UP POLICE CONSTABLE HINDI QUIZ

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Question 1:

दिए गए विकल्पों में से ‘वीभत्स रस’ का स्थाई भाव क्या है?

Question 2:

चमक उठी सन सत्तावन में वो तलवार पुरानी थी। रस भेद बताइए।

Question 3:

निम्नलिखित में से शुद्ध वाक्य का चयन कीजिए?

Question 4:

‘वृंदावनलाल वर्मा’ द्वारा रचित उपन्यास है-

Question 5:

निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द 'उल्लास' का पर्यायवाची नहीं है?

Question 6:

दिए गये विकल्पों में से 'ज्योति' का विलोम शब्द कौन सा है ?

Question 7:

(!) कोष्ठक में दिए गए विराम चिह्न का नाम है-

Question 8:

नीचे दिए गए गद्यांश को ध्‍यानपूर्वक पढ़े और चार विकल्‍पो में से प्रत्‍येक प्रश्‍न का सर्वोत्तम उत्तर चुनें।

व्‍यवसायीकरण की आंधी से खेलों की दुनिया भी नही बची रह सकी। आज खेलों का अपना एक अलग अर्थशास्‍त्र है। पिछले दिनों भारत में आयोजित इंडियन प्रीमयर लीग यानी आईपीएल ने यह साबित कर दिया कि खेलों का बाजारीकरण किस हद तक किया जा सकता है और वह कितने भारी लाभ का सौदा है। हालांकि, पहले से ही क्रिकेट में पैसों की भरमार रही है लेकिन आईपीएल ने इस खेल की अर्थव्‍यवस्‍था को ऐसा विस्‍तार दिया है कि इसका असर लंबे समय तक बना रहेगा। एक अनुमान के मुताबिक भारत में खेल उद्योग का आकार दस हजार करोड़ रूपए सालाना तक पहुंच गया है। खेलों ने उत्‍सव का रूप धारण कर दिया है। यह हमारे दिन-प्रतिदिन के जीवन को प्रभावित करते है। बाजार ने खेलों को एक ऐसे उद्योग में तब्‍दील कर दिया है कि इससे सामान्‍य जनजीवन पर असर पड़ने लगा है। मैच के हिसाब से लोग अपनी दिनचर्या तय करने लगे है। क्रिकेट के अलावा अगर देखे तो भारत में भी अन्‍य खेलों में पैसों का दखल बढ़ा है। 2008 बीजिंग में सम्‍पन्‍न ओलंपिक ने भी यह साबित कर दिया कि खेलों की अपनी एक अलग अर्थव्‍यवस्‍था है और भूमंडलीकरण के इस दौर में इसकी उपेक्षा नहीं की जा सकती है। बहरहाल, अब हालत ऐसे हो गए है कि खेल प्रतिस्‍पर्धाएं कई बहुराष्‍ट्रीय कंपनियों के बजट पर असर डालने लगी है। इस बात में किसी को भी संदेह नहीे होना चाहिए कि खेलो ने एक उद्योग का स्‍वरूप ले लिया है। बहरहाल, इस बार के बीजिंग ओलपिंक के बारह मुख्‍य प्रायोजक थे। इसमें कोडक जैसी कंपनी भी शामिल रही, जिसने आधुनिक खेलो का साथ 1896 से ही दिया है। इसके अलावा ओलंपिक के बड़े प्रायोजकों में कोका कोला भी थी, जो 1928 से ओलंपिक के साथ जुड़ी हुई है। इन बारह मुख्‍य प्रायोजको से आयोजकों की संयुक्‍त आमदनी 866 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई है।

खेल प्रतिस्पर्धाओं का किसके बजट पर असर हो रहा है ?

Comprehension:

नीचे दिए गए गद्यांश को ध्‍यानपूर्वक पढ़े और चार विकल्‍पो में से प्रत्‍येक प्रश्‍न का सर्वोत्तम उत्तर चुनें।

व्‍यवसायीकरण की आंधी से खेलों की दुनिया भी नही बची रह सकी। आज खेलों का अपना एक अलग अर्थशास्‍त्र है। पिछले दिनों भारत में आयोजित इंडियन प्रीमयर लीग यानी आईपीएल ने यह साबित कर दिया कि खेलों का बाजारीकरण किस हद तक किया जा सकता है और वह कितने भारी लाभ का सौदा है। हालांकि, पहले से ही क्रिकेट में पैसों की भरमार रही है लेकिन आईपीएल ने इस खेल की अर्थव्‍यवस्‍था को ऐसा विस्‍तार दिया है कि इसका असर लंबे समय तक बना रहेगा। एक अनुमान के मुताबिक भारत में खेल उद्योग का आकार दस हजार करोड़ रूपए सालाना तक पहुंच गया है। खेलों ने उत्‍सव का रूप धारण कर दिया है। यह हमारे दिन-प्रतिदिन के जीवन को प्रभावित करते है। बाजार ने खेलों को एक ऐसे उद्योग में तब्‍दील कर दिया है कि इससे सामान्‍य जनजीवन पर असर पड़ने लगा है। मैच के हिसाब से लोग अपनी दिनचर्या तय करने लगे है। क्रिकेट के अलावा अगर देखे तो भारत में भी अन्‍य खेलों में पैसों का दखल बढ़ा है। 2008 बीजिंग में सम्‍पन्‍न ओलंपिक ने भी यह साबित कर दिया कि खेलों की अपनी एक अलग अर्थव्‍यवस्‍था है और भूमंडलीकरण के इस दौर में इसकी उपेक्षा नहीं की जा सकती है। बहरहाल, अब हालत ऐसे हो गए है कि खेल प्रतिस्‍पर्धाएं कई बहुराष्‍ट्रीय कंपनियों के बजट पर असर डालने लगी है। इस बात में किसी को भी संदेह नहीे होना चाहिए कि खेलो ने एक उद्योग का स्‍वरूप ले लिया है। बहरहाल, इस बार के बीजिंग ओलपिंक के बारह मुख्‍य प्रायोजक थे। इसमें कोडक जैसी कंपनी भी शामिल रही, जिसने आधुनिक खेलो का साथ 1896 से ही दिया है। इसके अलावा ओलंपिक के बड़े प्रायोजकों में कोका कोला भी थी, जो 1928 से ओलंपिक के साथ जुड़ी हुई है। इन बारह मुख्‍य प्रायोजको से आयोजकों की संयुक्‍त आमदनी 866 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई है।

Question 9:

दिए गए विकल्पों में से ‘पार्श्व’ का अनेकार्थी है-

Question 10:

'व' का उच्चारण स्थान है -