भारतीय जीनोमिक डेटा सेट और IBDC पोर्टल का शुभारंभ
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खबरों में क्यों?
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित जीनोम इंडिया डेटा कॉन्क्लेव में घोषणा की कि भारत अब विदेशी जीनोमिक डेटा पर निर्भर नहीं है।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने ‘डेटा प्रोटोकॉल के आदान-प्रदान के लिए रूपरेखा (FeED)’ और भारतीय जैविक डेटा केंद्र (IBDC) पोर्टल का शुभारंभ किया,जिससे भारत और दुनिया भर के शोधकर्ताओं के लिए 10,000 संपूर्ण जीनोम नमूने सुलभ हो गए।
- “भारत ने अपना स्वयं का जीनोमिक डेटा सेट विकसित किया है, जो एक बड़ी उपलब्धि है जो भविष्य की चिकित्सा और वैज्ञानिक सफलताओंको बढ़ावा देगी।
- IBDC में संग्रहीत 10,000 संपूर्ण जीनोम नमूनों का संपूर्ण संग्रह अब न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर अनुसंधान उद्देश्यों के लिए उपलब्ध कराया गया है।
- भारतीय जैविक डेटा केंद्र (IBDC) मूल्यवान आनुवंशिक जानकारी तक निर्बाध पहुँच की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे शोधकर्ताओं को आनुवंशिक विविधताओं का पता लगाने और अधिक सटीक जीनोमिक उपकरण डिज़ाइन करने में मदद मिलेगी।
- भारत अब जैव प्रौद्योगिकी में वैश्विक स्तर पर 12वें और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में तीसरे स्थान पर है। मंत्री ने यह भी बताया कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक और तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है।
- 'जीनोमइंडिया' परियोजना भारत को जीनोमिक अनुसंधान के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने के लिए तैयार है, जो देश को अगली वैज्ञानिक और चिकित्सा क्रांति में सबसे आगे रखेगी।
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