Updated On : 08 Jan, 2022
नई दिल्ली - सुप्रीम कोर्ट ने नीट OBC, EWS कोटा मामले पर बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा - आरक्षण इसी सत्र से लागू होगा। कोर्ट के फैसले के बाद काउंसलिंग का रास्ता अब साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इसी सत्र के लिए सरकार की 27 प्रतिशत OBC आरक्षण की योजना को मंजूरी दी है।ऑल इंडिया कोटा की 27 फीसदी सीटों पर OBC कैटेगिरी के छात्रों को आरक्षण दिया जाएगा। इससे NEET PG के छात्रों को काफी राहत मिली है क्योंकि अब तक रुकी हुई काउंसलिंग की राह काफी हद तक आसान हो जाएगी ।
मामले पर फैसला देते हुए कोर्ट ने कहा - हम OBC आरक्षण की वैधता को बरकरार रख रहें हैं। यानी OBC वर्ग के छात्रों को इसी बार से एडमिशन में 27 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा - काउंसलिंग तत्काल शुरू होनी चाहिए। यह राष्ट्रहित में है क्योंकि देश में फिलहाल रेजिडेंट डॉक्टर्स की भारी कमी है। इसके साथ ही 10 %EWS आरक्षण भी हो। आरक्षण इसी सत्र से लागू होगा। इसके साथ ही EWS आरक्षण को लेकर मार्च में विस्तार से सुनवाई होगी।
जल्द जारी हो सकती है तिथि -
कोर्ट के फैसले के बाद नीट पीजी कॉउंसलिंग और एडमिशन का रास्ता साफ हो गया है। बता दें कि लंबे समय तक रेजिडेंट डॉक्टर्स ने काउंसलिंग शुरू करने की माँग के साथ प्रदर्शन किए थे। MCC जल्द ही कॉउंसलिंग की तारीखें जारी कर सकता है।
क्या है संशोधित EWS मानदंड -
संशोधित EWS मानदंड विवादस्पद आठ लाख रूपये वार्षिक आय सीमा को बरकरार रखता है, लेकिन आय के बावजूद, पाँच एकड़ या उससे अधिक की कृषि भूमि वाले परिवार को शामिल नहीं करता है। हलफनामा अदालत के जवाब में था जिसमें सरकार से पूछा गया था कि उसने आठ लाख रूपये से कम की वार्षिक आय पर समझौता क्यों किया है जोकि OBC कर बीच ‘क्रीमी लेयर’ का निर्धारण करने के लिए समान मानक है।
हजारों छात्रों को मिली राहत
अदालत ने कहा कि नीट पीजी 2021 और नीट UG 2021 की काउंसलिंग उसी आधार पर होगी, जो 29 जुलाई 2021 के नोटिस में बताया था। यानी OBC कैटिगिरी को 27 प्रतिशत आरक्षण और EWS कैटिगिरी के कैंडिडेट्स को 10 प्रतिशत आरक्षण जारी रहेगा। EWS का पैमाना वही रहेगा जो 2019 के ऑफिस मेमोरेंडम में बताया गया था . SC के इस फैसले से एडमिशन की राह देख रहे हजारों कैंडिडेट्स को राहत मिली है।
फौरन खत्म होगी रेजिडेंट्स की हड़ताल -
नीट पीजी 2021 की कॉउंसलिंग में हो रही देरी के खिलाफ देशभर में रेजिडेंट डॉक्टर्स प्रदर्शन कर रहें थे , अब उनकी हड़ताल खत्म हो जाएगी। जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल से दिल्ली, मुंबई समेत कई बड़े शहरों में स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ा। कोविड-19 के नए वैरिएंट के खतरे के बीच, इस हड़ताल का खामियाजा पुरे देश को भुगतना पड़ता। दिग्गज हेल्थ एक्सपर्ट्स ने भी जल्द से जल्द कॉउंसलिंग शुरू करने कई गुहार लगाई थी।
EWS : 8 लाख की आय सीमा पर भी फैसला जल्द
सुप्रीम कोर्ट दो महीने बाद EWS कैटिगिरी के लिए 8 लाख रूपये कई सालाना आय के पैमाने पर भी विचार करेगा। अजय भूषण पांडेय समिति ने जो पैमाना तय किया था, फ़िलहाल उसी के आधार पर भर्तियाँ होंगी। आठ लाख रूपये का पैमाना तार्किक है या नहीं, यह सुप्रीम कोर्ट मार्च-अप्रैल में तय करेगा।
केंद्र के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में दी गई थी चुनौती -
केंद्र सरकार ने 29 जुलाई 2021 को नोटिफिकेशन जारी कर नीट परीक्षा में ऑल इंडिया कोटा के तहत OBC को 27 फीसदी और आर्थिक रूप से कमजोर स्टूडेंट को 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती दी गई थी। कॉउंसलिंग में देरी के कारण रेजिडेंट्स डॉक्टरों के प्रोटेस्ट के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने अर्जी दाखिल कर जल्द सुनवाई की गुहार लगाई थी।
यह दी गई थी दलील -
केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 27 प्रतिशत OBC कोटा और 10 फीसदी EWS को आरक्षण दिया जा रहा है। यह 2019 से ही लागू है। यूपीएससी में भी यही कोटा दिया जा रहा है। इसमें जनरल कैटिगिरी को सीटों की हानि नहीं हुई है, बल्कि सीटों की संख्या 25 फीसदी बढ़ा दी गई है। पीजी कोर्स में आरक्षण के लिए कोई मनाही नहीं है।
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