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By admin: March 5, 2022

1. शेन वॉर्न का निधन

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ऑस्ट्रेलियाई लेग स्पिनर और क्रिकेट के महान खिलाड़ियों में से एक का 4 मार्च 2022 को थाईलैंड में एक संदिग्ध दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनकी आयु 52 वर्ष थी।

  • वॉर्न थाईलैंड की खाड़ी में बैंकॉक से लगभग 600 किमी दक्षिण में कोह समुई द्वीप पर ठहरे हुए थे।

  • उन्होंने 1992 और 2007 तक ऑस्ट्रेलिया के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला। उन्होंने 1992 में भारत के खिलाफ अपना पहला टेस्ट खेला। उन्होंने 708 टेस्ट क्रिकेट मैच विकेट लिए। 194 एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैचों में उन्होंने 293 विकेट लिए। 

  • वह श्रीलंका के 800 रन के मुथैया मुरलीधरन के बाद टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज थे।

  • वह राजस्थान रॉयल्स टीम के लिए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में खेले।वह राजस्थान रॉयल्स टीम के कप्तान थे और राजस्थान रॉयल्स टीम ने पहला  आईपीएल 2008 चैंपियनशिप जीता था ।

  • उन्हें डॉन बार्डमैन, सर गारफील्ड सोबर्स, सर जैक हॉब्स के बाद सदी के पांच विजडन क्रिकेटरों में से एक के रूप में चुना गया था और पांचवें विवियन रिचर्ड्स थे।

By admin: March 4, 2022

2. रूस ने यूक्रेन के परमाणु परिसर पर कब्जा किया

Tags: Popular International News

रूसी सैनिकों ने यूक्रेन के ज़ापोरिज़्ज़िया परमाणु परिसर पर नियंत्रण कर लिया है।ज़ापोरिज़्ज़िया परमाणु परिसर यूरोप में सबसे बड़ा परमाणु संयंत्र है और दुनिया में पांचवां सबसे बड़ा है ।

  • ज़ापोरिज़्ज़िया परमाणु ऊर्जा संयंत्र की स्थापित  क्षमता  6,000 मेगावाटहै।

  •  यह यूक्रेन की बिजली की जरूरतों का पांचवां हिस्सा प्रदान करता है।

  • ज़ापोरिज़्ज़िया  परमाणु परिसर दक्षिणपूर्वी यूक्रेन में एनेर्होदर  शहर के पास है।

  • रूस ने पहले ही  यूक्रेन के चेरनोबिल परमाणु संयंत्र पर कब्जा कर लिया है, जो 1986 में एक बड़ी परमाणु दुर्घटना का स्थल था।

परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण

  • दुनिया में सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र जापान में काशीवाजाकी-करिवा संयंत्र है जिसकी स्थापित क्षमता 7,965 मेगावाट है।

  • भारत का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र कुडनकुलम, तमिलनाडु में 2000 मेगावाट की स्थापित क्षमता के साथ है और अतिरिक्त 2000 मेगावाट निर्माणाधीन है। इसे रूस की मदद से बनाया जा रहा है।

नोट - रूसी-यूक्रेनी युद्ध Click Here

By admin: March 4, 2022

3. पांचवीं संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा ने प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने का संकल्प लिया

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संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (यूएनईए) के पांचवें सत्र ने प्लास्टिक द्वारा उत्पन्न प्रदूषण से निपटने के लिए एक प्रस्ताव अपनाया।संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा ने केन्याई राजधानी नैरोबी में अपना दूसरा सत्र पुनः आरंभ किया, जिसे यूएनईए 5.2 भी कहा जाता है। यह 28 फरवरी 2022 से 2 मार्च 2022 तक आयोजित किया गया था।

  • संयुक्त राष्ट्र के 175 सदस्य देशों के पर्यावरण मंत्रियों ने प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय कानूनी रूप से बाध्यकारी समझौते पर काम करने के लिए एक अंतर-सरकारी वार्ता समिति स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की।

  • प्लास्टिक पेट्रोलियम से बने बहुलक पदार्थ हैं जो स्वाभाविक रूप से क्षय नहीं होते हैं। वे अजैवनिम्नीकरण (नॉन-बायोडिग्रेडेबल) हैं और प्रकृति में बहुत लंबे समय तक उपस्थित रह सकते हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक जो पतले होते हैं उन्हें रिसाइकिल नहीं किया जा सकता है और यह नदियों, महासागरों, पहाड़ों की मिट्टी आदि को प्रदूषित कर रहे हैं ।

प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदम

  • भारत सरकार ने 2022 तक सिंगल यूज प्लास्टिक को खत्म करने का लक्ष्य रखा है। सिंगल यूज प्लास्टिक को दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता और इस्तेमाल के बाद फेंक दिया जाता है।

  • भारत सरकार के अनुसार, पॉलीस्टाइनिन और विस्तारित पॉलीस्टाइनिन सहित कई एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक का निर्माण, आयात, स्टॉकिंग, वितरण, बिक्री और उपयोग, वस्तुओं को 1 जुलाई, 2022 से प्रतिबंधित किया जाएगा।

  • 31 दिसंबर, 2022 से प्लास्टिक कैरी बैग की मोटाई पचास माइक्रोन से बढ़ाकर एक सौ बीस माइक्रोन कर दी गई है। इससे मोटाई में वृद्धि के कारण प्लास्टिक कैरी बैग को  पुन: उपयोग किया जा सकेगा। 

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी)

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की स्थापना 1972 में स्टॉकहोम, स्वीडन में 1972 में मानव पर्यावरण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के बाद की गई थी।

1988 में इसने विश्व मौसम विज्ञान संगठन के साथ इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) की स्थापना की।

मुख्यालय: नैरोबी, केन्या

 निर्देशक: इंगर एंडरसन

By admin: March 3, 2022

4. ऑपरेशन गंगा में शामिल हुई भारतीय वायु सेना

Tags: Popular National News

युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीय लोगों को निकालने की गति तेज करने के लिए भारत सरकार द्वारा ऑपरेशन गंगा में भारतीय वायु सेना को भी शामिल किया है।

  • भारतीय वायु सेना के परिवहन विमान C-17 ग्लोबमास्टर को हिंडन एयरबेस से रोमानिया, हंगरी और पोलैंड भेजा गया।

  • सभी विमान यूक्रेन के लिए टेंट, कंबल और अन्य मानवीय सहायता ले गए है। विमान में  कुल 158 लोगों के बैठने की क्षमता है।

  • भारत ने सी-17 ग्लोबमास्टर अमेरिका से ख़रीदा था और पहला सी-17 ग्लोबमास्टर  को भारतीय वायु सेना में 2013 में शामिल किया गया था। वर्तमान में भारतीय वायुसेना के पास 11 सी-17 ग्लोबमास्टर III का बेड़ा है।

  • संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद भारत के पास दुनिया में सी-17 ग्लोबमास्टर विमानों का सबसे बड़ा बेड़ा है।

  • भारतीय वायु सेना ने अपना सी-17 ग्लोबमास्टर विमान अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को ऑपरेशन देव शक्ति के तहत निकालने के लिए तैनात किया था, जब अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्ज़ा हों गया था।

  • Note- 28 feb  news to be update Click Here

By admin: March 3, 2022

5. श्री राजीव चंद्रशेखर ने टेक कॉन्क्लेव 2022 का उद्घाटन किया

Tags: Popular Summits

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी,  राज्य मंत्री, श्री राजीव चंद्रशेखर ने 3 मार्च 2022 को नई दिल्ली में 'एनआईसी टेक कॉन्क्लेव 2022' के तीसरे संस्करण का उद्घाटन किया।

टेक-कॉनक्लेव  का आयोजन राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा 3 और 4 मार्च 2022 को किया जा रहा है  जिसमें उन उदीयमान प्रौद्योगिकियों पर जोर दिया जायेगा, जो खासतौर से ई-शासन में लागू होती हैं। 

इस वर्ष के टेक-कॉनक्लेव का विषय “नेक्स्ट जेनरेशन टेक्नोलॉजीस फॉर डिजिटल गवर्नमेंट” है।

By admin: March 3, 2022

6. विश्व श्रवण दिवस

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विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) द्वारा प्रत्येक वर्ष 3 मार्च को "विश्व श्रवण दिवस" के रूप में मनाया जाता है।

  • विश्व श्रवण दिवस 2022 की थीम "जीवन भर सुनना, ध्यान से सुनना" है।

  • डब्ल्यूएचओ के अनुसार, बहरेपन के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए वर्ष 2007 में इस दिवस को मनाने की बात की गई। तब इसे अंतर्राष्ट्रीय कान दिवस कहा जाता था, लेकिन 2016 में इसका नाम बदलकर विश्व श्रवण दिवस कर दिया गया। 

By admin: March 3, 2022

7. दिव्या देशमुख राष्ट्रीय महिला शतरंज चैंपियन

Tags: Sports Popular Person in news

महाराष्ट्र की 16 वर्षीय दिव्या देशमुख ने 2 मार्च 2022 को 47वां एमपीएल राष्ट्रीय महिला शतरंज खिताब जीता।

  • राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप भुवनेश्वर, ओडिशा में आयोजित की गई थी।

  • यह उनका पहला वरिष्ठ स्तर का शतरंज खिताब था।

  • साक्षी चितलांगे दूसरे और एन. प्रियंका तीसरे स्थान पर रहीं।

By admin: March 3, 2022

8. उपन्यासकार मधु कांकरिया ने जीता 2021 का बिहारी पुरस्कार

Tags: Sports Popular

लेखिका मधु कांकरिया को उनके 2018 के उपन्यास 'हम यहां थे' के लिए 31वें बिहारी पुरस्कार के लिए चुना गया है।

  • बिहारी पुरस्कार केके बिड़ला फाउंडेशन द्वारा पिछले 10 वर्षों में हिंदी या राजस्थानी में किसी राजस्थानी लेखक द्वारा प्रकाशित उत्कृष्ट कार्य के लिए दिया जाता है।

  • इस पुरस्कार में ₹2.5 लाख का नकद पुरस्कार, एक पट्टिका और एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।

  • 64 वर्षीय मधु कांकरिया द्वारा लिखित पुस्तकों में पट्टाखोर, खुले गगन के लाल सितारे, सलाम आखिरी और भारी दुपहर के अंधेरे शामिल हैं।

  • 2020 का बिहारी पुरस्कार मोहनकृष्ण बोहरा को उनके काम 'तसलीमा: संघर्ष और साहित्य' के लिए दिया गया था।

के.के. बिरला पुरस्कार

केके बिड़ला फाउंडेशन की स्थापना 1991 में कृष्ण कुमार बिड़ला ने की थी। इसका उद्देश्य साहित्य, विशेषकर हिंदी साहित्य को बढ़ावा देना है। पिछले दस वर्षों में प्रकाशित कार्यों के लिए हर साल यह साहित्य पुरस्कार देता है

केके बिड़ला फाउंडेशन द्वारा दिए गए कुछ महत्वपूर्ण पुरस्कार इस प्रकार हैं:

सरस्वती सम्मान

  • यह किसी भी भारतीय साहित्य में काम के लिए दिया जाता है।

  • हरिवंशराय बच्चन वर्ष 1991 में अपनी चार खंडों वाली आत्मकथा क्या भूलूं क्या याद करूं, निदा का निर्माण फिर, बसरे से दूर और दशद्वार से सोपान तक के लिए पुरस्कार पाने वाले पहले व्यक्ति थे।

  • सबसे हाल ही में 30वें पुरस्कार से सम्मानित मराठी लेखक शरणकुमार लिंबाले को 2020 में मराठी में उनके कार्य "सनातन" के लिए मिला था।

व्यास सम्मान

  • यह हिन्दी साहित्य में सर्वोत्तम कार्य के लिए दिया जाता है।

  • पुरस्कार पाने वाले पहले व्यक्ति रामविलास शर्मा अपने कृति "भारत के प्राचीन भाषा परिवार और हिंदी" के लिए थे।

  • 2020 में पुरस्कार पाने वाले नवीनतम व्यक्ति प्रोफेसर शारद पगारे अपने कृति "पाटलिपुत्र की समरगी" के लिए थे।

By admin: March 3, 2022

9. फ्रीडम हाउस के अनुसार भारत आंशिक रूप से मुक्त देश

Tags: Popular National News

संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा वित्त पोषित गैर-सरकारी संगठन, फ्रीडम हाउस द्वारा भारत को लगातार दूसरी बार "आंशिक रूप से मुक्त" श्रेणी  में रखा गया है।

  • दुनिया भर में राजनीतिक स्वतंत्रता का अध्ययन करने वाले फ्रीडम हाउस ने पिछले वर्ष भारत की स्थिति को एक लोकतंत्र और मुक्त समाज के रूप में स्वतन्त्र से घटा कर  'आंशिक रूप से स्वतन्त्र' कर दिया था।

  • फ़्रीडम हाउस ने अपनी रिपोर्ट "फ़्रीडम इन द वर्ल्ड 2022-द ग्लोबल एक्सपेंशन ऑफ़ ऑथोरिटेरियन रूल" जारी की है। 2022 के संस्करण में 1 जनवरी, 2021 से 31 दिसंबर, 2021 तक 195 देशों और 15 क्षेत्रों में राजनीतिक अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता के विकास को शामिल किया गया है।

  • भारत को 100 में से 66 का स्कोर दिया गया था। पिछले वर्ष भारत ने 67 स्कोर किए थे।

  • इसने सीरिया और दक्षिण सूडान को दुनिया के सबसे अमुक्त देश के रूप में स्थान दिया और इसे सबसे नीचे स्थान दिया गया। 

  • नॉर्वे, स्वीडन और डेनमार्क को 100/100 अंकों के साथ दुनिया के सबसे मुक्त देशों के रूप में स्थान दिया गया।

फ्रीडम हाउस

  • यह संयुक्त राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित एक गैर-सरकारी संगठन है। इसकी स्थापना 1941 में हुई थी और इसका मुख्यालय वाशिंगटन डी.सी. में है।

  • यह लोकतंत्र, स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के क्षेत्र में अनुसंधान करता है।

  • यह एक वार्षिक रिपोर्ट "विश्व में स्वतंत्रता" जारी करता है।

  • कई आलोचकों द्वारा संगठन को संयुक्त राज्य सरकार के हितों की सेवा के रूप में देखा जाता है।

By admin: March 3, 2022

10. उर्वरक क्षेत्र पर रूसी-यूक्रेनी संघर्ष का प्रभाव

Tags: Popular Economics/Business

24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर रूसी आक्रमण से भारतीय अर्थव्यवस्था, नकारात्मक और सकारात्मक दोनों प्रकार से प्रभावित होगा। रूस को दंडित करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों ने रूसी कंपनियों और बैंकों पर कई प्रतिबंध लगाए हैं। कुछ विशेष रूसी बैंकों को अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संदेश प्रणाली स्विफ्ट (सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन) से प्रतिबंधित कर दिया गया है।

रूसी-यूक्रेनी संघर्ष का भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्षेत्रवार प्रभाव का विश्लेषण करने का प्रयास करेंगे। 

आइए हम उर्वरक क्षेत्रों पर युद्ध के प्रभाव की जाँच करें; 

उर्वरक क्षेत्र : 

  • भारत कृषि क्षेत्रों में प्रयुक्त विभिन्न उर्वरकों के उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं है। भारत यूरिया, डायमोनियम फॉस्फेट (डीएपी), म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) का आयात करता है।

  • भारत 5 मिलियन टन एमओपी की अपनी सभी आवश्यकताओं का आयात करता है, जिसमें से 18% बेलारूस से आता है। रूस को यूक्रेन पर हमला करने हेतु अपने क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति देने के लिए पश्चिमी देशों ने बेलारूस पर प्रतिबंध लगाए हैं। ऐसे में बेलारूस से आपूर्ति बाधित होने की संभावना है।

  • भारत अपनी यूरिया आवश्यकता का 25% आयात के माध्यम से पूरा करता है। भारत अपनी वार्षिक यूरिया आवश्यकता का लगभग 10% यूक्रेन से आयात करता है।

  • डीएपी ज्यादातर भारत में आयात किया जाता है। भारतीय कंपनियों का पहले से ही रूसी कंपनी फोसाग्रो के साथ 400,000 टन डीएपी के लिए आयात सौदा है। ऐसा लगता नहीं है कि अनुबंधित उर्वरक शीघ्र ही भारत पहुंच जाएगा।

  • रूस दुनिया में प्राकृतिक गैस का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है जो उर्वरकों के उत्पादन के लिए एक प्रमुख कच्चा माल है। भारत में उत्पादित यूरिया की लागत लगभग 75 से 80% प्राकृतिक गैस है।

  • अभी तक पश्चिमी देशों ने रूसी तेल और गैस क्षेत्र पर प्रतिबंध नहीं लगाए हैं, लेकिन अगर यह  नीति बदल जाती है तो प्राकृतिक गैस की कीमतें काफी बढ़ जाएंगी, जिससे उर्वरक अधिक महंगे हो जाएंगे। 

  • रूस विश्व में नाइट्रोजन का सबसे बड़ा उत्पादक और पोटाश का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और विश्व में फॉस्फेट का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक है। 

  • आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान और प्राकृतिक गैस की कीमतों में उछाल के साथ, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उर्वरकों की कीमतें लगभग दोगुनी हो गई हैं।  

भारत के लिए निहितार्थ

कृषि क्षेत्र, जो देश के लगभग 43 प्रतिशत कार्यबल को रोजगार देता है और देश के सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) में 18.8 प्रतिशत (2021-22) के लिए उत्तरदायी है, को व्यापक नुकसान होगा।

  • उर्वरकों की कीमतों में वृद्धि और इसकी कमी से खाद्यान्नों के उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इससे खाद्यान्नों के उत्पादन में गिरावट आएगी जिससे भारत में खाद्य मुद्रास्फीति और बढ़ेगी।

  • खाद्य मुद्रास्फीति से देश में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी और असमानता बढ़ेगी।

  • भारत में उर्वरकों पर सामान्य रूप से सब्सिडी दी जाती है और आयातित उर्वरकों की बढ़ती लागत के साथ सरकार को उर्वरकों पर सब्सिडी बढ़ानी होगी। 2020-21 में, सरकार ने उर्वरक सब्सिडी पर 127,921.74 करोड़ रुपये खर्च किए और 2022-23 के लिए इसने 79,529.68 करोड़ रुपये की सब्सिडी  का प्रावधान किया है ।

  • सब्सिडी बिल में वृद्धि से सरकारी घाटा बढ़ेगा जिससे मुद्रास्फीति अधिक होगी।

  • भारतीय अर्थव्यवस्था, आरबीआई के अनुसार, 2022-23 में 7.8% बढ़ने की उम्मीद है, जिसे प्राप्त करने में बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। 

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