बिहार लोक सेवा आयोग ने हेडमास्टर की अधिसूचना जारी की :-
Updated On : 24 Mar, 2022
बीपीएससी हेडमास्टर अधिसूचना
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने राज्य सरकार के उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 6421 पदों पर रिक्ति जारी की है। योग्य अभ्यर्थी आयोग की आधिकारिक वेबसाइट Click Here पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते है।
महत्त्वपूर्ण तिथि :-
आवेदन शुरू होने की तिथि | 5 मार्च 2022 |
आवेदन करने की अंतिम तिथि | 28 मार्च 2022 |
बीपीएससी हेडमास्टर आवेदन
आवेदन कैसे करें :-
बिहार लोक सेवा आयोग की आधिकारिक वेबसाइट Click Here पर जाएं।
फिर आवेदन पत्र पर क्लिक करें।
आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें।
शुल्क का भुगतान करें और सबमिट बटन पर क्लिक करें।
भविष्य के लिए आवेदन पत्र को डाउनलोड करें।
निर्धारित आवेदन शुल्क :-
सामान्य अभ्यर्थियों के लिए | 750/- |
केवल बिहार राज्य के अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के लिए | 200/- |
बिहार राज्य की स्थायी निवासी सभी (आरक्षित/ अनारक्षित वर्ग) महिला उम्मीदवारों के लिए | 200/- |
दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए | 200/- |
परीक्षा शुल्क का भुगतान - डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग या ई चालान के माध्यम से करें।
प्रवेश पत्र :-
परीक्षा के 10 या 15 दिन पहले, आपका प्रवेश पत्र आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दिया जाएगा। नीचे कुछ चरण दिए गए हैं जो आपको अपना प्रवेश पत्र डाउनलोड करने में मदद करेंगे।
आधिकारिक वेबसाइट Click Here पर जाएं।
अब, परीक्षा प्रवेश पत्र पर क्लिक करें।
अब, अपना पंजीकरण विवरण जैसे कि अपना पंजीकरण आईडी या पासवर्ड दर्ज करें।
प्रवेश पत्र स्क्रीन पर दिखाई देता है।
अब, अपना प्रवेश पत्र डाउनलोड करें और आगे की प्रक्रिया के लिए उस का प्रिंटआउट लें।
बीपीएससी हेडमास्टर पात्रता मापदंड
राष्ट्रीयता :-
उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना अनिवार्य है।
आयु सीमा :-
न्यूनतम - 31 वर्ष
अधिकतम - 47 वर्ष
आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा में छूट दी जाएगी।
शैक्षिक योग्यता :-
मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से कम से कम 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातकोत्तर उत्तीर्ण हो।
मान्यता प्राप्त संस्था से बी.एड./ बी.ए.एड./ बीएससी.एड. उत्तीर्ण हो।
बीपीएससी हेडमास्टर परीक्षा पैटर्न
लिखित परीक्षा
विषय | अंक | प्रश्न | अवधि |
सामान्य अध्ययन | 100 | 100 | 2 घंटे |
बीएड कोर्स सम्बंधित प्रश्न | 50 | 50 | |
कुल | 150 | 150 |
बीपीएससी हेडमास्टर पाठ्यक्रम
सामान्य अध्ययन
सामान्य विज्ञान , राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय महत्त्व की समसामयिकी घटनाएँ , भारत का इतिहास और बिहार के इतिहास की मुख्य विशेषताएँ
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन तथा इसमें बिहार का योगदान , भूगोल , भारतीय राजव्यवस्था, प्रारंभिक गणित और मानसिक क्षमता परीक्षण
इकाई I
बाल्यावस्था की समझ - विकासात्मक परिप्रेक्ष्य बालक एवं बाल्यावस्था - बिहार की प्रासंगिक वास्तविकताएँ
वैयक्तिक विकास के आयाम - शारीरिक, संज्ञानात्मक, भाषिक, सामाजिक एवं नैतिक इनके अंत: संबंध एवं शिक्षकों के लिये निहितार्थ। (पियाजे, इरिक्सन और कोहल्वर्ग के संदर्भ में)
किशोरावस्था - धारणाएँ, रूढ़ियाँ और समग्र समझ की आवश्यकता किशोरावस्था को प्रभावित करने वाले कारक - सामाजिक, संस्कृति, राजनैतिक व आर्थिक
बिहार में किशोरों की प्रासंगिक वास्तविकता
इकाई 2
सामाजिकरण और स्कूल का संदर्भ - विद्यालय प्रवेश का प्रभाव, विद्यालय एक सामाजिक संस्थान के रूप में और बिहार में इसकी धारणा, स्कूली संदर्भ में मूल्य का निर्माण
समाज में असमानताएँ एवं प्रतिरोध - पहुँच, ठहराव व बहिष्कार के मुद्दे
सामाजिक, संस्कृतिक संदर्भ आधारित अध्येताओं में - घरेलू एवं अनुदेशन की भाषा का अध्येताओं पर प्रभाव, अध्येताओं पर संस्कृतिक विभिन्नता का प्रभाव
विभिन्न क्षमता वाले अध्येताओं की समझ - मंद गति के अध्येता, डिस्लेक्सिक अध्येता
व्यक्तिगत विभिन्नता आकलन के तरीके - परीक्षण, अवलोकन निर्धारण - मापनी, स्व प्रतिवेदन
इकाई 3
अस्मिता निर्माण की समझ - विविध सामाजिक एवं संस्थागत परिप्रेक्ष्य में व्यक्ति के निर्माण में बहू अस्मिताओं का अभ्युदय, आन्तरिक तालमेल की आवश्यकता, द्वन्दात्मक अस्मिताओं का प्रावधान
शिक्षकों एवं विधार्थियों में अस्मिता निर्माण के स्थल के रूप में विद्यालय, संस्कृति एवं लोकाचार, शिक्षण अधिगम अभ्यास एवं वर्ग कक्ष में शिक्षक संवाद, मूल्यांकन अभ्यास मूल्य प्रणाली एवं विद्यालय की प्रच्छन्न पाठ्यचर्या
अवधारणा - शिक्षा का अर्थ एवं परिभाषा, शिक्षा की प्रक्रियाएं - स्कूल की पढ़ाई, अनुदेशन, प्रशिक्षण एवं शिक्षा देना, शिक्षा के रूप - औपचारिक, अनऔपचारिक, निरौपचारिक
राष्ट्रीय आदर्श को प्रतिबिबिंत करने वाली शिक्षा के संवैधानिक प्रावधान - प्रजातंत्र, समानता, स्वतंत्रता, धर्मनिरपेक्षता एवं सामाजिक न्याय
राष्ट्रीय विकास हेतु शिक्षा - शिक्षा आयोग (1964-66)
इकाई 4
दर्शन और शिक्षा - दर्शन का अर्थ और परिभाषा, दर्शन की भाषायें एवं उनका शैक्षिक समस्याओं एवं मुद्दों के साथ संबंध
दार्शनिक पद्धतियों - दर्शन के सम्प्रदाय- आदर्शवाद, प्राकृतिवाद, प्रयोजनवाद, मार्क्सवाद,यथार्थ, ज्ञान एम मूल्य की अवधारणा के विशेष संदर्भ में उद्देश्य, पाठ्यचर्या, शिक्षण-विधि और अनुशासन हेतु इनके शैक्षिक निहितार्थ
इकाई 5
समानता के अर्थ व संवैधानिक प्रावधान, असमानता के प्रचलित रूप एवं प्रकृति साथ ही साथ प्रभावकारी समूह व अल्प समूहों से संबंधित मुद्दे।
विद्यालयों में असमानता :- सरकारी-निजी स्कूल, ग्रामीण- शहरी स्कूल, एकल शिक्षकीय स्कूल और विद्यालीयी पद्धति में असमानताओं के विभिन्न रूप एवं असमानता को बढ़ावा देने वाली प्रक्रियायें।
विद्यालयी शिक्षा में भेदकारी गुण :- विद्यालय गुणवत्ता में अन्तरशिक्षा का अधिकार- कानून विधेयक व इसके प्रावधान
इकाई 6
अधिगम की प्रकृति एवं अवधारणा, सम्प्रत्यय अधिगम, कौशल अधिगम, मौखिक अधिगम, सामाजिक अधिगम, अधिगम सिद्धांत, समस्या-समाधान
बुनियादी मान्यताएँ और अधिगम सिद्धांतों की प्रासंगिकता का विश्लेषण, व्यवहारवादी_ सामाजिक, संज्ञानात्मक एवं मांनववादी अधिगम सिद्धांत
ज्ञान की रचना की प्रक्रिया के रूप में अधिगम :- अधिगम हेतु रचनावादी दृष्टिकोण विद्यालय के प्रदर्शन और शिक्षार्थी की क्षमता के साथ सीखने का संबंध अभिप्रेरणा की अवधारणा, प्रकार एवं इसे बढ़ाने की तकनीक
वर्ग कक्ष अधिगम विस्मरण - अर्थ और इनके कारण, अधिगम संधारण को विकसित करने की रणनीतियाँ
कौशल सीखने के लिए अधिगम के अर्थ, स्वाध्याय विकसित करने के तरीके
इकाई 7
शिक्षक के कार्य एवं भूमिका का विश्लेषण, पूर्व संक्रिया अवस्था में कौशल एवं दक्षता - योजना दृष्टिगत करना, परिणाम पर निर्णय करना (बनाना), तैयारी और संगठन/अन्तः क्रिया अवस्था- सहज एवं व्यवस्थित अधिगम/उत्तर क्रिया अवस्था-अधिगम परिणाम का आकलन, पूर्ब अवस्था अन्तः क्रिया अवस्था एवं उत्तर क्रिया अवस्था पर विचार विमर्श या चिन्तन
- प्रभावशाली शिक्षकों से संबंधित विशेषताएँ एवं शिक्षकों की व्यवसायिक अस्मिता
शिक्षण कार्य योजना दृष्टिगत करना- अध्येता एवं अधिगम तत्परता के विशिष्ट लक्षण, विषय वस्तु और उनके अन्त: संबंध, अधिगम स्रोत एवं उपागम/रणनीतियाँ
अधिगम परिणाम पर निर्णय लेना/करना - सामान्य अनुदेशात्मक लक्ष्य तय करना उद्देश्यों का विशिष्टीकरण और अधिगम के लिए मापदण्ड, विभिन्न क्रियाकलाप एवं गृहकार्य के लिए अनुदेशात्मक समय निर्धारण / अधिगम में अनुदेश समय एक चर रूप में
अनुदेशन के लिए तैयारी- उपलब्ध अधिगम के स्रोत का चुनाव एवं पहचान या आव यक अधिगम स्रोंत का विकास
एक योजना की तैयारी- ईकाई योजना एवं पाठ् योजना
इकाई 8
अधिगमकर्ता को प्रेरित करना और उनके ध्यान को बनाये रखना- उद्दीपक विभिन्नता एवं पुनर्बलन कौशल का महत्त्व
कक्षा में विद्यार्थियों के अधिगम को प्रभावित करने वाले प्रश्नपृच्छा, उदाहरण एवं व्याख्या-शिक्षकों की दक्षता के रूप में।
शिक्षण की रणनीतियाँ-
1.विवरणात्मक तरीका समझ के लिए शिक्षण उपागम एडवांस आर्गेनाइजर मॉडल : प्रस्तुतीकरण-परिचर्चा, प्रदर्शन
2. पूछ-ताछ तरीका-शिक्षण एवं चिंतन कौशल तथा ज्ञान की रचना का उपागम/अवधारणा प्राप्ति अवधारणा निर्माण, आगमन, चिंतन, समस्या आधारित अधिगम, परियोजना आधारित अधिगम।
लघु समूह एवं बृहत् समूह अनुदेशन के उपागम-सहयोग एवं समन्वित अधिगम उपागम, मस्तिष्क उद्धेलन, भूमिक्ष निभाना, नाटकीकरण, समूह परिचर्चा, अनुरूपण एवं खेल, वाद-विद, प्रश्नोत्तरी एवं संगोष्ठी।
इकाई 9
स्कीनर, चॉम्स्की, पियाजे एवं वायगोत्स्की के विशेष संदर्भ में, बच्चें भाषा कैसे सीखते है?
भाषा का सामाजिक एवं सांस्कृतिक संदर्भ, भाषषा एवं लिंग, भाषा एवं अस्मिता, भाषा एवं भाक्ति, भाषा एवं वर्ग (समाज)
भाषा का राजनीतिक संदर्भ, बिहार और भारत हेतु बहुभाषीय संदर्भ, भाषा से संबंधित भारत में संवैधानिक प्रावधान
भाषा व ज्ञान की रचना, भाषा सीखने के उद्देश्य की समझ:-कल्पना, सृजनात्मकता संवेदनशीलता, कौशल विकास
अनुदेशन के माध्यम का समीक्षात्मक समालोचना, स्कूल के विभिन्न पंजीकृत विषय भारत में भाषा की स्थिति, अनुच्छेद 343-351, 350 क
इकाई 10
अकादमिक अनुशासन क्या है? अनुशासन और विषयों में मानवीय ज्ञान के वर्गीकरण की आवश्यकता / परिप्रेक्ष्य
1. दार्शनिक परिप्रेक्ष्य :- एकता एवं अनेकता
2. मानविकी परिप्रेक्य :- संस्कृति एवं जनजाति
3. सामाजिक परिप्रेक्ष्य :- व्यवसायीकरण एवं श्रम का बँटवारा
4. ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य :- विकास एवं अलगाव
5. प्रवंधन परिप्रेक्य :- बाजार एवं संगठन
6. शैक्षिक परिप्रेक्य :- शिक्षण एवं अधिगम।
विषयों/अनुशासन में शोध:-आँकड़ा संग्रहण के तरीके, निष्कर्ष निकालना, सामान्यीकरण और सिद्धान्तविकास, संदर्भ तैयार करना, टिप्पणी एवं संदर्भ सूची संचयिका।
अन्त: अनुशासन अधिगम क्या है? अन्त: अनुशासन अधिगम एक द्वन्दात्मक प्रक्रिया
अन्तः विषयक विषयों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु प्रयोग में लाये जा सकने वाले मापदंड
इकाई 11
समता एवं समानता :- जाति, वर्ग, धर्म, जाति-समूह गुण, शारीरिक अक्षमता और क्षेत्रीयता के सम्बन्ध में।
महिला अध्ययन से जेण्डंर अध्ययन की ओर प्रतिमान विस्थापन
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि :- महिलाओं के शैक्षिक अनुभवों पर केंद्रित उन्नीसवीं एवं बीसवीं सदी से सामाजिक सुधार आन्दोलन के कुछ मील के पत्थर
लिंग, संस्कृति और संस्थान : वर्ग, जाति, धर्म और क्षेत्र का प्रतिच्छेदन
शिक्षक : परिवर्तन करने वाले के रूप में। विधि-निर्गमन,
इकाई 12
राष्ट्र और राज्य स्तर पाठ्यचर्या निर्धारक-
सामाजिक-राजनैतिक-सांस्कृतिक-भौग- विविध विविधताएं।
सामाजिक-राजनैतिक आकांक्षाएं, (शैक्षिक दृष्टिकोण और आदर्शों को सम्मिलित करना)
अर्थव्यवस्था की आवश्यकताएं
संभावित संभावित
सांस्कृतिक अनुक्रिया
राष्ट्रीय कार्य
शासन व्यवस्था और शासन व्यवस्था और
अन्तरराष्ट्रीय अंक
परीक्षण, मापन, परीक्षा, मूल्य निर्धारण एवं मूल्यांकन की अवधारणा तथा इनके अन्तः संबंध।
आकलन के लक्ष्य एवं उद्देशय :- आकलन के तरीके, प्रतिपुष्टी, ग्रेडींग प्रोन्नति, प्रमाण-पत्र देना तथा अधिगम समस्या से संबंधित निदानात्मक आकलन।
छात्र उपलध्धि प्रतिवेदन-प्रगतिप्रतिवेदन, संचयीअभिलेख, प्रोफाईल और उनके उपयोग, पोर्टफोलियो
एक समावेशी विद्यालय की अवधारणा-आधारभूत संरचना एवं पहुँच, मानव संसाधन, दिव्यांगता के प्रति रवैया। सम्पूर्ण विद्यालयी दृष्टिकोण तक पहुँच, समुदाय आधारित शिक्षा।
स्वास्थ्य की अवधारणा, महत्त्व, स्वास्थ्य के आयाम और निर्धारक बच्चों एवं किशोरों की स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताएँ विभिन्न क्षमता वाले बच्चें।
शान्ति की समझ-गतिशील सामाजिक वास्तविकता के रूप में।
मार्गदर्शन के लिए स्कूलों में संसाधनों का विकास
बीपीएससी हेडमास्टर चयन प्रक्रिया
चयन ओएमआर आधारित परीक्षा के आधार पर किया जाएगा।
इन रिक्तियों के लिए कोई साक्षात्कार आयोजित नहीं किया जाएगा।
अंतिम चयन मूल दस्तावेजों और प्रशंसापत्रों के सत्यापन के बाद किया जाएगा।
बीपीएससी हेडमास्टर पद
रिक्ति जानकारी :-
श्रेणी | कुल रिक्ति |
अनारक्षित वर्ग | 2571 |
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग | 639 |
अनुसूचित जाति | 1027 |
अनुसूचित जनजाति | 66 |
अत्यंत पिछड़ा वर्ग | 1157 |
पिछड़ा वर्ग | 768 |
पिछड़े वर्ग की महिलाएँ | `192 |
कुल | 6421 |
बीपीएससी हेडमास्टर वेतन
वेतनमान :-
35000/- एवं सरकार द्वारा समय- समय पर देय अन्य भत्ते।