1. विश्व स्काउट दिवस
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हर साल 22 फरवरी को विश्व स्काउट दिवस मनाया जाता है।
खबर का अवलोकन
यह स्काउटिंग के संस्थापक रॉबर्ट बैडेन-पॉवेल की जयंती है और उनकी पत्नी ओलेव बेडेन-पॉवेल की जयंती भी है।
इस दिन को बॉय स्काउट्स एंड गर्ल गाइड्स / गर्ल स्काउट्स और वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ गर्ल गाइड्स एंड गर्ल स्काउट्स (WAGGGS) द्वारा दुनिया भर में वर्ल्ड थिंकिंग डे के रूप में भी मनाया जाता है।
यह एक ऐसा दिन है जिस दिन स्काउटिंग प्रतिनिधि स्काउटिंग आंदोलन द्वारा किए गए वादों को निभाने का संकल्प लेते हैं।
विश्व स्काउट दिवस 2023 की थीम "हमारी दुनिया: हमारा समान भविष्य: पर्यावरण और लैंगिक समानता" है।
दिन की पृष्ठभूमि
बैरन बैडेन-पॉवेल, जिनका जन्म 22 फरवरी 1857 को पैडिंगटन, लंदन, इंग्लैंड में हुआ था, को स्काउटिंग का संस्थापक माना जाता है।
उनकी पत्नी का जन्म 1889 में 22 फरवरी को ही हुआ था, इसलिए इस दिन को मिस्टर और मिसेज बैडेन-पॉवेल दोनों का जन्मदिन मनाया जाता है।
2. अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस
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भाषाई, और सांस्कृतिक विविधता के बारे में जागरूकता फैलाने और बहुभाषावाद को बढ़ावा देने के लिए 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है।
खबर का अवलोकन
भारत सैकड़ों भाषाओं और हजारों बोलियों वाला देश है जो इसकी भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को दुनिया में सबसे अनूठा बनाते हैं।
भाषा न केवल संचार का साधन है बल्कि यह एक विविध सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत का भी प्रतिनिधित्व करती है।
2023 अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का विषय है- "बहुभाषी शिक्षा - शिक्षा को बदलने की आवश्यकता"।
यह विषय ट्रांसफॉर्मिंग एजुकेशन समिट के दौरान की गई सिफारिशों के अनुरूप है, जहां स्वदेशी लोगों की शिक्षा और भाषाओं पर भी जोर दिया गया था।
दिन की पृष्ठभूमि
यूनेस्को ने इस दिवस की घोषणा 17 नवंबर, 1999 को की थी और वर्ष 2000 से विश्व भर में इस दिवस का आयोजन किया जा रहा है।
यह दिन बांग्लादेश द्वारा अपनी मातृभाषा बांग्ला की रक्षा के लिए किए गए लंबे संघर्ष को भी रेखांकित करता है।
21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाने का सुझाव कनाडा में रहने वाले बांग्लादेशी रफीकुल इस्लाम द्वारा दिया गया था।
उन्होंने बांग्ला भाषा आंदोलन के दौरान ढाका में 1952 में हुई हत्याओं को याद करने के लिए इस तिथि को प्रस्तावित की थी।
3. अरुणाचल प्रदेश राज्य दिवस
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 फरवरी को राज्य के 37वें स्थापना दिवस पर अरुणाचल प्रदेश के लोगों को बधाई दी है।
खबर का अवलोकन
हर साल 20 फरवरी को अरुणाचल प्रदेश के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है।
1986 में भारतीय संविधान में 55वें संशोधन के माध्यम से, अरुणाचल प्रदेश 20 फरवरी, 1987 को भारतीय संघ का 24वां राज्य बना।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान, 1972 तक, राज्य को नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी (NEFA) के रूप में जाना जाता था।
20 जनवरी, 1972 को यह केंद्र शासित प्रदेश बना और इसका नाम अरुणाचल प्रदेश रखा गया।
इसे अरुणाचल प्रदेश राज्य अधिनियम, 1986 द्वारा पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया था।
इसका गठन वर्ष 1987 में असम से अलग कर किया गया था।
भौगोलिक स्थिति
अरुणाचल प्रदेश पश्चिम में भूटान और उत्तर में चीन के तिब्बती क्षेत्र से घिरा है।
यह दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र में नागालैंड और म्यांमार और दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में असम से घिरा है।
राजधानी - ईटानगर
जनसांख्यिकी
राज्य की साक्षरता दर (2011 की जनगणना के अनुसार) 65.38% पुरुष साक्षरता दर 72.55% और महिलाओं की 57.70% है।
लिंग अनुपात - 938 महिला प्रति 1000 पुरुष (राष्ट्रीय: 943)
राजकीय पशु - मिथुन (जिसे गेल के नाम से भी जाना जाता है)
राज्य पक्षी - हॉर्नबिल
संरक्षित क्षेत्र
टाल वन्यजीव अभयारण्य (संरक्षित क्षेत्र)
दिहांग दिबांग बायोस्फीयर रिजर्व
नमदाफा टाइगर रिजर्व
सेसा आर्किड अभयारण्य
पक्के वन्यजीव अभयारण्य
महत्वपूर्ण त्यौहार
तवांग महोत्सव
सोलंग, लोसार
तोरग्या
ड्री
मुरुंग
चलो लोकू
4. मिजोरम राज्य स्थापना दिवस
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिजोरम के लोगों को 20 फरवरी को राज्य के स्थापना दिवस पर बधाई दी है।
खबर का अवलोकन
हर साल 20 फरवरी को मिजोरम के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारतीय संविधान, 1986 के 53वें संशोधन के बाद 20 फरवरी, 1987 को मिजोरम राज्य का गठन हुआ।
स्वतंत्रता के समय मिजो पर्वतीय क्षेत्र असम के भीतर लुशाई हिल्स जिला बना।
वर्ष 1954 में इसका नाम बदलकर असम का मिजो हिल्स जिला कर दिया गया।
मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) के नरमपंथियों के साथ एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर के बाद 1972 में मिजोरम को केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा दिया गया।
20 फरवरी 1987 को यह भारत का 23वां पूर्ण राज्य बना।
भौगोलिक स्थिति
अंतर्राष्ट्रीय सीमा - म्याँमार और बांग्लादेश
राज्य सीमा - त्रिपुरा (उत्तर-पश्चिम), असम (उत्तर) और मणिपुर (उत्तर-पूर्व)।
जनसांख्यिकी
यह सिक्किम के बाद भारत में दूसरा सबसे कम आबादी वाला राज्य है।
लिंग अनुपात - प्रति 1000 पुरुषों पर 975 महिलाएंँ (राष्ट्रीय स्तर पर यह 943 है)।
राज्य की साक्षरता दर 91.58%. (राष्ट्रीय दर - 74.04%)।
संरक्षित क्षेत्र
मुरलेन राष्ट्रीय उद्यान
फौंगपुई राष्ट्रीय उद्यान
डंपा टाइगर रिजर्व
नगेंगपुई वन्यजीव अभयारण्य
तवी वन्यजीव अभयारण्य
महत्वपूर्ण त्यौहार
चापचर कुट
क्रिसमस का त्योहार
एंथुरियम महोत्सव
ल्युवा खुतला महोत्सव
5. संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त विश्व अंतर्धार्मिक सद्भाव सप्ताह लुधियाना में संपन्न हुआ
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संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा मान्यता प्राप्त एक कार्यक्रम "विश्व अंतर्धार्मिक सद्भाव सप्ताह 2023", 16 फरवरी को एससीडी गवर्नमेंट कॉलेज, लुधियाना में संपन्न हुआ।
खबर का अवलोकन
विश्व अंतर्धार्मिक सद्भाव सप्ताह 2023 का आयोजन टीम 1699 द्वारा एनजीओ सिटीनीड्स के सहयोग से किया गया था।
पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने युवाओं को शांति, प्रेम और सद्भाव का संदेश फैलाने और समाज के कल्याण के लिए खड़े होने का आह्वान किया।
भारत में 65 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है। दुनिया के किसी अन्य देश में युवा वयस्कों की इतनी बड़ी आबादी नहीं है।
इस पीढ़ी में प्रेम और एकता फैलाने की अपार क्षमता है जो समाज में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है।
विश्व अंतर्धार्मिक सद्भाव सप्ताह के दौरान गतिविधियों में बौद्ध धर्म, वाल्मीकि समाज, जैन धर्म, ईसाई, मुस्लिम, हिंदू और सिख धर्म के धार्मिक नेता और अनुयायी शामिल हुए।
विश्व अंतर्धार्मिक सद्भाव सप्ताह के बारे में
विश्व अंतर्धार्मिक सद्भाव सप्ताह 2010 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मान्यता प्राप्त एक वार्षिक कार्यक्रम है।
यह प्रति वर्ष फरवरी के प्रथम सप्ताह में आयोजित किया जाता है।
संस्कृति, शांति और अहिंसा को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया यह सप्ताह, पहली बार 2010 में संयुक्त राष्ट्र में जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय द्वारा प्रस्तावित किया गया था।
6. विश्व रेडियो दिवस
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प्रति वर्ष 13 फरवरी को विश्व भर में विश्व रेडियो दिवस मनाया जाता है।
खबर का अवलोकन
रेडियो के महत्व के बारे में जनता और मीडिया के बीच जागरूकता बढ़ाने और रेडियो के माध्यम से सूचना तक पहुंच को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल यह दिन मनाया जाता है।
विश्व रेडियो दिवस के इस 12वें संस्करण की थीम 'रेडियो एंड पीस' है।
विषय शांति स्थापना के एक स्वतंत्र माध्यम के रूप में रेडियो की भूमिका पर केंद्रित है।
दिन का उप-विषय 'रेडियो इन कॉन्फ्लिक्ट प्रिवेंशन एंड पीसबिल्डिंग' और 'सपोर्ट टू इंडिपेंडेंट रेडियो' है।
संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) संघर्ष की रोकथाम और शांति निर्माण के लिए एक स्तंभ के रूप में स्वतंत्र रेडियो पर प्रकाश डालता है।
यह दिन विभिन्न प्रसारणों, ऑनलाइन गतिविधियों, सामुदायिक कार्यक्रमों और पुरस्कारों के साथ मनाया जाता है।
दिन की पृष्ठभूमि
3 नवंबर 2011 को, यूनेस्को ने 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस के रूप में घोषित किया क्योंकि इस दिन पहली बार 1946 में संयुक्त राष्ट्र रेडियो की स्थापना हुई थी।
यह रेडियो के महत्व को बनाए रखने के साथ-साथ रेडियो के माध्यम से सूचना तक पहुंच प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है।
यूनेस्को अपने रेडियो स्टेशनों के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के साथ वैश्विक स्तर पर विश्व रेडियो दिवस की विभिन्न गतिविधियों का समन्वय करता है।
7. विज्ञान में महिलाओं व बालिकाओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस
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प्रति वर्ष 11 फरवरी को विज्ञान में महिलाओं और बालिकाओं का अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है।
खबर का अवलोकन:
विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में महिलाओं की सशक्त भूमिका सुनिश्चित करने के साथ-साथ लैंगिक सशक्तिकरण को बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा 22 दिसंबर 2015 को इस दिवस को मनाने की घोषणा की गई थी।
इस दिवस को यूनेस्को और संयुक्त राष्ट्र महिला संघ( यूएन वूमेन) के द्वारा संयुक्त रूप से मनाया जाता है।
विज्ञान क्षेत्र में महिलाओं और लड़कियों की भूमिका बढाने हेतु भारत सरकार के प्रयास:
विज्ञान ज्योति योजना:
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा विज्ञान ज्योति योजना शुरू की गई है।
इस योजना का उद्देश्य स्टेम शिक्षा क्षेत्र में महिलाओं का प्रतिशत बढ़ाना है।
GATI योजना:
जेंडर एडवांसमेंट फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंस्टीट्यूशंस (GATI) STEM में लिंग समानता का आकलन करने के लिये एक समग्र चार्टर और रूपरेखा तैयार करेगा।
किरण योजना (KIRAN Scheme):
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा किरण योजना की शुरुआत की गई।
किरण का पूर्ण रूप ‘शिक्षण द्वारा अनुसंधान विकास में ज्ञान की भागीदारी’ (Knowledge Involvement in Research Advancement through Nurturing) है।
8. विश्व यूनानी दिवस
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यूनानी दवाओं के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल के बारे में जन जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 11 फरवरी को विश्व यूनानी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
खबर का अवलोकन:
विश्व यूनानी दिवस 2023 की थीम “यूनानी मेडिसिन फॉर पब्लिक हेल्थ” है I
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा पहला विश्व यूनानी दिवस 2017 में हैदराबाद के केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (CRIUM) में मनाया गया था।
इस दिवस का उद्देश्य यूनानी दवाओं के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा के बारे में जनजागरूकता फैलाना है।
यह दिवस समाज सुधारक और महान भारतीय यूनानी चिकित्सक हकीम अजमल खान की जयंती पर मनाया जाता है।
हकीम अजमल खान एक यूनानी चिकित्सक, एक शिक्षाविद् और यूनानी चिकित्सा पद्धति में वैज्ञानिक अनुसंधान के संस्थापक थे।
वह दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के संस्थापकों में से एक थे।
यूनानी चिकित्सा पद्धति क्या हैं?
यूनानी चिकित्सा एक वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति है।
इसकी उत्पत्ति यानी शुरुआत प्राचीन ग्रीस में हुई थी।
इसमें हर्बल उपचार, आहार संबंधी आदतों और पूरक उपचारों का उपयोग शामिल है।
हिप्पोक्रेट्स को इस चिकित्सा पद्धति का जनक माना जाता है।
भारत में इस चिकित्सा पद्धति की शुरुआत 13वीं शताब्दी में दिल्ली सल्तनत की स्थापना के साथ हुई थी।
9. विश्व दलहन दिवस
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प्रतिवर्ष 10 फरवरी को विश्व दलहन दिवस के रूप में मनाया जाता है।
खबर का अवलोकन:
दिवस का इतिहास:
20 दिसंबर, 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के संकल्प द्वारा अंतर्राष्ट्रीय दलहन दिवस मनाने का निर्णय लिया गया।
'अंतर्राष्ट्रीय दलहन दिवस’ पहली बार साल 2016 में मनाया गया था। बाद में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 10 फरवरी 2019 को विश्व दलहन दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव पारित किया। जिसके बाद से 10 फरवरी को विश्व दलहन दिवस मनाते है।
दिवस मानने का उद्देश्य:
सयुक्त राष्ट्र संघ दालों का उत्पादन बढ़ाकर दुनिया में गरीब कुपोषित देशों को पोषक तत्वों से भरपूर खाना उपलब्ध करवाना चाहता है।
2023 की थीम:
इस वर्ष की थीम "सतत भविष्य के लिए दालें" है।
दलहन (दाल) क्या हैं?
दलहन उस अन्न को कहा जाता है जिससे दाल बनती है। यह वनस्पति जगत में प्रोटीन का मुख्य स्रोत हैं। मटर, चना, मसूर,राजमा,उडद,कुलथी,मूँग इत्यादि इसके उदाहरण हैं।
भारत दलहन का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। जो विश्व में पैदा होने वाली कुल दालों का लगभग 25 फ़ीसदी उत्पादन करता है।
दालों के उत्पादन में राजस्थान का भारत में प्रथम स्थान है।
भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान - कानपुर
10. विश्व कैंसर दिवस 2023
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विश्व कैंसर दिवस हर साल 4 फरवरी को सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दे के रूप में कैंसर के बारे में जागरूकता पैदा करने और गुणवत्ता देखभाल, स्क्रीनिंग, शुरुआती पहचान और उपचार में सुधार की दिशा में कार्रवाई को मजबूत करने के लिए मनाया जाता है।
खबर का अवलोकन
2023 की थीम 'क्लोज द केयर गैप' है।
यह विषय कैंसर देखभाल में असमानताओं को समझने और उन्हें दूर करने के लिए आवश्यक प्रगति करने के लिए कार्रवाई करने के बारे में है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कैंसर के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूत करने के लिए लोगों से सहयोग की अपील की है।
केंद्र सरकार आयुष्मान भारत-हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना और कई अन्य पहलों के माध्यम से कैंसर का जल्द पता लगाने और किफायती उपचार सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है।
इन केंद्रों पर अब तक कुल 17 करोड़ 44 लाख मुंह के कैंसर की जांच, 8 करोड़ 27 लाख स्तन कैंसर की जांच और 5 करोड़ 66 लाख सर्वाइकल कैंसर की जांच की जा चुकी है।
दिन की पृष्ठभूमि
विश्व कैंसर दिवस की शुरुआत वर्ष 2000 में कैंसर के खिलाफ पहले विश्व शिखर सम्मेलन में हुई थी जो पेरिस (फ्रांस) में आयोजित किया गया था।
इस शिखर सम्मेलन में, दुनिया भर के सरकारी एजेंसियों और कैंसर संगठनों के कई नेताओं ने पेरिस अगेंस्ट कैंसर के चार्टर पर हस्ताक्षर किए।
इसमें 10 आर्टिकल का एक दस्तावेज था जिसमें कैंसर रोगियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने और कैंसर अनुसंधान, रोकथाम और उपचार में निवेश और उन्नति के लिए एक सहकारी वैश्विक प्रतिबद्धता को रेखांकित किया गया था।
चार्टर के अनुच्छेद X में औपचारिक रूप से 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस के रूप में घोषित किया।
कैंसर क्या है?
कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर की कुछ कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं और शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाती हैं।
कैंसर मानव शरीर के किसी भी भाग में शुरू हो सकता है, जो खरबों कोशिकाओं से बना होता है।
कोशिका विभाजन नामक एक प्रक्रिया के माध्यम से यह रोग शरीर के सम्पूर्ण भाग में फ़ैल जाता है।