‘रिपु-आँतन की कुंडली करि जोगिनी चबात ।
पीबहि में पागी मनो जुवति जलेबी खात ।।’
उपरोक्त पंक्तियों में कौन सा स्थायी भाव है?
निम्नलिखित में से कौन-सा रस 'वीभत्स' का विरोधी है?
'जुगुप्सा' किस रस का स्थायी भाव है?
अखिल भुवन चर अचर सब , हरिमुख में लखि मात। चकित भई गदगद वचन , विकसित दृग पुलकात। ।
प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा रस प्रयुक्त हुआ है?
रसों को उदित और उद्दीप्त करने वाली सामग्री क्या कहलाती है ?
अन्न परायो पाई के खायो पेट अघाय दे मिले फिर फिर इहाँ मन्त्र पसयो नाइ। पंक्ति में कौन-सा रस है?
माधुर्य गुण का किस रस में प्रयोग होता है?
'अब लौ नसानी अब न नसैहों', इसमें कौन-सा रस है?
मुझे फूल मत मारो, मै अबला बाला वियोगनी, कुछ तो दया विचारो || इस पंक्ति में कौन सा रस है?
किस रस को रस राज कहा जाता है?
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