपस्थिति में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए।

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन 

  • यह एक संधि-आधारित अंतर-सरकारी संगठन है, जिसका प्राथमिक कार्य वित्तपोषण एवं प्रौद्योगिकी की लागत को कम करके सौर विकास को बढ़ावा देना है।

  • यह ‘वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड’ को लागू करने हेतु नोडल एजेंसी है।

  • इसका उद्देश्य एक विशिष्ट क्षेत्र में उत्पन्न सौर ऊर्जा को किसी अन्य क्षेत्र की बिजली की मांग को पूरा करने के लिए स्थानांतरित करना है।

  • यह भारत के प्रधानमंत्री और फ्राँस के राष्ट्रपति द्वारा 30 नवंबर, 2015 को फ्राँस (पेरिस) में यूएनएफसीसीसी के पक्षकारों के सम्मेलन (COP-21) में 121 सौर संसाधन समृद्ध देशों के साथ शुरू किया गया था।

  • इसके प्रमुख उद्देश्यों में 1000 गीगावाट से अधिक सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता की वैश्विक क्षमता प्राप्त करना और 2030 तक सौर ऊर्जा में निवेश के लिए लगभग 1000 बिलियन डॉलर की राशि को जुटाना शामिल है।

  • सदस्य -113 देशों ने इस फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। जिसमे 86 ने इस फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर और पुष्टि की है।

  • मुख्यालय - गुरुग्राम, भारत 

कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य

  • यह मध्य अफ्रीका में स्थित है। यह अल्जीरिया के बाद अफ्रीका का दूसरा सबसे बड़ा देश है।

  • राजधानी : किंशासा। यह कांगो नदी के तट पर है।

  • भूमध्य रेखा को दो बार पार करने वाली कांगो विश्व की एकमात्र नदी है।

  • मुद्रा: कांगो फ्रैंक


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