सारी बीच नारी है कि नारी बीच सारी है
सारी ही की नारी है कि नारी ही की सारी है।
प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है?
तीन बेर खाती थी वे तीन बेर खाती है। प्रस्तुत पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
“हाय फूल-सी कोमल बच्ची, हुई राख की थी ढेरी।” प्रस्तुत पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
चरण धरत चिंताकरत, भावत नींद न शोर।
सुबरन को ढूँढ़त फिरत, कवि कामी और चोर ।।
चरण धरत चिंता करत चितवत चारोंहुँ ओर
सुवरन को खोजत फिरे, कवि, व्यभिचारी, चोर।।
“कानन कठिन भयंकर भारी, घोर घाम वारी ब्यारी।”
सारंग ले सारंग चली , सारंग पूजो आय।
सारंग ले सारंग धरयौ , सारंग सारंग मांय ।।
प्रस्तुत पंक्ति में कौन सा अलंकार है?
मुदित महीपति मन्दिर आये ।
सेवक सचिव सुमंत बुलाये।।
प्रस्तुत पंक्ति में कौन - सा अलंकार है?
रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून।
पानी गये न ऊबरै मोती, मानस, चून।।
कान्हा कृपा कटाक्ष की करै कामना दास ।
चातक चित में चेत ज्यों स्वाति बूंद की आस।
चरण - कमल बंदौ हरिराई।
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