“सुनहु राम जेहिं सिवधनु तोरा। सहसबाहु सम सो रिपु मोरा।” प्रस्तुत पंक्तियों में कौन - सा रस है?
“सुनहु राम जेहिं सिवधनु तोरा। सहसबाहु सम सो रिपु मोरा।” प्रस्तुत पंक्तियों में कौन -सा रस है?
“सिर पर बैठ्यो काग आँख दोउ खात निकारत।
खिंचत जीभहिं स्यार अतिहि आनंद उर धारत।।
प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा रस है?
"धोखा न दो भैया मुझे, इस भाँति आकर के यहाँ
मझधार में मुझको बहाकर तात जाते हो कहाँ ?"
उपर्युक्त पंक्ति में कौन - सा रस है ?
ऊधो, मन न भए दस बीस ।
एक हुतो सौ गयौ स्याम संग,को अवराधै ईस ।।
उपर्युक्त पंक्तियों में कौन - सा रस है ?
"प्रिय पति वह मेरा प्राण प्यारा कहाँ हैं ?
दुःख जलनिधि डूबी का सहारा कहाँ है ?"
सर्वश्रेष्ठ रस किसे माना जाता है?
निम्नलिखित में से कौन-सा रस 'वीभत्स' का विरोधी है?
अँखिया हरि दरसन की भूखी। कैसे रहें रूप रस राँची, ए बतियाँ सुनि रूखीं। उपर्युक्त पंक्तियों में कौन-सा रस है?
मन रे तन कागद का पुतला।
लागै बूँद बिनसि जाय छिन में,
गरब करे क्या इतना।।
इन पंक्तियों में कौन-सा रस है?
हास्य रस का स्थायी भाव है-
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