जिन वस्तुओं या परिस्थितियों को देखकर स्थायी भाव उद्दीप्त होने लगता है वह कहलाता है-
मनोगत भावों को व्यक्त करने वाले शरीर- विकार क्या कहलाते हैं-
मनोगत भावों को व्यक्त करने वाले शरीर-विकार क्या कहलाते हैं-
मानव समाज में अरुण पड़ा, जल जन्तु बीच हो वरुण पड़ा।
इस तरह भभकता राजा था, मानो सर्पों में गरुड़ पड़ा।
उपर्युक्त पंक्ति में कौन - सा रस है?
मानव समाज में अरुण पड़ा ,जल जन्तु बीच हो वरुण पड़ा।
इस तरह भभकता राणा था , मानो सर्पों में गरुड़ पड़ा।
उपर्युक्त पंक्ति में कौन - सा रस है ?
हाय राम कैसे झेलें हम अपनी लज्जा अपना शोक।
गया हमारे ही हाथों से अपना राष्ट्र पिता परलोक।
बरतस लालच लाल की,मुरली धरी लुकाय ।
सौंह करे, भौंहिनी हँसै, दैन कहै, नटि जाय।।
'रौद्र' रस का स्थायी भाव क्या है?
रौद्र' रस का स्थायी भाव क्या है?
चमक उठी सन सत्तावन में वो तलवार पुरानी थी। रस भेद बताइए।
चमक उठी सन सत्तावन में वो तलवार पुरानी थी।रस भेद बताइए।
हास्य रस का स्थायी भाव है-
किस रस को रसराज कहा जाता है?
किस रस की रसराज कहा जाता है?
करुण रस का स्थायी भाव क्या होगा?
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