निम्नलिखित में से शुद्ध वाक्य का चयन कीजिए?
निम्नलिखित में से ‘पुर्तगाली' शब्द है?
'अपनी करनी पार उतरनी' का अर्थ है :
निर्देश - निम्नलिखित गद्यांश के रिक्त-स्थान की पूर्ति गद्यांश के नीचे दिए गए प्रश्न के अनुसार कीजिए।
विचार-विनिमय के लिए केवल ………………..(1 ) को ही वाणी का वरदान प्राप्त है। पशु - पक्षी अपने भाव और विचार शारीरिक मुद्राओं और संकेतों द्वारा प्रकट करते हैं। वाणी के अनेक रूप हैं जो भाषा या बोली कहलाते हैं। प्रायः सभी स्वतंत्र देशों की अपनी-अपनी…………...(2 ) हैं। उनके साथ स्थानीय बोलियाँ भी हैं जो भाषा का ही प्रादेशिक रूप हैं। सबसे अधिक सुगम, सरल, स्वाभाविक भाषा ………….. (3)कहलाती है। यह बालक को जन्मजात संस्कार से मिलती है। अन्य भाषाएँ अर्जित भाषाएँ होती हैं जो अभ्यास द्वारा सीखी जाती हैं। अपने घर-परिवार, वर्ग, जाति और देश के मध्य …………….(4) के लिए सबसे सरल भाषा मातृभाषा ही है। अपनी मातृभाषा द्वारा जितनी सहजता से भाव व्यक्त किया जाता है वैसा सहज -सामर्थ्य किसी अन्य अर्जित भाषा में नहीं होता। राष्ट्र की एकता और पारस्परिक विचार-विनिमय की सुविधा के लिए राष्ट्र भाषा की आवश्यकता में किसी को भी संदेह नहीं हो सकता। सभी राष्ट्र अपनी राष्ट्रभाषा को सम्मान देते और व्यवहार में लाते हैं। स्वतंत्र भारत में भी हमें अपने राष्ट्र की भाषाओं को अपनाना चाहिए। राष्ट्रीय गौरव और……………... (5) के लिए यह आवश्यक है।
गद्यांश में सांकेतिक रिक्त- स्थान(3) के लिए उपयुक्त विकल्प क्या होगा?
मूल्यांकन का उद्देश्य निम्नलिखत हैः
मूल्यांकन का उद्देश्य निम्नलिखत है-
रिक्त-स्थान को भरने के लिए उपयुक्त शब्द का चयन कीजिए :-
चरित्र ही दूसरे शब्दों में……. है।
वह कौन सी विधि है जिसमे शिक्षक पाठ्य कविताओं की तुलना उसी भाव को व्यक्त करने वाली अन्य कविताओं के साथ करके कविता के भावार्थों को स्पष्ट करने का प्रयास करता है?
निर्देश- गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा प्रश्न के उत्तर दीजिए।
यूरोपीय उपन्यास के विकास में पूँजीवादी अर्थतंत्र और मध्य वर्ग का योगदान बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है और अक्सर इस अवधारणा को हिंदी उपन्यास के इतिहास पर भी चस्पाँ कर दिया जाता है। पर हिंदी क्षेत्र की परिस्थितियों को देखते हुए हिंदी उपन्यास के संबंध में इस सामान्यीकरण को संगत नहीं माना जा सकता। 1870-90 ई. की अवधि में हिंदी क्षेत्र में न तो पूँजीवादी अर्थतंत्र का कोई वर्चस्व था, न ही कोई मजबूत मध्यवर्ग पैदा हुआ था। इस समय भारत ब्रिटिश उपनिवेशवाद के चंगुल में तड़फड़ा रहा था और एक विदेशी पूंजीवादी उसका चौतरफा शोषण कर रहा था। इस विदेशी पूँजीवादी की भाषा अंग्रेजी थी। इस व्यवस्था के पोषक और सहायक के रूप में अंग्रेजी पढ़ा-लिखा मध्यवर्ग वजूद में आ रहा था, पर वह अधिकतर अहिंदी भाषी, विशेष रूप से बांग्ला भाषी था। दरअसल हिंदी उपन्यास हिंदी भाषी जनता की राष्ट्रीय आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति था।
पूँजीवादी अर्थतंत्र और मध्यवर्ग ने साहित्य की किस विधा के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया?-
निम्न लिखित में से 'ऊष्म व्यंजन' कौन-से हैं ?
सुनत लखन के बचन कठोर। परसु सुधरि धरेउ कर घोरा
अब जनि देर दोसु मोहि लोगू। कटुबादी बालक बध जोगू।
प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा रस प्रयुक्त हुआ है?
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