“आधा पात बबूल का, तामे तनिक पिसान।
लाला जी करने लगे छठे छमासे दान।”
उपर्युक्त पंक्तियों में कौन-सा रस है?
“हे खग मृग हे मधुकर श्रेणी, तुम देखी सीता मृगनैनी।”
जिन वस्तुओं या परिस्थितियों को देखकर स्थायी भाव उद्दीप्त होने लगता है वह कहलाता है-
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई
जाके सिर मोर मुकुट मेरो पति सोई।
प्रस्तुत पंक्तियों में कौन - सा रस है?
माधुर्य गुण का किस रस में प्रयोग होता है?
सुनत लखन के बचन कठोर। परसु सुधरि धरेउ कर घोरा
अब जनि देर दोसु मोहि लोगू। कटुबादी बालक बध जोगू।
प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा रस प्रयुक्त हुआ है?
हाय राम कैसे झेलें हम अपनी लज्जा अपना शोक।
गया हमारे ही हाथों से अपना राष्ट्र पिता परलोक।
उपर्युक्त पंक्ति में कौन - सा रस है ?
वीर रस का स्थायी भाव है -
बरतस लालच लाल की,मुरली धरी लुकाय ।
सौंह करे, भौंहिनी हँसै, दैन कहै, नटि जाय।।
मन रे तन कागद का पुतला।
लागै बूँद बिनसि जाय छिन में, गरब करै क्या इतना ।।
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