भारत के UPI ने ₹81 लाख करोड़ का लेन-देन किया, वैश्विक डिजिटल भुगतान में सबसे आगे
Tags: Reports Economy/Finance
पेसिक्योर डेटा के अनुसार, भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने अप्रैल से जुलाई 2024 तक लगभग 81 लाख करोड़ रुपये का लेन-देन किया।
खबर का अवलोकन
UPI के लेन-देन की मात्रा विश्व के अग्रणी डिजिटल भुगतान प्लेटफ़ॉर्म से अधिक हो गई है।
यह लेन-देन की मात्रा में 37% साल-दर-साल (YoY) वृद्धि दर्शाता है।
जुलाई 2024 में UPI ने 20.6 लाख करोड़ रुपये का लेन-देन किया, जिसने एक महीने में सबसे ज़्यादा लेन-देन का रिकॉर्ड बनाया।
डिजिटल लेन-देन में वैश्विक नेतृत्व
भारत 40% से ज़्यादा भुगतान डिजिटल तरीके से करके वैश्विक स्तर पर सबसे आगे है।
भारत में डिजिटल भुगतान के लिए UPI सबसे प्रमुख प्लेटफ़ॉर्म है।
यूपीआई ने प्रति सेकंड औसतन 3,729.1 लेनदेन संसाधित किए, जो 2022 में प्रति सेकंड 2,348 लेनदेन से 58% अधिक है।
वैश्विक भुगतान प्लेटफ़ॉर्म के साथ तुलना
स्क्रिल (यूके-आधारित) 1,553.8 लेनदेन प्रति सेकंड और 2023 में 49 बिलियन लेनदेन के साथ दूसरे स्थान पर रहा।
पिक्स (ब्राजील-आधारित) 1,331.8 लेनदेन प्रति सेकंड के साथ तीसरे स्थान पर रहा।
UPI के बारे में
यह भारतीय भुगतान प्रणाली है, जिसे 2016 में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा विकसित किया गया।
कार्य: मोबाइल उपकरणों के माध्यम से तत्काल P2P और P2M लेनदेन की सुविधा प्रदान करता है।
आवश्यकताएँ: बैंक के साथ पंजीकृत मोबाइल नंबर, प्राप्तकर्ता की UPI ID।
तकनीक: IMPS, ओपन सोर्स API पर चलता है।
विनियमन: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा देखरेख की जाती है।
लॉन्च: 25 अगस्त 2016 से Google Play पर UPI-सक्षम ऐप उपलब्ध हैं।
Please Rate this article, so that we can improve the quality for you -