Question 2:
कभी कफ़न को उठा देखते,
लग गले निर्झर झर-झर करते,
दिन तेरह में ही बिसरते हैं।’’
उपर्युक्त पंक्तियों में किस रस की अनुभूति होती है?
कभी कफ़न को उठा देखते,
लग गले निर्झर झर-झर करते,
दिन तेरह में ही बिसरते हैं।’’
उपर्युक्त पंक्तियों में किस रस की अनुभूति होती है?