UP POLICE CONSTABLE HINDI QUIZ

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Question 1:

“ घर में दीपक जल रहा है।” प्रस्तुत वाक्य में कौन-सा कारक है?

Question 2:

जब कर्ता एक क्रिया समाप्त कर उसी क्षण दूसरी क्रिया में प्रवृत्त होता है तब पहली क्रिया क्या कहलाती है?

Question 3:

गद्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्न के उत्तर दीजिए -

निबंध कविता, कहानी की तरह रचनात्मक साहित्य की एक विधा है। लेकिन इस शब्द का प्रयोग किसी विषय की तार्किक और बौद्धिक विवेचना करने वाले लेखों के लिए किया जाता है।निबंध के पर्याय के रूप में संदर्भ, रचना और प्रस्ताव का भी उल्लेख किया जाता है। लेकिन साहित्यिक आलोचना में सर्वाधिक प्रचलित शब्द निबंध ही है। इसे अंग्रेजी के कम्पोजीशन और एसे के अर्थ में ग्रहण किया जाता है। आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार संस्कृत में भी निबंध का साहित्य है। प्राचीन संस्कृत साहित्य के उन निबंधों में धर्मशास्त्रीय सिद्धान्तों की तार्किक व्याख्या की जाती थी। उनमें व्यक्तित्व की विशेषता नहीं होती थी। किन्तु वर्तमान काल के निबंध संस्कृत के निबंधों से ठीक उल्टे हैं। उनमें व्यक्तित्व या वैयक्तिकता का गुण सर्वप्रधान है।  हिंदी साहित्य के आधुनिक युग में भारतेन्दु और उनके सहयोगियों से निबंध लिखने की परम्परा का आरम्भ होता है। निबंध ही नहीं , गद्य की कई विधाओं का प्रचलन भारतेन्दु से होता है।  यह इस बात का प्रमाण है कि गद्य और उसकी विधाएँ आधुनिक मनुष्य के स्वाधीन व्यक्तित्व के अधिक अनुकूल हैं। मोटे रूप में स्वाधीनता आधुनिक मनुष्य का केंद्रीय भाव है। इस भाव के कारण परम्परा की रूढ़ियाँ दिखाई पड़ती हैं। सामयिक परस्थितियों का दबाव अनुभव होता है। भविष्य की संभावनाएँ खुलती जान पड़ती हैं। इसी को इतिहास-बोध कहा जाता है। भारतेन्दु युग का साहित्य इस इतिहास-बोध के कारण आधुनिक माना जाता है। 

वर्तमान काल के निबंध संस्कृत के निबंधों से किस प्रकार भिन्न हैं ?

गद्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्न के उत्तर दीजिए -

निबंध कविता, कहानी की तरह रचनात्मक साहित्य की एक विधा है। लेकिन इस शब्द का प्रयोग किसी विषय की तार्किक और बौद्धिक विवेचना करने वाले लेखों के लिए किया जाता है।निबंध के पर्याय के रूप में संदर्भ, रचना और प्रस्ताव का भी उल्लेख किया जाता है। लेकिन साहित्यिक आलोचना में सर्वाधिक प्रचलित शब्द निबंध ही है। इसे अंग्रेजी के कम्पोजीशन और एसे के अर्थ में ग्रहण किया जाता है। आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार संस्कृत में भी निबंध का साहित्य है। प्राचीन संस्कृत साहित्य के उन निबंधों में धर्मशास्त्रीय सिद्धान्तों की तार्किक व्याख्या की जाती थी। उनमें व्यक्तित्व की विशेषता नहीं होती थी। किन्तु वर्तमान काल के निबंध संस्कृत के निबंधों से ठीक उल्टे हैं। उनमें व्यक्तित्व या वैयक्तिकता का गुण सर्वप्रधान है।  हिंदी साहित्य के आधुनिक युग में भारतेन्दु और उनके सहयोगियों से निबंध लिखने की परम्परा का आरम्भ होता है। निबंध ही नहीं , गद्य की कई विधाओं का प्रचलन भारतेन्दु से होता है।  यह इस बात का प्रमाण है कि गद्य और उसकी विधाएँ आधुनिक मनुष्य के स्वाधीन व्यक्तित्व के अधिक अनुकूल हैं। मोटे रूप में स्वाधीनता आधुनिक मनुष्य का केंद्रीय भाव है। इस भाव के कारण परम्परा की रूढ़ियाँ दिखाई पड़ती हैं। सामयिक परस्थितियों का दबाव अनुभव होता है। भविष्य की संभावनाएँ खुलती जान पड़ती हैं। इसी को इतिहास-बोध कहा जाता है। भारतेन्दु युग का साहित्य इस इतिहास-बोध के कारण आधुनिक माना जाता है। 

Question 4:

निम्नलिखित अनेकार्थी शब्द का दूसरा अर्थ बताइए -

अभिधान- पदनाम

Question 5:

निम्नलिखित विकल्पों में से कौन - सा शब्द ‘आकुंचन’ का विलोम होगा -

Question 6:

निम्नलिखित में से 'बैलगाड़ी' शब्द में कौन - सा समास है?

Question 7:

रसों को उदित और उद्दीप्त करने वाली सामग्री क्या कहलाती है?

Question 8:

“आती है शून्य क्षितिज से क्यों लौट प्रतिध्वनि मेरी। टकराती बिलखाती-सी पगली-सी देती फेरी।।" पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है?

Question 9:

श्रीलाल शुक्ल जी द्वारा रचित उपन्यास ‘रागदरबारी’ को किस पुरस्कार से नवाजा गया ?

Question 10:

हिंदी साहित्य की भूमिका' के लेखक कौन हैं?