Question 2:
कभी कफ़न को उठा देखते,
लग गले निर्झर झर-झर करते,
दिन तेरह में ही बिसरते हैं।’’
उपर्युक्त पंक्तियों में किस रस की अनुभूति होती है?
कभी कफ़न को उठा देखते,
लग गले निर्झर झर-झर करते,
दिन तेरह में ही बिसरते हैं।’’
उपर्युक्त पंक्तियों में किस रस की अनुभूति होती है?
Question 4:
यह देख, गगन मुझमें लय है,
यह देख, पवन मुझमें लय है,
मुझमें विलीन झंकार सकल,
मुझमें लय है, संसार सकल।
अमरत्व फूलता है मुझमें,
संसार झूलता है मुझमें।"
उपरोक्त पंक्तियों में कौन-सा रस है?
यह देख, गगन मुझमें लय है,
यह देख, पवन मुझमें लय है,
मुझमें विलीन झंकार सकल,
मुझमें लय है, संसार सकल।
अमरत्व फूलता है मुझमें,
संसार झूलता है मुझमें।"
उपरोक्त पंक्तियों में कौन-सा रस है?