"क्लीन नोट पॉलिसी" के तहत RBI ने 2000 रुपये के नोट को संचलन से वापस लेने का निर्णय लिया
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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने "क्लीन नोट पॉलिसी" के तहत 2,000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोटों को संचलन से वापस लेने का निर्णय लिया है।
खबर का अवलोकन
2,000 रुपए के नोट लीगल टेंडर बने रहेंगे।
व्यक्ति 2,000 रुपये के बैंकनोटों को अपने बैंक खातों में जमा कर सकते हैं या किसी भी बैंक शाखा में अन्य मूल्यवर्ग के लिए उन्हें बदल सकते हैं।
23 मई, 2023 से किसी भी बैंक शाखा में एक समय में 20,000 रुपये की सीमा तक अन्य मूल्यवर्ग के लिए 2,000 रुपये के नोटों का आदान-प्रदान किया जा सकता है।
जारी विभागों वाले आरबीआई के 19 क्षेत्रीय कार्यालय भी 23 मई से एक समय में 20,000 रुपये की सीमा तक 2,000 रुपये के बैंकनोटों को बदलने की सुविधा प्रदान करेंगे।
सभी बैंक 30 सितंबर, 2023 तक 2,000 रुपए के नोटों के लिए जमा और/या विनिमय सेवाओं की पेशकश करेंगे।
"क्लीन नोट पॉलिसी":
गंदे और कटे-फटे नोटों के मुद्दे को हल करने के लिए 1999 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा "क्लीन नोट पॉलिसी" पेश की गई थी।
बैंकों को निर्देश दिया जाता है कि वे गंदे, फटे और कटे-फटे नोट ग्राहकों को न दें और इसके बजाय उन्हें आरबीआई के पास जमा करें।
पॉलिसी के तहत करेंसी नोटों/पैकेटों की स्टेपलिंग प्रतिबंधित है।
"क्लीन नोट पॉलिसी" का उद्देश्य ग्राहकों को अच्छी गुणवत्ता वाले करेंसी नोट और सिक्के उपलब्ध कराना है।
आरबीआई के 2009 के नोट रिफंड नियमों के तहत गंदे और कटे-फटे करेंसी नोटों को टेलर काउंटर पर आसानी से बदला जा सकता है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) :
स्थापना -1 अप्रैल 1935, कोलकाता
संस्थापक - ब्रिटिश राज
मुख्यालय - मुंबई, महाराष्ट्र, भारत
राज्यपाल - शक्तिकांत दास
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