“उदित उदयगिरी मंच पर, रघुवर बाल पतंग।
विकसे संत सरोज सब हरषे लोचन भृंग।।”
उपर्युक्त पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है?
दिए गए विकल्पों में से कौन सा अर्थालंकार है?
“विमाता बन गई आंधी भयवह।हुआ चंचल ना फिर भी श्यामघन वह।”
प्रस्तुत पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
“नित प्रति पुन्यौई रहे, आनन ओप उजास” प्रस्तुत पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
“राम हृदय जाके नहीं, विपति सुमंगल ताहिं।
राम हृदय जाकर, नहीं विपति सुमंगल ताहि।।”
प्रस्तुत पंक्तियों में कौन सा अलंकार है?
“राम ह्रदय जाके नहीं, विपति सुमंगल ताहिं।
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