Question 8:
निर्देश- गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा प्रश्न के उत्तर दीजिए ।
जाति में कोई चाहे ऊचाँ हो चाहे नीचा हो, सबका आदर कीजिए, जो जिस योग्य हो उसको वैसा मानिए। छोटी जाति के लोगों का तिरस्कार करके उनका जी मत तोड़िये। सब लोग आपस में मिलिए। मुसलमान भाइयों को भी उचित है कि इस हिंदुस्तान में बसकर वे लोग हिन्दुओं को नीचा समझना छोड़ दें। ठीक भाइयों की भाँति हिन्दुओं से बरताव करें। ऐसी बात जो हिन्दुओं का जी दुखानेवाली हो न करें। घर में आग लगे, तब जिठानी- देवरानी को आपस का डाह छोड़कर एक साथ वह आग बुझानी चाहिए। जो बात हिन्दुओं को नही मय्यसर है, वह धर्म के प्रभाव से मुसलमानों को सहज प्राप्त है। उनमे जाति नहीं, खाने- पीने में चूल्हा- चौका नहीं, विलायत जाने में रोक - टोक नहीं। फिर भी बड़े ही सोच की बात है, मुसलमानों ने अभी तक अपनी दशा नहीं सुधारी। अभी तक बहुतों को यही ज्ञान है कि दिल्ली ,लखनऊ की बादशाहत कायम है। यारो ! वो दिन गए। अब आलस, हठधर्मी यह सब छोड़ो। चलो हिन्दुओं के साथ तुम भी दौड़ो। एक -एक दो होंगे। भाई हिन्दुओं तुम भी मत- मतांतर का आग्रह छोड़ो। आपस में प्रेम बढाओ। इस महामंत्र का जाप करो। सब उन्नतियों का मूल धर्म है। भाइयों अब तो नींद से जागो, अपने देश की सब प्रकार उन्नति करो।
उपर्युक्त गद्यांश के आधार पर निम्न विकल्पों में से उचित शीर्षक का चयन करें -
निर्देश- गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा प्रश्न के उत्तर दीजिए । जाति में कोई चाहे ऊचाँ हो चाहे नीचा हो, सबका आदर कीजिए, जो जिस योग्य हो उसको वैसा मानिए। छोटी जाति के लोगों का तिरस्कार करके उनका जी मत तोड़िये। सब लोग आपस में मिलिए। मुसलमान भाइयों को भी उचित है कि इस हिंदुस्तान में बसकर वे लोग हिन्दुओं को नीचा समझना छोड़ दें। ठीक भाइयों की भाँति हिन्दुओं से बरताव करें। ऐसी बात जो हिन्दुओं का जी दुखानेवाली हो न करें। घर में आग लगे, तब जिठानी- देवरानी को आपस का डाह छोड़कर एक साथ वह आग बुझानी चाहिए। जो बात हिन्दुओं को नही मय्यसर है, वह धर्म के प्रभाव से मुसलमानों को सहज प्राप्त है। उनमे जाति नहीं, खाने- पीने में चूल्हा- चौका नहीं, विलायत जाने में रोक - टोक नहीं। फिर भी बड़े ही सोच की बात है, मुसलमानों ने अभी तक अपनी दशा नहीं सुधारी। अभी तक बहुतों को यही ज्ञान है कि दिल्ली ,लखनऊ की बादशाहत कायम है। यारो ! वो दिन गए। अब आलस, हठधर्मी यह सब छोड़ो। चलो हिन्दुओं के साथ तुम भी दौड़ो। एक -एक दो होंगे। भाई हिन्दुओं तुम भी मत- मतांतर का आग्रह छोड़ो। आपस में प्रेम बढाओ। इस महामंत्र का जाप करो। सब उन्नतियों का मूल धर्म है। भाइयों अब तो नींद से जागो, अपने देश की सब प्रकार उन्नति करो।
उपर्युक्त गद्यांश के आधार पर निम्न विकल्पों में से उचित शीर्षक का चयन करें -