शाश्वत मिथिला महोत्सव-2025'
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'चर्चा में क्यों?
- केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने गुजरात के गांधीनगर में 'शाश्वत मिथिला महोत्सव-2025' को संबोधित किया।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- अपने संबोधन में केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने देश और दुनिया भर से लोगों का स्वागत करने की गुजरात की पुरानी परंपरा पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गुजरात ने हमेशा विविध विचारधाराओं और जीवन शैली को अपनाया है।
- बिहार के लोगों, खासकर मिथिलांचल के लोगों के योगदान को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि वे सुरक्षित हैं, सम्मानित हैं और गुजरात में उनका हमेशा स्वागत है।
- उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रामायण और महाभारत से लेकर पुराण, वेद-वेदांत, मीमांसा और समृद्ध साहित्यिक परंपराओं की जड़ें मिथिला में ही हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि मिथिला माता सीता की जन्मभूमि और प्रबुद्ध राजर्षि जनक की भूमि है, जहां अष्टावक्र मुनि ने अष्टावक्र गीता की रचना की थी।
- उन्होंने आगे कहा कि इस पवित्र भूमि ने याज्ञवल्क्य जैसे महान विद्वानों, ऋषि गौतम और मंडन मिश्र जैसे दार्शनिकों के साथ-साथ ज्योतिरेश्वर ठाकुर और महाकवि विद्यापति जैसे प्रसिद्ध कवियों को जन्म दिया है।
- श्री अमित शाह ने मिथिला और उसके निवासियों के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डाला, जिसका उल्लेख शतपथ ब्राह्मण, वाल्मीकि रामायण, महाभारत, बौद्ध साहित्य और जैन साहित्य सहित विभिन्न प्राचीन ग्रंथों में विस्तार से किया गया है।
- श्री अमित शाह ने इस बात पर जोर दिया कि मिथिला बौद्धिक विमर्श और दार्शनिक बहस (शास्त्रार्थ) की भूमि रही है। केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने प्राचीन काल से ही देश के लिए मिथिला की महिलाओं के अपार योगदान पर प्रकाश डाला।
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