“अखिल भुवन चर-अचर जग, हरिमुख में लखि मातु।
चकित भयी, गदगद वचन, विकसित दृग पुलकातु।।”
प्रस्तुत पंक्तियों में कौन- सा रस है?
'अद्भुत रस' का स्थायी भाव क्या है ?
निम्नलिखित में से शृंगार रस का स्थायी भाव होता है-
"काव्य को पढ़ने या सुनने से जिस आनंद की अनुभूति होती है", उसे क्या कहा जाता है ?
“सुनहु राम जेहिं सिवधनु तोरा। सहसबाहु सम सो रिपु मोरा।” प्रस्तुत पंक्तियों में कौन - सा रस है?
“सुनहु राम जेहिं सिवधनु तोरा। सहसबाहु सम सो रिपु मोरा।” प्रस्तुत पंक्तियों में कौन -सा रस है?
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