हाथियों को बचाने के लिए रेलवे लगाएगा सोलर फेंस
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दक्षिणी रेलवे ने कांजीकोड और वालयार स्टेशनों के मध्य संवेदनशील वन क्षेत्रों में हैंगिंग सोलर फेंस लगाना आरंभ कर दिया है। जबकि कांजीकोड केरल के पलक्कड़ जिले के अंतर्गत आता है, जबकि वालयार तमिलनाडु के अधिकार क्षेत्र में आता है।
दक्षिण रेलवे पहली बार हाथियों के पटरियों पर आवाजाही को रोकने के लिए एक लटकता हुआ सौर बाड़ लगा रहा था। बी-लाइन रेलवे ट्रैक के दोनों ओर 600 मीटर तक हैंगिंग सोलर फेंस लगाया जा रहा था।
बी-लाइन, जिसे वालयार रिजर्व फॉरेस्ट के तहत बिछाया गया है, जो एक हाथी गलियारे को विभाजित करता है। इस क्षेत्र में तेज गति ट्रेनों की चपेट में आने से कई हाथियों की मौत हो चुकी है।
स्टील के तारों को तीन मीटर ऊंचे तार से एक पंक्ति में लटका दिया जाता है। ऊँचे तारों को दोनों सिरों पर स्तंभों द्वारा सहारा दिया गया है। लटकते तार जमीन को छूएंगे।
यदि कोई हाथी तार को छूता है तो उसे हल्का झटका लगेगा जो उसे रेलवे ट्रैक की और आने से रोकेगा। ये झटके हाथियों के लिए घातक नहीं होंगे।
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण सूचना
दक्षिण रेलवे का मुख्यालय: चेन्नई
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