कहती हुई यो उत्तरा के, नेत्र जल से भर गए।
हिम के कणों से पूर्ण मानो, हो गए पंकज नए।।
में ‘मानो’ के द्वारा कौन- सा अलंकार बनता है?
ओस-बिंदु चुग रही हंसिनी मोती उनको जान।
उपर्युक्त पंक्ति में कौन-सा अलंकार प्रयुक्त हुआ है?
संध्या घनमाला की सुंदर
ओढ़े रंग-बिरंगी छींट।
उपर्युक्त पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है?
बांधा था विधु को किसने, इन काली जंजीरों से, मणिवाले फणियों का मुख, क्यों भरा हुआ हीरों से।' इसमें कौन-सा अलंकार है?
कबीरा सोई पीर है, जे जाने पर पीर।
जे पर पीर न जानई सो काफिर बेपीर॥' में कौन-सा अलंकार है?
चीरजीवौ जोरी जुरै, क्यों न सनेह गंभीर।
को घटि ये वृषभानुजा, वे हलधर के बीर।।' में कौन-सा अलंकार है?
'मो सम कौन कुटिल खल कामी।' में कौन-सा अलंकार है?
जिन पंक्तियों में एक ही उच्चारण स्थान से उच्चरित होने वाले वर्णों की आवृत्ति होती है, तो वहाँ कौन-सा अलंकार होता है?
जिन पंक्तियों में एक शब्द या शब्द समूह अनेक बार आए किंतु उनका अर्थ प्रत्येक बार भिन्न हो तो वहाँ कौन-सा अलंकार होता है?
'देख लो साकेत नगरी है यही। स्वर्ग से गगन में मिलने जा रही।' उपर्युक्त पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
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