UPSSSC VDO HINDI QUIZ

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Question 1:

निर्देश- निम्नलिखित गद्यांश के रिक्त-स्थान की पूर्ति गद्यांश के नीचे दिए गए प्रश्न के अनुसार कीजिए।

मेरे पिताजी फ़ारसी के अच्छे ………….. (1 ) और पुरानी हिंदी कविता के बड़े प्रेमी थे। फ़ारसी कवियों की उक्तियों को हिंदी कवियों की उक्तियों के साथ मिलाने में उन्हें बड़ा आनंद आता था। वे रात को प्रायः रामचरितमानस और रामचंद्रिका, घर के सब लोगों को एकत्र करके बड़े ……………. (2 ) ढंग से पढ़ा करते थे। आधुनिक हिंदी-साहित्य में भारतेन्दु जी के नाटक उन्हें बहुत प्रिय थे। उन्हें भी वे कभी कभी सुनाया करते थे। जब उनकी बदली हमीरपुर ज़िले की राठ तहसील से मिर्जापुर हुई तब मेरी अवस्था आठ वर्ष की थी। उसके पहिले ही से भारतेन्दु के संबंध में एक अपूर्व मधुर भावना मेरे मन में जगी रहती थी सत्य हरिश्चंद्र नाटक के नायक राजा हरिश्चंद्र और कवि हरिश्चंद्र में मेरी ………….. (3 ) कोई भेद नहीं कर पाती थी। हरिश्चंद्र शब्द से दोनों की एक मिलीजुली भावना एक अपूर्व …………. (4) का संचार मेरे मन में करती थी। मिर्जापुर आने पर कुछ दिनों में सुनाई पड़ने लगा कि भारतेन्दु हरिश्चंद्र के एक मित्र यहाँ रहते हैं जो हिंदी के एक …………….( 5 ) कवि हैं जिनका नाम है उपाध्याय बद्रीनारायण चौधरी।

गद्यांश में सांकेतिक रिक्त- स्थान(1) के लिए उपयुक्त शब्द क्या होगा?

निर्देश- निम्नलिखित गद्यांश के रिक्त-स्थान की पूर्ति गद्यांश के नीचे दिए गए प्रश्न के अनुसार कीजिए।
मेरे पिताजी फ़ारसी के अच्छे ………….. (1 ) और पुरानी हिंदी कविता के बड़े प्रेमी थे। फ़ारसी कवियों की उक्तियों को हिंदी कवियों की उक्तियों के साथ मिलाने में उन्हें बड़ा आनंद आता था। वे रात को प्रायः रामचरितमानस और रामचंद्रिका, घर के सब लोगों को एकत्र करके बड़े ……………. (2 ) ढंग से पढ़ा करते थे। आधुनिक हिंदी-साहित्य में भारतेन्दु जी के नाटक उन्हें बहुत प्रिय थे। उन्हें भी वे कभी कभी सुनाया करते थे। जब उनकी बदली हमीरपुर ज़िले की राठ तहसील से मिर्जापुर हुई तब मेरी अवस्था आठ वर्ष की थी। उसके पहिले ही से भारतेन्दु के संबंध में एक अपूर्व मधुर भावना मेरे मन में जगी रहती थी सत्य हरिश्चंद्र नाटक के नायक राजा हरिश्चंद्र और कवि हरिश्चंद्र में मेरी ………….. (3 ) कोई भेद नहीं कर पाती थी। हरिश्चंद्र शब्द से दोनों की एक मिलीजुली भावना एक अपूर्व …………. (4) का संचार मेरे मन में करती थी। मिर्जापुर आने पर कुछ दिनों में सुनाई पड़ने लगा कि भारतेन्दु हरिश्चंद्र के एक मित्र यहाँ रहते हैं जो हिंदी के एक …………….( 5 ) कवि हैं जिनका नाम है उपाध्याय बद्रीनारायण चौधरी।

Question 2:

सही युग्म चुनिए -

Question 3:

‘सामर्थ्य और सीमा’ उपन्यास के रचयिता हैं-

Question 4:

निम्न विकल्पों में से रिक्त स्थान की पूर्ति के लिए उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए-

महात्मा गाँधी अहिंसा के साक्षात्                   थे।

Question 5:

नयन  स्त्रीलिंग है या पुल्लिंग :

Question 6:

निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश के बाद प्रश्न दिये गये हैं। इस गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें और चार विकल्पों में से प्रत्येक प्रश्न का सर्वोत्तम उत्तर चुनें।
अवध की संस्कृति में सुसज्जित घोड़ा परिवहन का साधन और शान का प्रतीक था। मुख्य रूप से तीन प्रकार के ताँगे और इक्के मिलते हैं - बग्गी, फिटन और टमटम। बग्गी बंद डिब्बे की होती है, जिन्हें नवाबों द्वारा यात्रा में वरीयता दी जाती थी। किन्तु ताँगे व इक्के का शाब्दिक अर्थ अधिक अश्व शक्ति की ओर इंगित करता है। इक्के में एक घोड़ा होता है जबकि बग्गी या ताँगे में दो, चार या अधिक घोड़े होते हैं। यह वास्तव में इस्तेमाल करने वाले की सामाजिक प्रतिष्ठा पर निर्भर करता है। 18वीं सदी के उत्तरार्द्ध और 19 वीं सदी के प्रारम्भ में अवध के सामाजिक-सांस्कृतिक और आर्थिक माहौल में बदलाव आया। जीवन के विभित्र क्षेत्रों मे हल्के वाहनों का निर्माण और इस्तेमाल होने लगा, जिसमें कम से कम अश्व शक्ति लगे। सामान्य बोलचाल में इक्के का अर्थ है इक या एक यानि एक व्यक्ति के इस्तेमाल के लिए। इसके अतिरिक्त ताँगा एक परिवार वाहन था। किन्तु, किफायत की मजबूरी को देखते हुए इक्के में अधिक संख्या में यात्री बैठाने पड़े। ताँगा अपेक्षाकृत भारी और बड़ा वाहन है, जिसमें पैरों के लिए अधिक जगह होती है और चार से छह वयस्क पीछे कमर लगाकर बैठ सकते हैं। हर साल इन ताँगो और इक्कों की दौड़ लखनऊ में होती है। जँगी घोड़े इस दौरान सबके लिए आकर्षण का केन्द्र-बिन्दु होते हैं। घोड़े के खूरों का भी श्रृंगार किया जाता है। पुरानी नाल के स्थान पर नई नाल लगाई जाती है। पैरों की सुंदरता बढ़ाने के लिए कशीदाकारी युक्त वस्त्र पैरों में डाले जाते हैं और पीतल या चाँदी के घुंघरू बाँधे जाते हैं।

घोड़ों के पैरो को किस रूप में सजाया जाता है?

निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश के बाद प्रश्न दिये गये हैं। इस गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें और चार विकल्पों में से प्रत्येक प्रश्न का सर्वोत्तम उत्तर चुनें।
अवध की संस्कृति में सुसज्जित घोड़ा परिवहन का साधन और शान का प्रतीक था। मुख्य रूप से तीन प्रकार के ताँगे और इक्के मिलते हैं - बग्गी, फिटन और टमटम। बग्गी बंद डिब्बे की होती है, जिन्हें नवाबों द्वारा यात्रा में वरीयता दी जाती थी। किन्तु ताँगे व इक्के का शाब्दिक अर्थ अधिक अश्व शक्ति की ओर इंगित करता है। इक्के में एक घोड़ा होता है जबकि बग्गी या ताँगे में दो, चार या अधिक घोड़े होते हैं। यह वास्तव में इस्तेमाल करने वाले की सामाजिक प्रतिष्ठा पर निर्भर करता है। 18वीं सदी के उत्तरार्द्ध और 19 वीं सदी के प्रारम्भ में अवध के सामाजिक-सांस्कृतिक और आर्थिक माहौल में बदलाव आया। जीवन के विभित्र क्षेत्रों मे हल्के वाहनों का निर्माण और इस्तेमाल होने लगा, जिसमें कम से कम अश्व शक्ति लगे। सामान्य बोलचाल में इक्के का अर्थ है इक या एक यानि एक व्यक्ति के इस्तेमाल के लिए। इसके अतिरिक्त ताँगा एक परिवार वाहन था। किन्तु, किफायत की मजबूरी को देखते हुए इक्के में अधिक संख्या में यात्री बैठाने पड़े। ताँगा अपेक्षाकृत भारी और बड़ा वाहन है, जिसमें पैरों के लिए अधिक जगह होती है और चार से छह वयस्क पीछे कमर लगाकर बैठ सकते हैं। हर साल इन ताँगो और इक्कों की दौड़ लखनऊ में होती है। जँगी घोड़े इस दौरान सबके लिए आकर्षण का केन्द्र-बिन्दु होते हैं। घोड़े के खूरों का भी श्रृंगार किया जाता है। पुरानी नाल के स्थान पर नई नाल लगाई जाती है। पैरों की सुंदरता बढ़ाने के लिए कशीदाकारी युक्त वस्त्र पैरों में डाले जाते हैं और पीतल या चाँदी के घुंघरू बाँधे जाते हैं।

Question 7:

निम्नलिखित विकल्पों में से ‘अथाह’ का विलोम शब्द है-

Question 8:

इ, ई, च, छ, ज, झ, ञ आदि का उच्चारण किससे होता है ?

Question 9:

ड़ और ढ़ को कहा जाता है -

Question 10:

निर्देश - निम्‍नलिखित काव्‍यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्‍न के सबसे उपयुक्‍त उत्‍तर वाले विकल्‍प चुनिए: 


मृदु मिट्टी के हैं बने हुए,

मधु घट फूटा ही करते हैं,

लघु जीवन लेकर आए हैं,

प्याले टूटा ही करते हैं,


फिर भी मदिरालय के अंदर मधु के घट हैं,

मधु प्याले हैं,

जो मादकता के मारे हैं,

वे मधु लूटा ही करते हैं,


वह कच्चा पीने वाला है,

जिसकी ममता घट प्यालो पर,

जो सच्चे मधु से जला हुआ

कब रोता है, चिल्लाता है,

जो बीत गई, सो बात गई!

“वे मधु लूटा ही करते हैं” वाक्य में संज्ञा है :

निर्देश - निम्‍नलिखित काव्‍यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्‍न के सबसे उपयुक्‍त उत्‍तर वाले विकल्‍प चुनिए:

मृदु मिट्टी के हैं बने हुए,
मधु घट फूटा ही करते हैं,
लघु जीवन लेकर आए हैं,
प्याले टूटा ही करते हैं,

फिर भी मदिरालय के अंदर मधु के घट हैं,
मधु प्याले हैं,
जो मादकता के मारे हैं,
वे मधु लूटा ही करते हैं,

वह कच्चा पीने वाला है,
जिसकी ममता घट प्यालो पर,
जो सच्चे मधु से जला हुआ
कब रोता है, चिल्लाता है,
जो बीत गई, सो बात गई!