आयुष मंत्रालय ने भारत में मेडिकल वैल्यू ट्रैवल को बढ़ावा देने के लिए आईटीडीसी के साथ समझौता किया

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आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेद और चिकित्सा की अन्य पारंपरिक प्रणालियों में मेडिकल वैल्यू ट्रैवल को बढ़ावा देने के लिए भारत पर्यटन विकास निगम (ITDC),पर्यटन मंत्रालय, के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

खबर का अवलोकन 

  • आयुष मंत्रालय के निदेशक डॉ. शशि रंजन विद्यार्थी और आईटीडीसी के निदेशक (वाणिज्यिक और विपणन) श्री पीयूष तिवारी ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

  • समझौता ज्ञापन के अंतर्गत आयुष मंत्रालय द्वारा आईटीडीसी के अधिकारियों को आयुर्वेद और चिकित्सा की अन्य पारंपरिक प्रणालियों में मेडिकल वैल्यू ट्रैवल के बारे में संवेदनशील बनाने के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

  • समझौता ज्ञापन के कार्यान्वयन और प्रगति की निगरानी एक संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) द्वारा की जाएगी, जिसकी सह-अध्यक्षता आयुष मंत्रालय और आईटीडीसी के प्रतिनिधियों द्वारा की जाएगी।

  • जेडब्ल्यूजी चिकित्सा वैल्यू ट्रैवल के लिए पसंदीदा गंतव्य के रूप में खुद को बढ़ावा देने के लिए मलेशिया, सिंगापुर और थाईलैंड आदि द्वारा अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं की भी पहचान करेगा।

  • हाल ही में संपन्न केरल के तिरुवनंतपुरम में भारत की अध्यक्षता में जी20 की पहली स्वास्थ्य कार्य समूह की बैठक में जी20 प्रतिनिधियों द्वारा भारत में मेडिकल वैल्यू ट्रैवल को बढ़ावा देने के अवसरों और चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया गया था।

मेडिकल वैल्यू ट्रैवल 

  • दुनिया भर के रोगियों के लिए एक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने के लिए मेडिकल वैल्यू ट्रैवल बनाया जाता है।

  • ग्लोबल वेलनेस इंस्टीट्यूट (जीडब्ल्यूआई) की रिपोर्ट 'द ग्लोबल वेलनेस इकोनॉमी: लुकिंग बियॉन्ड कोविड' के मुताबिक, ग्लोबल वेलनेस इकोनॉमी सालाना 9.9 फीसदी की दर से बढ़ेगी।

  • आयुष आधारित हेल्थकेयर और वेलनेस अर्थव्यवस्था के 2025 तक 70 बिलियन डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है।


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