‘पापी मनुज भी आज मुख से, राम नाम निकालते’ - इस काव्य पंक्ति में अलंकार है -
‘समय-सिन्धु चंचल है भारी।’- उक्त पंक्ति में कौन-सा अलंकार है ?
सागर-सा गंभीर हृदय हो,गिरि-सा ऊँचा हो जिसका मन।
उपर्युक्त पंक्ति में कौन-सा अलंकार निहित है ?
लखन-सकोप वचन जब बोले। डगमगानी महि दिग्गज डोले ।।
पंक्ति में कौन-सा अलंकार है ?
जान पड़ता है नेत्र देख बड़े-बड़े
हीरको में गोल नीलम हैं जड़े। उपर्युक्त पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
रको में गोल नीलम हैं जड़े। उपर्युक्त पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
"तीन बेर खाती थी वो तीन बेर खाती है।" में कौन सा-अलंकार है?
निम्नलिखित प्रश्न में चार विकल्पों में से, उस सही विकल्प का चयन करें जो दिए गए पद्य के उचित अलंकार रूप का सबसे अच्छा विकल्प है।
काली घटा का घमंड घटा
निम्नलिखित चार विकल्पों में से उस विकल्प का चयन करें जो दिए गए पद्य के उचित अलंकार रूप का सबसे अच्छा विकल्प है।
जेते तुम तारे तेते नभ में न तारे हैं।
जा तन की झाई परै, श्यामु हरित, दुतिहोय।
. निम्नलिखित चार विकल्पों में से उस विकल्प का चयन करें जो दिए गए पद्य के उचित अलंकार रूप का सबसे अच्छा विकल्प है।
तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाये। झुके कूल सौ जल परसन हित मनहुँ सुहाये।इस कविता की दूसरी पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
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