एनटीपीसी भारत में शीर्ष बायोमास उपयोगकर्ता

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केंद्रीय ऊर्जा  मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी)बायोमास उपयोगकर्ताओं में एक अग्रणी के रूप में उभरा है जिसने लगभग  58,000 मीट्रिक टन (एमटी) बायोमास  काअपने थर्मल पावर प्लांट में बिजली उत्पादन के लिए  उपयोग किया है।


  • केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार,देश में ताप विद्युत संयंत्रों में लगभग 59,000 मीट्रिक टन (एमटी) बायोमास का उपयोग कोयले के साथ बिजली उत्पादन के लिए किया गया है ।
  • अक्टूबर 2021 में जारी "“कोयला आधारित विद्युत संयंत्रों में कोयले के साथ बायोमास को जलाकर बिजली उत्पादन के लिये बायोमास की उपयोगिता” पर बिजली मंत्रालय की नीति, देश के सभी ताप विद्युत संयंत्रों को बिजली उत्पादन के लिए कोयले के साथ 5 से 10% बायोमास का उपयोग करने के लिए अनिवार्य करती है।

समर्थ

ससटेनेबल एग्रेरियन मिशन ऑन यूज ऑफ एग्रो रेसीड्यू इन थर्मल पावर प्लांट्स(समर्थ ) को भारत सरकार द्वारा 2021 में लॉन्च किया गया था।

समर्थ के तहत केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्रों में बायोमास के उपयोग पर राष्ट्रीय मिशन का शुभारंभ किया था।

उद्देश्य:-

  • यह भारत सरकार द्वारा किसानों की आय में वृद्धि करते हुए, पराली जलाने को कम करने और थर्मल पावर प्लांटों के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए शुरू किया गया था।
  • इस योजना के तहत किसानों को अपनी फसल के अवशेषों को बिजली संयंत्रों को बेचने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है ताकि उन्हें अतिरिक्त आय अर्जित कर सके। किसान इससे अपने खेतो में पराली नहीं जलाएंगे  तथा इससे प्रदूषण में भी वृद्धि नहीं होगी ।
  • ताप विद्युत संयंत्रों को बिजली उत्पादन के लिए कोयले के साथ फसल अवशेषों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यह बिजली उत्पादन के लिए कोयले के उपयोग को कम करेगा और परिणामस्वरूप कम मात्रा में कार्बन का उत्पादन होगा।

बायो मास:-

बायोमास पौधे या पशु पदार्थ है जिसका उपयोग बिजली या ताप के उत्पादन के लिए किया जाता है।उदाहरण के लिए, लकड़ी, गाय का गोबर, फसल अवशेष आदि।

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