जस्टिस आयशा मलिक: पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय की पहली महिला जज

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न्यायमूर्ति आयशा मलिक पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश होंगी, जो रूढ़िवादी मुस्लिम देश के न्यायिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण है।


  • सर्वोच्च न्यायपालिका की नियुक्ति से सम्बंधित द्विदलीय संसदीय समिति द्वारा आयशा मालिक को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नामांकन को मंजूरी दिये जाने के दो दिन बाद यह ऐतिहासिक क्षण आया। पाकिस्तान के न्यायिक आयोग (जेसीपी) ने इस महीने की शुरुआत में ने उनके नाम की अनुशंसा की थी।
  • न्यायमूर्ति मलिक को मार्च 2012 में लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। वह अब जून 2031 में अपनी सेवानिवृत्ति तक सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में काम करेंगी। अपनी वरिष्ठता के आधार पर वह जनवरी 2030 में भी मुख्य न्यायाधीश बनने की कतार में होंगी।
  • 1966 में जन्मी मलिक ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा पेरिस, न्यूयॉर्क और कराची के स्कूलों से पूरी की है।
  • लाहौर हाई कोर्ट की वेबसाइट के अनुसार, उन्होनें पाकिस्तान कॉलेज ऑफ लॉ, लाहौर से कानून की पढ़ाई की और हार्वर्ड लॉ स्कूल से एलएलएम किया है।

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