“कल कानन कुंडल मोर पखा, उर पे बनमाल विराजति है। ”
प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है?
यह जीवन क्या है? निर्झर है। उपरोक्त पंक्ति में कौन-सा अलंकार प्रयुक्त है ?
सिर फट गया उसका वहीं। मानो अरुण रंग का घड़ा हो। इस पंक्ति में कौन सा अलंकार है ?
जो घनीभूत पीड़ा थी मस्तक में स्मृति सी छाई। दुर्दिन में आंसू बनकर आज बरसने आई। यह उदाहरण है -
जो घनीभूत पीड़ा थी मस्तक में स्मृति सी छाई। दुर्दिन में आंसू बनकर आज बरसने आई ।
यह उदाहरण है -
भगवान भक्तों की भयंकर भूरि भीति भगाइये। यह उदाहरण है -
‘ मिला तेज से तेज, तेज की वह सच्ची अधिकारी थी।’ में कौन-सा अलंकार है ?
‘मुख मानो चंद्रमा है’ में कौन-सा अलंकार है?
मंगन को देखि पट देत बार-बार है। यह उदाहरण है -
रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून। पानी गए न ऊबरे मोती मानस चून।' इस दोहे में कौन-सा अलंकार है ?
चरण-कमल बंदौ हरिराई।
इस काव्य पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
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