1. आरबीआई ने एनआरआई को भारत बिल भुगतान प्रणाली के माध्यम से बिलों का भुगतान करने की अनुमति दी
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भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने अनिवासी भारतीय (एनआरआई) को 15 सितंबर 2022 से भारत बिल भुगतान प्रणाली (बीबीपीएस) के माध्यम से भारत में बिलों का भुगतान करने की अनुमति दे दी है।
अभी तक केवल निवासी भारतीयों को बीबीपीएस का उपयोग करने की अनुमति थी।
इसका मतलब यह है कि अनिवासी भारतीय, भारत बिल भुगतान प्रणाली का उपयोग करके भारत में रहने वाले अपने परिवार के सदस्यों की ओर से गैस, पानी और बिजली,शिक्षा आदि के बिलों का भुगतान कर सकेंगे।
महत्वपूर्ण तथ्य -
बीबीपीएस क्या है ?
- यह एनपीसीआई (भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।
- यह उपभोक्ताओं को डिजिटल (बैंक चैनलों) के साथ-साथ एजेंटों और बैंक शाखाओं के नेटवर्क के माध्यम से इंटरऑपरेबल और सुलभ बिल भुगतान सेवा प्रदान करता है।
- इन बैंकों या एजेंटों को भारत बिल भुगतान प्रणाली की परिचालन इकाई कहा जाता है।
- भारत बिलपे बिजली, दूरसंचार, डीटीएच, गैस, पानी के बिल, बीमा, ऋण भुगतान, शिक्षा शुल्क, फास्टैग रिचार्ज, नगर कर, हाउसिंग सोसाइटी, सदस्यता शुल्क आदि जैसे सभी आवर्ती भुगतान एक ही स्थान पर प्रदान करता है।
- भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा भारत बिल भुगतान केंद्रीय इकाई (बीबीपीसीयू) के रूप में अधिकृत किया गया है।
- बीबीपीसीयू, बीबीपीएस के माध्यम से किए गए लेनदेन से संबंधित समाशोधन और निपटान गतिविधियों का कार्य करता है।
महत्वपूर्ण फुल फॉर्म :
बीबीपीएस / BBPS : भारत बिल पेमेंट सिस्टम
बीबीपीसीयू / BBPCU : भारत बिल पेमेंट सेंट्रल यूनिट
एनपीसीआई/NPCI: नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया
2. वैश्विक रेटिंग एजेंसी’ फिच’ ने 2023 में भारत की विकास दर का पूर्वानुमान घटाकर 7% कर दी
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अमेरिकी ग्लोबल क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने चालू वित्त वर्ष (2022-23) में भारतीय अर्थव्यवस्था की अपेक्षित विकास दर को जून के अपने पहले के 7.8% अनुमान से घटाकर 7% कर दिया है।
इसने 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था की अपेक्षित विकास दर को भी घटाकर 6.7% कर दिया है।
वर्त्तमान वित्तीय वर्ष के पहली तिमाही ( अप्रैल-जून 2022) में भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास दर 13.5 प्रतिशत था , जो कि आरबीआई की अनुमानित विकास दर 16.2% से कम है। इस नतीजे के आने के बाद फिच ने भी भारत के विकास दर में संशोधन किया है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
भारतीय विकास दर को कम करने का कारण :
- फिच के अनुसार, भारत में विकास दर धीमी होने का मुख्य कारण वैश्विक स्थिती है। फिच के अनुसार यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका में मंदी की आशंका हैं तथा रूस-यूक्रेन युद्ध के जारी रहने के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता का माहौल है।
- फिच उम्मीद कर रहा है कि, आरबीआई अपनी सख्त मौद्रिक नीति जारी रखेगा और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए अपनी नीतिगत दरों (रेपो दर) को फिर बढ़ाएगा ,जिससे आर्थिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
विश्व आर्थिक विकास :
- फिच को उम्मीद है कि 2022 कैलेंडर वर्ष (जनवरी-दिसंबर) में विश्व अर्थव्यवस्था 2.4% और 2023 में 1.7% की दर से बढ़ेगी।
- फिच के अनुसार बहुत संभावना है कि यूरोज़ोन और संयुक्त राज्य अमेरिका इस साल के अंत में मंदी में प्रवेश करेंगे।
विभिन्न एजेंसियों द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर का पूर्वानुमान (16 सितंबर 2022 तक) :
एजेंसी /संस्थान | 2022-23 के लिए पूर्वानुमान |
भारतीय रिजर्व बैंक | 7.2% |
विश्व बैंक | 7.5% |
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष | 7.4% |
एशियाई विकास बैंक | 7.2% |
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया | 6.8% |
मूडी इन्वेस्टर सर्विस | 7.7% |
इंडिया रेटिंग | 6.9% |
स्टैण्डर्ड एंड पुअर (एसएंडपी) | 7.3% |
संयुक्त राष्ट्र | 6.4% |
ओईसीडी | 6.9% |
अतिरिक्त जानकारी -
इन्हें भी जानने :
मंदी :-
- जब किसी अर्थव्यवस्था में लगातार दो तिमाहियों में कारात्मक वृद्धि होती है तो अर्थव्यवस्था मंदी की स्थिति में होती है।
यूरो जोन :-
- यह उन 19 यूरोपीय देशों को संदर्भित करता है जिन्होंने अपनी राष्ट्रीय मुद्रा को समाप्त कर दिया है और यूरो को अपनी सामान्य मुद्रा के रूप में अपनाया है।
- यूरो एक सामान्य मौद्रिक इकाई के रूप में 1 जनवरी 1999 को लागू किया गया था ।
- यूरोजोन के सदस्य देश : बेल्जियम, जर्मनी, स्पेन, फ्रांस, आयरलैंड, इटली, लक्जमबर्ग, नीदरलैंड, ऑस्ट्रिया, पुर्तगाल और फिनलैंड, स्लोवेनिया, साइप्रस, माल्टा, स्लोवाकिया, एस्टोनिया, लातविया लिथुआनिया हैं ।
- यूरोपीय सेंट्रल बैंक यूरो जोन देशों का सेंट्रल बैंक है।
3. मुंबई में 25वीं ऊर्जा प्रौद्योगिकी बैठक आयोजित
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हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के सहयोग से पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (एमओपी एंड एनजी), भारत सरकार के तत्वावधान में उच्च प्रौद्योगिकी केंद्र (सीएचटी) द्वारा आयोजित 3 दिवसीय (15-17 सितंबर 2022), 25 वीं ऊर्जा बैठक, मुंबई में किया जा रहा है।
इससे पहले इस बैठक को रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल्स टेक्नोलॉजी मीट के रूप में जाना जाता था।
महत्वपूर्ण तथ्य -
- 25वीं एनर्जी मीट की थीम : नए ऊर्जा युग में शोधन"
- 25वीं ऊर्जा बैठक को केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी और केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री, रामेश्वर तेली ने 15 सितंबर 2022 को संबोधित किया।
- इस अवसर पर बोलते हुए रामेश्वर तेली ने कहा कि सरकार, देश के ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को 2030 तक 15% तक बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, जो कि वर्तमान में 6% से अधिक है।
- उन्होंने कहा कि सरकार ने 2030 तक देश में 18 हजार संपीड़ित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) स्टेशन स्थापित करने का फैसला किया है।
4. गोपनीयता कानून के उल्लंघन के लिए दक्षिण कोरिया ने गूगल और मेटा पर जुर्माना लगाया
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दक्षिण कोरिया के व्यक्तिगत सूचना संरक्षण आयोग ने गोपनीयता कानून के उल्लंघन के लिए गूगल पर 69.2 बिलियन वोन ($50 मिलियन) और मेटा (जिसे पहले फेसबुक कहा जाता था) 30.8 बिलियन वोन ($22 मिलियन) का जुर्माना लगाया है।
दोनों कंपनियों को उनकी पूर्व सहमति प्राप्त किए बिना ग्राहक की व्यवहार संबंधी जानकारी एकत्र करने और उसका विश्लेषण करने का दोषी पाया गया।
महत्वपूर्ण तथ्य -
कोरिया गणराज्य (दक्षिण कोरिया) :
- यह पूर्वी एशिया में कोरियाई प्रायद्वीप में स्थित है।
- 1953 में कोरियाई युद्ध के बाद कोरियाई प्रायद्वीप को कम्युनिस्ट डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (उत्तर कोरिया) और कोरिया गणराज्य (दक्षिण कोरिया) में विभाजित किया गया था।
- राजधानी : सियोल
- मुद्रा : दक्षिण कोरियाई वोन
5. एफएसडीसी की 26वीं बैठक मुंबई में आयोजित
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 15 सितंबर 2022 को मुंबई में वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की 26वीं बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक, जिसमें विभिन्न वित्तीय क्षेत्र के नियामकों के प्रमुख शामिल थे, ने महत्वपूर्ण वित्तीय मुद्दों पर चर्चा की जो देश के वित्तीय क्षेत्रों और इसकी स्थिरता को प्रभावित कर सकते हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य -
वित्तीय मुद्दों पर चर्चा :
- बैठक में अर्थव्यवस्था के लिए प्रारंभिक चेतावनी संकेतक और उनसे निपटने के लिए भारत की तैयारी, मौजूदा वित्तीय / क्रेडिट सूचना प्रणाली की दक्षता में सुधार, वित्तीय बाजार अवसंरचना सहित व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थानों में शासन और प्रबंधन के मुद्दों, वित्तीय क्षेत्र में साइबर सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने पर चर्चा की।
बैठक में शामिल थे :
- डॉ. भागवत किशनराव कराड, वित्त राज्य मंत्री;
- पंकज चौधरी, वित्त राज्य मंत्री;
- डॉ. टी. वी. सोमनाथन, वित्त सचिव और सचिव, व्यय विभाग, वित्त मंत्रालय;
- श्री अजय सेठ, सचिव, आर्थिक कार्य विभाग, वित्त मंत्रालय;
- श्री तरुण बजाज, सचिव, राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय; श्री संजय मल्होत्रा, सचिव, वित्तीय सेवा विभाग, वित्त मंत्रालय;
- डॉ. वी अनंत नागेश्वरम, मुख्य आर्थिक सलाहकार, वित्त मंत्रालय;
वित्तीय क्षेत्र के नियामकों के प्रमुख :
- शक्तिकांत दास, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक;
- माधबी पुरी बुच, अध्यक्ष, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड;
- देबाशीष पांडा, अध्यक्ष, भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण;
- सुप्रतिम बंद्योपाध्याय, अध्यक्ष, पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण;
- रवि मित्तल, अध्यक्ष, भारतीय दिवाला और दिवालियापन बोर्ड,
- इंजेती श्रीनिवास, अध्यक्ष, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण, और
- एफएसडीसी के सचिव, आर्थिक मामलों के विभाग, वित्त मंत्रालय।
वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) :
- यह "वित्तीय क्षेत्र सुधार" पर गठित रघु राम राजन समिति की सिफारिश पर स्थापित किया गया था।
- एफएसडीसी की स्थापना भारत सरकार द्वारा 2010 में की गई थी।
एफएसडीसी का उद्देश्य :
- यह वित्तीय स्थिरता बनाए रखने, अंतर-नियामक समन्वय को बढ़ाने और वित्तीय क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए तंत्र को मजबूत और संस्थागत बनाने के लिए स्थापित किया गया था।
एफएसडीसी का कार्य :
- परिषद बड़े वित्तीय समूहों के कामकाज सहित अर्थव्यवस्था के विवेकपूर्ण पर्यवेक्षण की निगरानी करती है, और अंतर-नियामक समन्वय और वित्तीय क्षेत्र के विकास के मुद्दों को निर्देशित करती है।
- यह वित्तीय साक्षरता और वित्तीय समावेशन पर भी ध्यान केंद्रित करता है।
अतिरिक्त जानकारी -
एफएसडीसी की उप-समिति :
- एफएसडीसी उप-समिति का गठन भी गवर्नर, आरबीआई की अध्यक्षता में किया गया है।
- एफएसडीसी के सभी सदस्य उप-समिति के सदस्य भी हैं।
- आरबीआई के चारों डिप्टी गवर्नर भी उप-समिति के सदस्य होतें हैं।
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण फूल फॉर्म :
- एफएसडीसी/FSDC : फाइनेंसियल स्टेबिलिटी एंड डेवलपमेंट कौंसिल
6. स्टार्टअप्स को फंड देने के लिए डीबीएस ने बिल्यनेर वेंचर के साथ एक संयुक्त उद्यम स्थापित किया
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डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड ने चेन्नई स्थित बिल्यनेर वेंचर इनक्यूबेशन के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं जिसके तहत दोनों एक विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) स्थापित करेंगे ताकि भारत में स्टार्टअप को फंड किया जा सके।
20 करोड़ डॉलर की पूंजी वाला एसपीवी तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र में करीब 150 स्टार्टअप को फंड देगा।
संयुक्त उद्यम फिनटेक, एडटेक और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में स्टार्टअप के वित्तपोषण पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह स्टार्टअप्स को प्रौद्योगिकी और शिक्षा सहायता भी प्रदान करेगा।
महत्वपूर्ण तथ्य -
डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड :
- डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड डीबीएस बैंक सिंगापुर लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।
- मुख्यालय : मुंबई, महाराष्ट्र
- टैगलाइन : लिव मोर ,बैंक लेस( Live More ,Bank Less)
- प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी : सुरोजीत शोम
7. सऊदी अरब,पुनः अगस्त 2022 में भारत का नंबर 2 तेल आपूर्तिकर्ता बना
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रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब अगस्त 2022 के महीने में भारत के लिए दूसरा सबसे बड़ा कच्चे पेट्रोलियम तेल आपूर्तिकर्ता बन गया है। पिछले तीन महीनों से रूस, भारत को कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता था जबकि इराक अभी भी भारत को कच्चे तेल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
रूसी तेल की खरीद में वृद्धि का कारण :
- रूस द्वारा भारी छूट पर कच्चे तेल की पेशकश शुरू करने के बाद भारत ने रूसी कच्चे तेल की खरीदारी शुरू कर दी थी । फरवरी 2022 में यूक्रेन पर उसके आक्रमण के बाद पश्चिमी देशों द्वारा उस पर भारी प्रतिबंध लगाए जाने के बाद रूस द्वारा ऐसा किया गया था।
- भारत जिसने कभी रूसी कार्रवाई की निंदा नहीं की, ने रूसी तेल खरीदना शुरू कर दिया क्योंकि यह सऊदी और अन्य पारंपरिक आपूर्तिकर्ताओं की तुलना में बहुत सस्ता था।
- मार्च-जुलाई की अवधि के दौरान भारत चीन के बाद विश्व में रूसी तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार देश बन गया था ।
रूसी तेल आयात में अब गिरावट क्यों आई है ?
- सऊदी अरब के पुनः दुसरे स्थान पर वापस आने के मुख्य रूप से दो कारण हैं।
- एक, रूसियों ने अपने तेल पर छूट को अब काफी कम कर दिया है जिससे इसका तेल भारत के लिए कम आकर्षक हो गया है।
- दूसरे, भारत का सऊदी से तेल खरीदने के लिए एक संविदात्मक दायित्व है और उसे अनुबंध का सम्मान करना है।
- रूसी तेल की भारतीय खरीद भारत के लिए एक ऐसे बाजार में सस्ता तेल खरीदने का एक अल्पकालिक अवसर था जहां अंतरराष्ट्रीय कीमतें अधिक थीं।
अगस्त महीने 2022 में भारत के लिए शीर्ष तेल आपूर्तिकर्ता :
भारत को कच्चे तेल के शीर्ष आपूर्तिकर्ता इस प्रकार थे;
- इराक
- सऊदी अरब
- रूस
- संयुक्त अरब अमीरात
- कुवैत
अतिरिक्त जानकारी -
- भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक और उपभोक्ता है।
- दुनिया में कच्चे तेल का सबसे बड़ा आयातक देश चीन है और उसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका है ।
- दुनिया में तेल का सबसे बड़ा उपभोक्ता संयुक्त राज्य अमेरिका है और उसके बाद चीन और भारत तीसरे स्थान पर था।
8. ऋणों के एकमुश्त निपटान पर कोई टीडीएस नहीं: सीबीडीटी
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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 13 सितंबर 2022 को जारी एक सर्कुलर में स्पष्ट किया है कि बैंकों को एकमुश्त निपटान (ओटीएस) या ऋण माफी पर स्रोत पर 10 प्रतिशत कर कटौती (टीडीएस) काटने की आवश्यकता नहीं है।
सीबीडीटी ने कहा कि किसी बैंक द्वारा ऋण माफी याओटीएस को लाभ या अनुलाभ के रूप में नहीं माना जाएगा और स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) का सामना नहीं करना पड़ेगा। इससे बैंकों पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा।
महत्वपूर्ण तथ्य -
किसे फायदा होगा ?
- टीडीएस से इस छूट में सार्वजनिक वित्तीय संस्थान, अनुसूचित बैंक, सहकारी बैंक, ग्रामीण विकास बैंक, राज्य वित्तीय निगम और राज्य औद्योगिक निवेश निगम शामिल हैं।
अन्य जिन्हें टीडीएस से छूट प्राप्त है :
- टीडीएस प्रावधान किसी कंपनी द्वारा जारी किए गए बोनस/राइट्सशेयर जारी करने पर लागू नहीं होंगे, जहां कंपनी के सभी शेयरधारकों को बोनस/राइट्स शेयर जारी किए जाते हैं।
कांसेप्ट जाने :
एकमुश्त निपटान(वन टाइम सेटलमेंट ) :
- यह एक ऐसी योजना है जो उन चूककर्ताओं को पेश की जाती है जो अपने ऋणों को चुकाने में असमर्थ हैं और निकट भविष्य में ऋण वापस करने के लिए पर्याप्त संसाधन उत्पन्न करने के लिए सक्षम प्रतीत नहीं होते है।
- इस प्रकार के लोन सेटलमेंट में बैंक अक्सर लोन पर हेयरकट्स लेते हैं।
ऋण निपटान पर हेयरकट्स :
- हेयरकट्स का सीधा सा मतलब है कि बैंक अपनी बकाया राशि से कम स्वीकार करने को तैयार हैं। उदाहरण के लिए यदि व्यक्ति पर बैंक का 100 रुपये बकाया है तो बैंक उधारकर्ता से 80 रुपये स्वीकार करता है और ऋण ख़तम कर देता है। यहां बैंक 20% हेयर कट ले रहा है।
स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) :
- इसे टैक्स चोरी रोकने के लिए इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत लाया गया था।
- इस पद्धति के अंतर्गत, यदि कोई व्यक्ति (कटौती करनेवाला/ डिडक्टर) किसी अन्य व्यक्ति को भुगतान करने के लिए ज़िम्मेदार है तो वह सोर्स (स्त्रोत) पर टैक्स में डिडक्शन (कटौती) कर शेष रकम डिडक्टी को ट्रान्स्फर करेगा। काटी गई टीडीएस राशि केंद्रीय सरकार को भेज दी जाती है।
- फॉर्म 26एएस या डिडक्टर (कटौती करनेवाले) द्वारा जारी किए गए टीडीएस सर्टिफिकेट (प्रमाणपत्र) में डिडक्टी टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (टीडीएस) राशि की जाँच कर सकता है।
- उदाहरण के लिए एक व्यक्ति एक बैंक के साथ एक सावधि जमा खोलता है और एक राशि जमा करता है। अगर जमा राशि पर ब्याज आय 5000 रुपये प्रति वर्ष से अधिक है तो बैंक ब्याज राशि पर 10% टीडीएस काटेगा। तो अगर उस व्यक्ति की ब्याज आय 6000 रुपये प्रति वर्ष है तो बैंक 1000x10% = 100 रुपये टीडीएस काटेगा।
- यहांबैंक कटौती करनेवाला/ डिडक्टर है जबकि जमाकर्ता डिडक्टीहै।
- अलग-अलग वित्तीय लेनदेन के लिए टीडीएस की दरें अलग-अलग हैं।
बोनस इशू :
- जब कोई कंपनी लाभांश के रूप में अपने मौजूदा शेयरधारक को कंपनी का नया शेयर जारी करती है तो इसे बोनस इश्यू कहा जाता है।
राइट्स इशू :
- जब कोई कंपनी सिर्फ अपने मौजूदा शेयरधारकों को कुछ कीमत पर नए शेयर जारी करती है, तो इसे राइट इश्यू कहा जाता है।
अतिरिक्त जानकारी -
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) :
- केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड केंद्रीय राजस्व बोर्ड अधिनियम, 1963 के तहत कार्यरत एक सांविधिक प्राधिकरण है।
- सीबीडीटी वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग का एक हिस्सा है।
- एक तरफ, सीबीडीटी भारत में प्रत्यक्ष करों की नीति और नियोजन के लिए आवश्यक इनपुट प्रदान करता है, साथ ही यह आयकर विभाग के माध्यम से प्रत्यक्ष कर कानूनों के प्रशासन के लिए भी जिम्मेदार है।
- अध्यक्ष : नितिन गुप्ता
9. होंडा मोटरसाइकिल 2025 में पूरी तरह से इथेनॉल से चलने वाले दोपहिया वाहन लॉन्च करेगी
Tags: Economy/Finance Science and Technology
दुनिया की सबसे बड़ी मोटरसाइकिल निर्माता कंपनी होंडा ने घोषणा की है कि वह वर्ष 2025 में भारत में केवल इथेनॉल से चलने वाली मोटरसाइकिलें लायेगी ।
जापानी कंपनी दुनिया की पहली कंपनी है जिसने बायो-एथेनॉल और पेट्रोल के साथ मिश्रित पर्यावरण के अनुकूल ईंधन द्वारा संचालित बाइक लांच की है। इसे पहली बार ब्राजील में मार्च 2022 में लांच किया गया था।
महत्वपूर्ण तथ्य -
इथेनॉल ईंधन आधारित बाइक :
- शुरुआत में होंडा 2023 में पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित ईंधन वाली ई 20 ईंधन बाइक लांच करेगी।
- कंपनी, 2025 में 100 प्रतिशत इथेनॉल की ईंधन वाली ई 100 ईंधन बाइक लांच करेगी।
भारत में जैव ईंधन :
- जैव ईंधन, कृषि उत्पादों के साथ हाइड्रोकार्बन आधारित ईंधन को मिलाकर प्राप्त किया जाने वाला ईंधन है। भारत में गुड़ (गन्ने से चीनी के उत्पादन के दौरान उत्पादित) से प्राप्त इथेनॉल को पेट्रोल के साथ मिलाया जाता है।
भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य :
- 2022 में संशोधित राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति 2018 के तहत, भारत सरकार ने लक्ष्य निर्धारित किया है:
- 2022 तक इथेनॉल के साथ पेट्रोल का 10% सम्मिश्रण
- 2025-26 तक इथेनॉल के साथ पेट्रोल का 20% सम्मिश्रण
- 2030 तक डीजल या बायोडीजल के साथ इथेनॉल का 10% सम्मिश्रण।
10. सरकार ने वीसी/पीई निवेश बढ़ाने के तरीके सुझाने के लिए एम दामोदरन समिति का गठन किया
Tags: committee Economy/Finance
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 13 सितंबर 2022 को भारत में उद्यम पूंजी और निजी इक्विटी (वीसी/पीई) निवेश को आकर्षित करने के तरीके सुझाने के लिए एक समिति का गठन किया है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
- समिति की अध्यक्षता भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पूर्व अध्यक्ष एम दामोदरन करेंगे।
- वित्त मंत्री ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के अपने बजट भाषण में कहा था कि सरकार एक समिति बनाने पर विचार कर रही है जो भारत में निजी इक्विटी और उद्यम पूंजी निवेश को प्रोत्साहित करेगी।
- अधिसूचना के मुताबिक, यह समिति प्रणालीगत दृष्टिकोण का इस्तेमाल करते हुए एक समग्र अध्ययन करेगी ताकि पीई एवं वीसी निवेश को सुगम बनाने के साथ भारत में निवेश को प्रोत्साहित किया जा सके।
- दामोदरन समिति उन उपायों का सुझाव देगी जो भारत में निजी इक्विटी और उद्यम पूंजी निवेश को और आकर्षित करने के लिए उद्योग के समक्ष आने वाले नियामकीय मुद्दों के समाधान को लेकर सुझाव देगी।
वेंचर कैपिटल फंड और प्राइवेट इक्विटी को भारत में सेबी द्वारा नियंत्रित किया जाता है।