सामाजिक न्याय मंत्रालय ने स्माइल-75 पहल शुरू की

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सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 12 अगस्त को आजादी के 75वें वर्ष के अवसर पर 75 नगर पालिकाओं में भीख मांगने में लगे व्यक्तियों के व्यापक पुनर्वास के लिए 'स्माइल-75' पहल की शुरुआत की।

स्माइल -75 योजना के बारे में

  • स्माइल का पूरा नाम - आजीविका और उद्यम के लिये सीमांत व्यक्तियों हेतु समर्थन

  • यह योजना 'भीख मांगने के कार्य में लगे व्यक्तियों के व्यापक पुनर्वास के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना' के तहत एक उप-योजना है।

  • यह योजना पुनर्वास, चिकित्सा सुविधाओं के प्रावधान और हस्तक्षेप, परामर्श, शिक्षा, कौशल विकास, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के आर्थिक संबंधों पर भी ध्यान केंद्रित करती है।

  • इसके अंतर्गत भिक्षावृत्ति में संलग्न व्यक्तियों के लिए कई व्यापक कल्याणकारी उपायों को शामिल किया गया है.

  • सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा वर्ष 2025-26 की अवधि के लिए स्माइल योजना हेतु कुल 100 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है।

  • योजना के अंतर्गत भिक्षावृत्ति में संलग्न लोगों के समग्र पुनर्वास हेतु एक समर्थन तंत्र विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।

योजना का कार्यान्वयन

  • योजना का कार्यान्वयन सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा किया जाएगा। 

  • इसे राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों/स्थानीय शहरी निकायों, स्वैच्छिक संगठनों, समुदाय आधारित संगठनों, संस्थानों और अन्य के सहयोग से लागू किया जाएगा।

भारत में भिक्षावृत्ति की स्थिति

  • 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में भिखारियों की कुल संख्या 4,13,670 (2,21,673 पुरुषों और 1,91,997 महिलाओं सहित) है।

  • सबसे अधिक भिक्षा मांगने वालों की संख्या पश्चिम बंगाल में है, उसके बाद क्रमश: दूसरे और तीसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश और बिहार का स्थान है। 

  • वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार लक्षद्वीप में केवल दो भिखारी हैं।

  • केंद्रशासित प्रदेश नई दिल्ली में सबसे अधिक भिखारियों वाला प्रदेश है उसके बाद चंडीगढ़ का स्थान है।

  • पूर्वोत्तर राज्यों में असम भिखारियों की संख्या में शीर्ष पर है, जबकि मिज़ोरम सबसे निचले स्थान पर है।

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