भारतीय और रूसी बैंकों के बीच स्विफ्ट लिंक टूट गया

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प्रमुख रूसी बैंकों को स्विफ्ट (सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन) नेटवर्क से निष्कासित कर दिए जाने के बाद रूसी और भारतीय बैंकों के बीच अंतरराष्ट्रीय लेन-देन लिंक रुक गया है। भारत के कुछ प्रमुख बैंकों ने अब रुसी लेनदेन को स्वीकार करना बंद कर दिया है। इससे भारत और रूस के बीच  व्यापार संबंधों में एक अनिश्चितता आ गई है।

  • स्विफ्ट एक अंतरराष्ट्रीय निकाय है जो अंतरराष्ट्रीय वित्तीय लेनदेन के लिए अपने सदस्य बैंकों और वित्तीय संस्थानों के बीच संदेश भेजने की सुविधा प्रदान करता है जो अंतरराष्ट्रीय लेन-देन  के निपटारे में एक बहुत ही महत्वपूर्ण  भूमिका निभाता है।

  • रूसी बैंकों को स्विफ्ट से अलग करने का निर्णय संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने और रूसियों को इसके लिए दंडित करने के लिए लिया गया था।

  • पश्चिमी देशों द्वारा रूसी वित्तीय प्रणाली, रूसी बैंकों और रूस के केंद्रीय बैंक , रूसी संघ के सेंट्रल बैंक को लक्षित कर प्रतिबंध लगाया गया है ताकि रूसी  युद्ध करने की क्षमता को अपंग किया जा सके। 

भारत पर प्रभाव

  • चूंकि अधिकांश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार अमेरिकी डॉलर में तय होता है, इसलिए व्यापार को निपटाने में अमेरिकी बैंकों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। अमेरिकी सरकार द्वारा रूसी बैंकों और कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने के बाद अमेरिकी बैंक अमेरिकी डॉलर में तय किए गए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को निपटाने में भाग नहीं ले सकते। भारतीय आयातकों या निर्यातकों के लिए रूस से पैसे का भुगतान या प्राप्त करना लगभग असंभव हो जायेगा। यह भारत और रूस के बीच व्यापार को लगभग रोक देगा।

  • भारत रूस से तेल, कोयला, पोटाश, रक्षा उपकरणों का प्रमुख आयातक है।

भारतीय और  रूस व्यापार और समस्या 

  • रूस, भारत का 32वां सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है और यह भारत का 20वां सबसे बड़ा आयात का स्रोत है । 2020-21 में दोनों देशों के बीच कुल व्यापार 8.1 अरब डॉलर का था। भारतीय निर्यात 2.6 अरब डॉलर और आयात 5.48 अरब डॉलर था।

  • भारत के कुल निर्यात के अनुपात में रूस को निर्यात 0.8% है, जबकि रूस से भारत का आयात इसके कुल आयात का 1.5% है। (स्रोत वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय)।

युद्ध और प्रतिबंधों के कारण प्रभावित होने वाला संभावित क्षेत्र

खाद्य तेल

  • भारत अपने सूरजमुखी के तेल का 70% यूक्रेन से और 20% रूस से आयात करता है। किसी भी आपूर्ति में व्यवधान से भारत में इसकी कीमतों में वृद्धि होगी।

उर्वरक

  • रूस विश्व में नाइट्रोजन का सबसे बड़ा उत्पादक , पोटाश का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और फॉस्फेट का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक है। उर्वरक बनाने में नाइट्रोजन, पोटाश और फॉस्फेट का उपयोग किया जाता है।

  • भारत विश्व में उर्वरकों के सबसे बड़े आयातकों में से एक है और यह फॉस्फेटिक उर्वरकों के लिए  पूरी तरह से आयात पर निर्भर है। रूस से आपूर्ति में किसी भी तरह की बाधा का भारतीय कृषि पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

कच्चा तेल

  • रूस दुनिया में तेल और गैस का एक प्रमुख निर्यातक है और भारत रूस से पर्याप्त मात्रा में तेल का आयात करता है।

कोकिंग कोल

  • रूस  भारत को कोकिंग कोल का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है जिसका उपयोग  इस्पात  के उत्पादन में किया जाता है। अक्टूबर 2021 में भारत और रूस ने रूसी कोकिंग कोल के आयात पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस्पात और खनन क्षेत्र में सहयोग के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। अगर रूस से कोकिंग कोल के आपूर्ति में  व्यवधान होता है तो इससे भारत के इस्पात उद्योग पर बुरा असर पड़ेगा  । 

स्विफ्ट 

  • सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरनेशनल फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन की स्थापना बेल्जियम के 15 देशों के 239 बैंकों ने की थी।  1977 में  इसने काम करना शुरू किया था ।  वर्तमान में यह 200 से अधिक देशों / क्षेत्र इसके सदस्य  हैं और 10,500 से अधिक संस्थान इसके ग्राहक  हैं।

फंक्शन 

  • यह सीमा पार अंतरराष्ट्रीय फंड ट्रांसफर के लिए नेटवर्क वाले सदस्य बैंकों के बीच तत्काल संचार प्रदान करता है। संचार सुरक्षित और मानकीकृत है।

  • इसका मुख्यालय: ला हल्पे, बेल्जियम।

स्विफ्ट की विस्तृत और स्पष्ट समझ के लिए कृपया स्विफ्ट पर हमारा ब्लॉग देखें

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