नाविक सागर परिक्रमा
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खबरों में क्यों?
भारतीय नौसेना का नौकायन पोत (INSV) तारिणी आज सुबह (04 जनवरी 25) स्थानीय समयानुसार लगभग 0930 बजे (भारतीय समयानुसार 0200 बजे) न्यूजीलैंड के लिटलटन पोर्ट से पोर्ट स्टेनली (फ़ॉकलैंड द्वीप) के लिए आगे की यात्रा (तीसरा चरण) के लिए रवाना हुआ।
महत्वपूर्ण बिंदु:
यह अभियान का सबसे लंबा चरण है, जिसकी दूरी लगभग 5600 समुद्री मील (लगभग 10,400 किमी) है।
यह लगभग 56 डिग्री दक्षिण में तारिणी का सबसे दक्षिणी पारगमन भी होगा।
INSV तारिणी, 22 दिसंबर 24 को लिटलटन पहुँची थी, जहाँ ऐतिहासिक दोहरे-हाथ वाली परिक्रमा का दूसरा चरण पूरा हुआ, जिसे भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारियों लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए ने अंजाम दिया - जो समुद्री अन्वेषण में भारत की बढ़ती ताकत का प्रतीक है।
आईएनएसवी तारिणी 02 जनवरी 24 को क्राइस्टचर्च के लिटलटन बंदरगाह (एलपीसी) पर आगंतुकों के लिए खोल दी गई। सभी क्षेत्रों के आगंतुकों ने पोत का दौरा किया और श्रीमती विक्टोरिया हेनस्टॉक सहित चालक दल के साथ बातचीत की।
नाविका सागर परिक्रमा - II के बारे में:
नाविका सागर परिक्रमा - II, एक भारतीय नौसेना अभियान है जो तीन महान केपों के माध्यम से पृथ्वी की दोहरी परिक्रमा करने का प्रयास कर रहा है।
नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने 02 अक्टूबर 24 को गोवा से नाव को हरी झंडी दिखाई और इसका संचालन भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारियों लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए द्वारा किया जा रहा है - जो समुद्री अन्वेषण में भारत की बढ़ती ताकत का प्रतीक है।
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