1. सिटी यूनियन बैंक ने भुगतान कीचेन "ऑन द गो" लॉन्च किया
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- निजी क्षेत्र के ऋणदाता सिटी यूनियन बैंक (CUB), ने नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया (NPCI) और मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर शेषसाई के सहयोग से डेबिट कार्ड के लिए 'ऑन-द-गो' कॉन्टैक्टलेस वियरेबल कीचेन का अनावरण किया है।
- बैंक के अनुसार यह उपकरण ग्राहकों को बिना पिन डाले सभी RuPay सक्षम पॉइंट-ऑफ-सेल उपकरणों में 5,000 रुपये तक का तेजी से भुगतान करने में सक्षम बनाएगा।
- ₹5,000 से अधिक के भुगतान के लिए, ग्राहकों को टैप करना होगा और फिर पिन डालना होगा,
- खर्च की सीमा निर्धारित करने, नेट बैंकिंग के माध्यम से उपयोग करने और सिटी यूनियन बैंक(सीयूबी) के ऑल-इन-वन मोबाइल एप की सुविधाओं के साथ तेजी से चेक आउट और कतार में कम प्रतीक्षा करने पड़ेगा विशेष रूप से युवा पीढ़ी और छात्रों के बीच डिजिटल भुगतान के व्यवहार में वृद्धि होगी।
सिटी यूनियन बैंक का मुख्यालय: कुंभकोणम, तमिलनाडु
2. एशियाई विकास बैंक भारत को ऋण प्रदान करेगा
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भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक(एडीबी) ने भारत में परियोजनाओं के लिए ऋण के लिए दो समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं
- एडीबी उत्तराखंड राज्य में देहरादून और नैनीताल शहरों में सुरक्षित और सस्ती पेयजल आपूर्ति और शहरो में समावेशी स्वच्छता सेवाओं तक पहुंच में सुधार के लिए $125 मिलियन का ऋण प्रदान करेगा।
- यह तमिलनाडु राज्य में शहरी गरीबों के लिए समावेशी, लचीला और टिकाऊ आवास तक पहुंच प्रदान करने के लिए $150 मिलियन का ऋण भी प्रदान करेगा।
एशियाई विकास बैंक 1963 में एशिया और पूर्वी एशियाई देशो लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक आयोग द्वारा आयोजित एशियाई आर्थिक सहयोग पर पहले मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में एक प्रस्ताव पारित होने के बाद 1966 में इसकी स्थापना की गई थी। एडीबी की कल्पना 1960 के दशक की शुरुआत में एक वित्तीय संस्थान के रूप में की गई थी जो चरित्र में एशियाई होगा और दुनिया के सबसे गरीब क्षेत्रों में आर्थिक विकास और सहयोग को बढ़ावा देगा। 1966 में बैंक की स्थापना के समय मूल रूप से 31 सदस्य थे और अब इसके 68 सदस्य हैं - जिनमें से 49 एशिया और पैसिफिक से हैं और 19 सदस्य बाहरी हैं। भारत एडीबी ऋण का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता है एडीबी का मुख्यालय:मांडलुयोंग सिटी, मनीला, फिलीपींस एडीबी के वर्तमान अध्यक्ष: जापान के मासत्सुगु असाकावा |
3. एमएसएमई क्षेत्र के विनिर्माण का योगदान
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केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री नारायण राणे ने राज्यसभा को एक बयान में भारतीय अर्थव्यवस्था में एमएसएमई क्षेत्र के योगदान के बारे में जानकारी दी।
वर्ष 2018-19 और 2019-20 के दौरान अखिल भारतीय विनिर्माण सकल मूल्य उत्पादन में एमएसएमई विनिर्माण की हिस्सेदारी क्रमशः 36.9% और 36.9% थी।
2019-20 और 2020-21 के दौरान अखिल भारतीय निर्यात में निर्दिष्ट MSME संबंधित उत्पादों के निर्यात की हिस्सेदारी क्रमशः 49.8% और 49.4% थी।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की परिभाषा सूक्ष्म उद्यम: सूक्ष्म उद्यम एक ऐसा उद्यम है जहां संयंत्र और मशीनरी या उपकरण मे निवेश ₹1 करोड़ से अधिक नहीं है और कारोबार ₹5 करोड़ से अधिक नहीं है लघु उद्यम: लघु उद्यम एक ऐसा उद्यम है जहां संयंत्र और मशीनरी या उपकरण मे निवेश ₹10 करोड़ से अधिक नहीं है और कारोबार ₹50 करोड़ से अधिक नहीं है मध्यम उद्यम: मध्यम उद्यम एक ऐसा उद्यम है जहां संयंत्र और मशीनरी या उपकरण मे निवेश ₹50 करोड़ से अधिक नहीं है और कारोबार ₹250 करोड़ से अधिक नहीं है |
4. जुलाई-सितंबर 2021-22 (दूसरी तिमाही) में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 8.4% रही
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राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय जो सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के तहत है , ने 2021-22 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के संबंध में आर्थिक आंकड़े जारी किए हैं।
विशेषताएँ
- 2021-22 की दूसरी तिमाही में लगातार स्थिर मूल्यों (2011-12) पर सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
- 2021-22 की दूसरी तिमाही में लगातार स्थिर मूल्यों (2011-12) पर सकल घरेलू उत्पाद 35.73 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि 2020-21 की दूसरी तिमाही में 32.97 लाख करोड़ रुपये।
- 2020-21 की दूसरी तिमाही में मूल कीमतों पर सकल मूल्य वर्धित या ग्राॅस वैल्यू ऐडेड (जीवीए) 2021-22 में 32.89 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जबकि 2020-21 की दूसरी तिमाही में 30.32 लाख करोड़ रुपये रहा था, इससे 8.5 प्रतिशत की वृद्धि प्रदर्शित होती है।
- पहली तिमाही (अप्रैल से जून) 2021 में जीडीपी विकास दर 20.1% थी।
- चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीने में विकास दर 13.7% रही।