रामगढ़ विषधारी अभ्यारण्य को राजस्थान के चौथे टाइगर रिजर्व का दर्जा
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केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने जानकारी दी कि राजस्थान स्थित रामगढ़ विषधारी अभयारण्य को भारत के 52वें बाघ अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया।
यह रणथम्भौर, सरिस्का और मुकुंदरा के बाद राजस्थान का चौथा बाघ अभयारण्य होगा।
राष्ट्रीय बाघ अभयारण्य प्राधिकरण (एनटीसीए) ने रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य और इससे जुड़े इलाकों को बाघ अभयारण्य बनाने के लिए पिछले साल पांच जुलाई को सैद्धांतिक स्वीकृति दी थी।
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व की खासियत इसका पारिस्थितिकी तंत्र और बाघों के अनुकूल वातावरण है।
इसके टाइगर रिजर्व घोषित हो जाने से जैव विविधता के संरक्षण के साथ क्षेत्र में रहने वाले जंगल के जीवों की आबादी को संरक्षण मिलेगा, इससे स्थानीय स्तर पर यह क्षेत्र पारिस्थितिकी, पर्यटन और विकास की नई इबारत लिखने में सक्षम होगा।
यह संरक्षित क्षेत्र भेड़िया, तेंदुआ, धारीदार लकड़बग्घा, भालू, सुनहरे सियार, चिंकारा, नीलगाय और लोमड़ी जैसे जंगली जानवरों का आदर्श निवास स्थल है।
यह अभ्यारण बाघ संरक्षण के अलावा पारिस्थितिकी तंत्र के साथ साथ पुष्प प्रजातियों के लिए भी खासा प्रसिद्ध है।
देश में बाघों की कुल संख्या
2019 में जारी स्टेटस ऑफ टाइगर इन इंडिया रिपोर्ट के अनुसार देश भर के 20 राज्यों में इस समय कुल 2,967 बाघ हैं।
पूरे देश में बाघों की कुल आबादी के 50% से ज्यादा बाघ मध्य प्रदेश, कर्नाटक और उत्तराखंड में हैं जिनकी संख्या 1,492 है I
मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा बाघ है जिनकी संख्या 526 है I
पूरी दुनिया के सिर्फ 13 देशों में करीब 4,200 बाघ बचे हैं इनमें से भी 70% बाघ भारत में हैं।
अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस हर साल 29 जुलाई को मनाया जाता है I
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