UPSSSC VDO HINDI QUIZ

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Question 1:

‘ईंट की देवी, माँगे का प्रसाद’ दिए गये विकल्पों में से लोकोक्ति का सही अर्थ का चयन करें -

Question 2:

'पुरातन' में कौन- सा उपसर्ग प्रयुक्त हैं ?

Question 3:

निम्नलिखित विकल्पों में से किस विकल्प में सभी शब्द व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ हैं ?

Question 4:

निम्नलिखित में से अशुद्ध वाक्य का चयन करो-

Question 5:

"पिताजी आ रहे हैं। " रेखांकित शब्द का वचन बताएं  -

Question 6:

नीचे दिए गये गद्यांश के बाद 5 प्रश्न दिए गये हैं। इस गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें और चार विकल्पों में से प्रत्येक प्रश्न का सर्वोत्तम उत्तर चुनें।

पारखी डा. बोगल ने यूं ही चम्बा को अचंभा नहीं कह डाला था। और इसमें सैलानी भी इस नगरी में यूं ही नहीं खिंचे चले आते। चम्बा की वादियों में ऐसा कोई सम्मोहन जरूर है जो सैलानियों को मंत्रमुग्ध कर देता है और वे बार-बार यहाँ दस्तक देने चले आते हैं। जहाँ मंदिर में उठती स्वर लहरियाँ परिवेश को आध्यात्मिक बनाती हैं वहीं रावी नदी की मस्त रवानगी और पहाड़ों से आते शीतल हवा के झोंके से सैलानियों को ताजगी का एहसास कराते हैं। चम्बा का इतिहास, कला, धर्म और पर्यटन का मनोहारी मेल है और चम्बा के लोग अलमस्त, फक्कड़ तबीयत के। चम्बा की "पहाड़ियों को ज्यों-ज्यों हम पार करते हैं, आश्चर्यों के कई वक्र सामने खुलते चले जाते हैं। प्रकृति अपने दिव्य सौन्दर्य की झलक दिखलाती है। चम्बा के सौन्दर्य को आत्मसात करने के बाद ही डा. बोगल ने इसे अचंभा कहा होगा। चम्बा का यह सौभाग्य रहा कि उसे एक से एक बड़ा कलाप्रिय, धार्मिक और जनसेवक राजा मिला। इन राजाओं के काल में न सिर्फ यहाँ की लोककलाएँ फली-फूलीं अपितु इनकी ख्याति चम्बा की सीमाओं को पार करके पूरे भारत में फैली। इन कलाप्रिय नरेशों में राजश्रीसिंह (1844), राजारामसिंह (1873) व राजा भूरि सिंह (1904) के नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। वास्तुकला हो या भित्तिचित्रकला, मूर्तिकला हो या काष्टकला, जितना प्रोत्साहन इन्हें चम्बा में मिला शायद ही अन्यत्र कहीं मिला हो। चम्बा की कलम शैली ने खास अपनी पहचान बनाई है। किसी घाटी की ऊंचाई पर खड़े होकर देखें तो समूचा चम्बा शहर भी किसी अनूठी कलाकृति जैसा ही लगता है।


वशीकृत शब्द का समानार्थी शब्द अनुच्छेद में से पहचानिये।

नीचे दिए गये गद्यांश के बाद 5 प्रश्न दिए गये हैं। इस गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें और चार विकल्पों में से प्रत्येक प्रश्न का सर्वोत्तम उत्तर चुनें।

पारखी डा. बोगल ने यूं ही चम्बा को अचंभा नहीं कह डाला था। और इसमें सैलानी भी इस नगरी में यूं ही नहीं खिंचे चले आते। चम्बा की वादियों में ऐसा कोई सम्मोहन जरूर है जो सैलानियों को मंत्रमुग्ध कर देता है और वे बार-बार यहाँ दस्तक देने चले आते हैं। जहाँ मंदिर में उठती स्वर लहरियाँ परिवेश को आध्यात्मिक बनाती हैं वहीं रावी नदी की मस्त रवानगी और पहाड़ों से आते शीतल हवा के झोंके से सैलानियों को ताजगी का एहसास कराते हैं। चम्बा का इतिहास, कला, धर्म और पर्यटन का मनोहारी मेल है और चम्बा के लोग अलमस्त, फक्कड़ तबीयत के। चम्बा की "पहाड़ियों को ज्यों-ज्यों हम पार करते हैं, आश्चर्यों के कई वक्र सामने खुलते चले जाते हैं। प्रकृति अपने दिव्य सौन्दर्य की झलक दिखलाती है। चम्बा के सौन्दर्य को आत्मसात करने के बाद ही डा. बोगल ने इसे अचंभा कहा होगा। चम्बा का यह सौभाग्य रहा कि उसे एक से एक बड़ा कलाप्रिय, धार्मिक और जनसेवक राजा मिला। इन राजाओं के काल में न सिर्फ यहाँ की लोककलाएँ फली-फूलीं अपितु इनकी ख्याति चम्बा की सीमाओं को पार करके पूरे भारत में फैली। इन कलाप्रिय नरेशों में राजश्रीसिंह (1844), राजारामसिंह (1873) व राजा भूरि सिंह (1904) के नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। वास्तुकला हो या भित्तिचित्रकला, मूर्तिकला हो या काष्टकला, जितना प्रोत्साहन इन्हें चम्बा में मिला शायद ही अन्यत्र कहीं मिला हो। चम्बा की कलम शैली ने खास अपनी पहचान बनाई है। किसी घाटी की ऊंचाई पर खड़े होकर देखें तो समूचा चम्बा शहर भी किसी अनूठी कलाकृति जैसा ही लगता है।

Question 7:

दिए गए विकल्पों में से पुल्लिंग शब्द का चयन करें-

Question 8:

निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस सही विकल्प का चयन करें जो अशुद्ध वाक्य के शुद्ध रूप का सबसे अच्छा विकल्प है।

घूमना सुबह अच्छा है।

Question 9:

सघोष वर्ण कौन -सा है ?

Question 10:

'अंबु' के लिए पर्यायवाची शब्द है-